ब्राह्मण को एक हाथ में माला, दूसरे में भाला लेना होगा, महाकुंभ में बोले शंकराचार्य नरेंद्रानंद सरस्वती

लखनऊ: आज सनातन एकता की जरूरत है। सनातन मानने वाले सभी वर्णों को एक होना होगा। इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में गुुरुवार को ब्राह्मण महासभा की ओर से आयोजित ब्राह्मण महाकुंभ में काशी सुमेर पीठ के शंकराचार्य नरेंद्रानंद सरस्वती ने कहा कि अब समय आ गया है कि ब्राह्मण को एक हाथ में माला और दूसरे में भाला लेना होगा। इस दौरान डेप्युटी सीएम ब्रजेश पाठक भी मौजूद रहे। उन्होंने संतों के पैर छूकर आशीर्वाद लिए और कहा कि हम आपके साथ हैं।

महाकुंभ में भगवान परशुराम के जयघोष के बीच कई नेता और संत-महात्माओं ने ब्राह्मण एकता और सनातनी परंपरा को बनाए रखने पर जोर दिया। इस दौरान शंकराचार्य नरेंद्रानंद सरस्वती ने कहा कि सनातन के लिए जिसने भी अभद्र भाषा का प्रयोग किया है, वह बाद में अपने शरीर से खड़ा भी नहीं हो पाया है। सनातन को मानने वाले चार वर्णों में सब एक ही शरीर के अंग है। अगर शरीर का एक अंग कमजोर होगा तो पूरा शरीर ही कमजोर हो जाएगा, इसलिए इसमें भेद नहीं हैं। सब एक हैं। उन्होंने कहा कि मंदिर अगर सरकारी नियंत्रण में हो सकते हैं तो मस्जिद क्यों नहीं। उन्होंने भगवान परशुराम को जिंदा बताते हुए कहा कि उनको याद करने वालों का वह मार्गदर्शन करते हैं।

महाकुंभ में राजनेता सतीश द्विवेदी ने कहा कि अक्सर शादी-ब्याह के मौकों पर हम दूसरे परिवार के बारे में पूछताछ करते हैं। कौन ब्राह्मण, कहां के हैं। यह सब नहीं होना चाहिए, तभी एका हो पाएगा। इस दौरान कानपुर के ज्योतिषाचार्य केएम दुबे पद्मेश और दिनेश दुबे ने भी अपने विचार रखे। कार्यक्रम का संयोजन ब्राह्मण महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजेंद्र नाथ त्रिपाठी ने किया।

 

 

 

 

 

 

 

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