कोलकाता: शाहजहां शेख के खिलाफ तृणमूल कांग्रेस ने बड़ा एक्शन लिया है। 55 दिनों तक फरार रहे शाहजहां को पार्टी से 6 साल तक निलंबित कर दिया गया है। पश्चिम बंगाल के संदेशखालि में महिलाओं के नेतृत्व में हुए हिंसक विरोध प्रदर्शन और कई दिनों तक चले सियासी संग्राम के बाद बृहस्पतिवार तड़के 55 दिनों से फरार तृणमूल कांग्रेस के नेता शाहजहां शेख को गिरफ्तार कर लिया गया। शेख पर यौन उत्पीड़न एवं जमीन हड़पने का आरोप है।
शाहजहां शेख की गिरफ्तारी के बाद एक्शन में ममता बनर्जी-
टीएमसी नेता शाहजहां शेख की गिरफ्तारी के तुरंत बाद ममता बनर्जी और उनकी पार्टी ने कड़ा एक्शन लिया है। टीएमसी ने शेख शाहजहां को 6 साल के लिए पार्टी से निलंबित करने का फैसला किया है। कहीं न कही लंबे वक्त से ममता और टीएमसी पर उठ रहे सवाल के बाद ये एक्शन टीएमसी के लिए डैमेज कंट्रोल करने में मदद कर सकता है।
शाहजहां शेख को छह वर्ष के लिए किया पार्टी से निलंबित-
तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के नेता डेरेक ओ’ब्रायन ने बृहस्पतिवार को कहा कि पश्चिम बंगाल के संदेशखालि में महिलाओं के यौन शोषण और जमीन हड़पने के आरोपी तृणमूल के बाहुबली नेता शाहजहां शेख को छह वर्ष के लिए पार्टी से निलंबित कर दिया गया। संदेशखालि विधानसभा क्षेत्र के पार्टी संयोजक शेख उत्तर 24 परगना जिला परिषद के सदस्य भी है। उत्तर 24 परगना जिला परिषद पर तृणमूल का कब्जा है।
डेरेक ओ’ब्रायन ने कहा, ‘हमने शाहजहां शेख को छह वर्षों के लिए पार्टी से निलंबित करने का फैसला किया है। हमेशा की तरह हम अपनी बात पर अडिग हैं। हमने अतीत में भी ऐसे उदाहरण स्थापित किए हैं और आज भी हम ऐसा कर रहे हैं।’ डेरेक ने कहा, ‘हम भाजपा को उन नेताओं को निलंबित करने की चुनौती देते हैं, जिनके खिलाफ भ्रष्टाचार और कई आपराधिक मामले दर्ज हैं।’
बता दें, अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (दक्षिण बंगाल) सुप्रतिम सरकार ने कहा कि शेख को उत्तर 24 परगना जिले के सुंदरवन के बाहरी इलाके में संदेशखालि से लगभग 30 किमी दूर मिनाखान थाना क्षेत्र में एक घर से गिरफ्तार किया गया। पुलिस ने बताया कि शेख कुछ साथियों के साथ उस घर में छिपा था। उसके अनुसार गिरफ्तार करने के बाद उसे बशीरहाट अदालत में पेश किया गया जिसने उसे 10 दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया।
आरोपी शाहजहां ने मीडियाकर्मियों की तरफ हाथ हिलाया-
सफेद कुर्ता-पायजामा पहने शेख सुबह करीब 10 बजकर 40 बजे हवालात से बाहर आया और अदालत कक्ष की ओर चल दिया। उसने वहां इंतजार कर रहे मीडियाकर्मियों की तरफ हाथ हिलाया। मुश्किल से दो मिनट तक चली अदालती सुनवाई के बाद पुलिस उसे अज्ञात स्थान पर ले गई। कलकत्ता उच्च न्यायालय ने बुधवार को कहा था कि केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई), प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) या पश्चिम बंगाल पुलिस शेख को गिरफ्तार कर सकती है। इसके 24 घंटे के भीतर ही शेख को हिरासत में ले लिया गया।
राज्यपाल सी वी आनंद बोस ने कहा, ‘अंधकार के बाद उजाला जरूर होता है। मैं इसका स्वागत करता हूं।’ उन्होंने शेख की गिरफ्तारी के लिए सोमवार रात राज्य सरकार को 72 घंटे की ‘समयसीमा’ दी थी। राज्यपाल ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘यह एक अंत की शुरुआत है। हमें बंगाल में हिंसा के चक्र को समाप्त करना होगा। बंगाल के कुछ हिस्सों में गुंडे राज कर रहे हैं। यह खत्म होना चाहिए और गैंगस्टर को सलाखों के पीछे डाला जाना चाहिए।’
गिरफ्तारी के बाद भाजपा और टीएमसी में जुबानी जंग-
तृणमूल कांग्रेस ने कहा कि अदालत के निर्देश के बाद ही गिरफ्तारी संभव हुई, जबकि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने इसे ‘पूर्व नियोजित’ करार दिया है। तृणमूल प्रवक्ता कुणाल घोष ने कहा, ‘कानूनी उलझन के कारण शुरुआत में उसकी गिरफ्तारी नहीं हो सकी। हालांकि, अदालत द्वारा यह स्पष्ट किए जाने के बाद कि उसकी गिरफ्तारी पर कोई रोक नहीं है, पश्चिम बंगाल पुलिस ने अपना काम किया। विपक्ष ने उसकी गिरफ्तारी पर लगी ‘रोक’ का फायदा उठाया।’ उन्होंने कहा, ‘हमने कहा था कि शेख को सात दिन में गिरफ्तार कर लिया जाएगा, क्योंकि हमें राज्य पुलिस की क्षमता पर भरोसा था।’
भाजपा ने दावा किया कि पुलिस को उनके आंदोलन के कारण शेख को गिरफ्तार करने के लिए मजबूर होना पड़ा। प्रदेश भाजपा अध्यक्ष सुकांत मजूमदार ने कहा, ‘यह तृणमूल और राज्य पुलिस ही थी जो दोषियों को बचा रही थीं। अब उसे एक अच्छी तरह से गढ़ी गई कहानी के हिस्से के रूप में गिरफ्तार किया गया है। भाजपा की प्रदेश इकाई के लगातार आंदोलन के कारण राज्य प्रशासन को उसे गिरफ्तार करने के लिए मजबूर होना पड़ा।’
इन धाराओं के तहत दर्ज किया गया मामला, हुई गिरफ्तारी-
पुलिस ने बताया कि शेख को कथित राशन घोटाला मामले में पांच जनवरी को उसके घर पर छापेमारी के दौरान प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के अधिकारियों पर हमले के संबंध में नजात थाने में दर्ज दो मामलों में गिरफ्तार किया गया है। उसने बताया कि उसके खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धाराओं 147 (दंगा करना), 148 (घातक हथियार से लैस होकर दंगा करना), 149 (गैरकानूनी सभा), 307 (हत्या का प्रयास), 333 (लोक सेवक को जान-बूझकर गंभीर चोट पहुंचाना) और 392 (डकैती) के तहत मामला दर्ज किया गया है। पुलिस के एक अधिकारी ने कहा कि शेख का पता उसके मोबाइल फोन की ‘अवस्थिति’ से चला। हालात को नियंत्रित करने के लिए संदेशखालि के कुछ हिस्सों में अतिरिक्त बल भी तैनात किया गया है और यहां के 49 क्षेत्रों में दंड प्रकिया संहिता (सीआरपीसी) की धारा 144 के तहत निषेधाज्ञा लगायी गई है।