हनीट्रैप में फंसा Dockyard का Staff, हुस्न के चक्कर में लगा दी देश की सुरक्षा में सेंध, युद्धपोतों-पनडुब्बियों के 25 स्केच लीक

 

महाराष्ट्र एटीएस ने हाल ही में पाकिस्तानी इंटेलिजेंस को भारत की खुफिया जानकारी देने के आरोप में कल्पेश बाइकर को गिरफ्तार किया था. कल्पेश पिछले कई महीनों से पाकिस्तानी लड़की के संपर्क में था. कल्पेश पर कथित तौर पर भारत की खुफिया जानकारी लीक करने का आरोप लगा है. नवी मुंबई एटीएस ने कल्पेश को मझगांव डॉकयार्ड से गिरफ्तार किया था. वहीं, अब एटीएस की पूछताछ में कल्पेश ने बेहद चौकाने वाला खुलासा किया है. उसके इस खुलासे से ATS भी सकते में है.

कप्लेश ने दुश्मन देश से देश की सुरक्षा में लगी युद्धपोतों और पनडुब्बियों से जुड़ी ऐसी जानकारी साझा की है, जो हमारे वीर सैनिकों की सुरक्षा के लिए आपात स्थिति में खतरा हो सकता है इसलिए कल्पेश की कस्टडी 5 दिन के लिए यानी 19 मार्च तक बढ़ा दी गई है. कल्पेश मझगांव डॉकयार्ड का कर्मचारी है. वह यहां स्ट्रक्चरल फैब्रिकेटर के पद पर काम करता था. कल्पेश की 2019 में मझगांव डॉकयार्ड में मरम्मत और उन्नयन के लिए कॉन्ट्रैक्ट कर्मचारी के तौर पर ज्वाइनिंग हुई थी. हर साल उसका कॉन्ट्रैक्ट रिन्यू होते रहा.

युद्धपोतों और पनडुब्बियों के 25 स्केच लीक

कल्पेश ने पाकिस्तानी खुफिया संचालकों यानी (पीआईओ) के साथ आईएनएस उदयगिरी सहित युद्धपोतों, पनडुब्बियों के 25 स्केच उन्हें उपलब्ध करवाए हैं, जो राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा है. उदयगिरी सहित और कौन कौन सी पनडुब्बी और युद्धपोत के स्केच कल्पेश ने साझा किए हैं, उसकी जानकारी जुटाई जा रही है. इसके साथ ही ये स्केच उसने कैसे हासिल किए? क्या उसके साथ कोई और शामिल है, उसकी भी जांच की जा रही है.

एटीएस ने कोर्ट में मांग की थी की उन्हें सभी स्केच की जांच के लिए और समय चाहिए. एटीएस ने अदालत के समक्ष कहा, ‘हमने सभी स्केच मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स लिमिटेड को भेज दिए हैं और पूछा है कि कौन सा स्केच संवेदनशील और देश के लिए खतरा है.’ उन्होंने आगे कहा कि उन्हें आरोपी से जांच करानी होगी क्योंकि उसने ये सभी स्केच साझा किए थे. आरोपियों द्वारा साझा किए गए सभी स्केच में लंबाई, घुमावों की संख्या और मिसाइल की स्थिति जैसे विवरण थे.

हनीट्रैप से जुड़ा है मामला

दरअसल, कल्पेश का मामला हनीट्रैप से जुड़ा हुआ है. हनीट्रैप के लिए मछुआरे के मोबाइल नंबर का इस्तेमाल हुआ है. एटीएस ने खुलासा किया कि फेसबुक और व्हाट्सएप चैट के माध्यम से सोनाली शर्मा नामक एक काल्पनिक व्यक्ति के संपर्क में था, जो वास्तव में पाकिस्तान स्थित इंटेलिजेंस ऑपरेटिव (पीआईओ) था. एटीएस ने अदालत को सूचित किया कि पीआईओ एजेंट द्वारा कल्पेश बाइकर के साथ चैट के लिए सोनाली शर्मा बनकर इस्तेमाल किए गए मोबाइल नंबर की जांच करने पर पता चला कि वह नंबर गुजरात में पंजीकृत था.

हनीट्रैप के लिए मछुआरे के मोबाइल नंबर का इस्तेमाल

इसके बाद एटीएस टीम गुजरात पहुंची जहां एजेंसी को पता चला कि वह नंबर एक मछुआरे का था. हालांकि, उन्होंने पिछले कई सालों से इसका इस्तेमाल नहीं किया था. लगभग छह-सात साल पहले, मछुआरे को गहरे समुद्र में मछली पकड़ने के अभियान के दौरान पाकिस्तानी सुरक्षा बलों ने गिरफ्तार कर लिया था और फिर उसे पाकिस्तानी जेल में भेज दिया गया था. उसका फोन और अन्य सामान पाकिस्तानी सुरक्षा बलों ने जब्त कर लिया था. साढ़े तीन साल जेल में बिताने के बाद उसे रिहा कर दिया गया और वह भारत लौट आया. हालांकि पाकिस्तानी बलों ने उनका मोबाइल फोन, सिम कार्ड और अन्य जब्त सामान वापस नहीं किया.

कल्पेश की कस्टडी 19 मार्च तक बढ़ा दी गई

एटीएस के मुताबिक उस नंबर का इस्तेमाल हनीट्रैप और गिरफ्तार आरोपी कल्पेश बाइकर से युद्धपोतों, पनडुब्बियों की जानकारी निकालने के लिए किया गया था. एटीएस के मुताबिक, रायगढ़ के अलीबाग तालुका के रहने वाले कल्पेश बाइकर ने सोनाली शर्मा के साथ वॉयस और वीडियो कॉल भी की थी, दो ऑडियो और थे व्हाट्सएप पर वीडियो कॉल वीडियो कॉल में एक लड़की दिखी. एटीएस ने कोर्ट के सामने कहा कि इन सभी की जांच करना जरूरी है. इसके बाद कल्पेश की कस्टडी 19 मार्च तक बढ़ा दी गई है.

 

 

 

 

 

 

 

 

 

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