कुशीनगर। कोतवाली पडरौना, स्वाट व साइबर सेल की पुलिस टीम ने विदेश भेजने के नाम पर बेरोजगारों से लाखों रुपये ठग लेने वाले गिरोह को भंडाफोड़ किया है। पुलिस ने गिरोह के आठ सदस्यों को गिरफ्तार कर ठगी के 11 लाख रुपये, फर्जी आधार, कुवैत ,उज्बेकिस्तान, कतर, सउदी अरब, कम्बोडिया , मलेशिया, हांकांग, इजिप्ट आदि देशों की कंपनियों के फर्जी ऑफर लेटर, सरकारी दस्तावेज की मुहर, कई इलेक्ट्रॉनिक उपकरण व एक कार बरामद किया है। पिछले दिनों इसी गिरोह ने पडरौना में टेक्निकल इंस्टीट्यूट खोल कर डेढ़ सौ बेरोजगारों से लाखों रुपये ठगे थे और फरार हो गए थे। ठगों की मदद पडरौना शहर के तीन डायग्नोसिस सेंटर व दो सीएसी संचालक भी कर रहे थे।
पुलिस अधीक्षक धवल जायसवाल ने शनिवार को पुलिस कार्यालय में आयोजित प्रेसवार्ता में पुलिस की बड़ी कामयाबी की जानकारी हुए बताया कि पिछले दिनों पडरौना में भारत टेक्निकल इंस्टीट्यूट नामक संस्था खोली। कुछ बेरोजगारों से सोशल मीडिया पर विज्ञापन देकर यहां काम करने को तैयार किया। ऑनलाइन विदेशों में नौकरी देने की अधीकृत संस्था बताकर लोगों को बुलाया। खुद ही इंटरव्यू आदि लिया। शहर के तीन डायग्नोसिस सेंटर (कान्हा, कुमकुम व शिफा) को मोटा कमीशन देकर फर्जी मेडिकल व फिटनेस प्रमाण पत्र तैयार कराया। सेटिंग वाली दो सीएससी से बेरोजगारों को भेजकर उनके फर्जी कागजात तैयार कराए। इसके बाद खुद कुवैत, सउदी, कतर, कंबोडिया, उज्बेकिस्तान आदि की कंपनियां के ऑफर लेटर तैयार कर दिए। विदेशों के दूतावासों की फर्जी मुहर आदि लगाकर फर्जी कागजात थमा कर लाखों रुपये जमा करा लिए। विदेश जाने की डेट व जहाज के बारे में भी बता दिया और फर्जी टिकट व नौकरी के कागजात देकर सभी ठग फरार हो गए। इसके बाद बेरोजगारों को ठगे जाने का पता चला। बेरोजगारों ने पडरौना कोतवाली पुलिस से संपर्क किया। पुलिस ने मामला जानने के बाद ठगी के अन्य शिकार बेरोजगारों को भी बुलाया और तहरीर लेकर केस दर्ज कर लिया। पुलिस के अनुसार इस गिरोह ने गोरखपुर, कुशीनगर, बिहार, देवरिया आदि के करीब डेढ़ सौ बेरोजगारों से वसूली की थी।
एसपी ने बताया कि ठगी करने वाले सभी फरार थे और मोबाइल भी बंद था। पुलिस ने जब सिम की जांच की तो पता चला कि यह फर्जी नाम पते से लिया गया था। इसके बाद कोतवाली पडरौना, स्वाट व साइबर सेल ने आठ सौ से अधिक संदिग्ध मोबाइल नंबरों के डाटा का अध्ययन किया। इन्हीं में से क्लू मिला और इसके बाद एक-एक कर गिरोह के आठ सदस्य दबोच लिए गए। गिरोह अन्तर्राज्यीय स्तर फर्जीवाडा कर बेरोजगार युवकों के भविष्य खिलवाड कर अवैध रुप से धन अर्जित करते हैं।
एसपी ने बताया कि ठगों के इस गिरोह में शामिल आदर्श सिंह उर्फ मोनू राव उर्फ अंकित निवासी साखोपार थाना कसया, राजन यादव निवासी बगहा थाना धनहा जनपद पश्चिमी चम्पारण बिहार, अजय मौर्य निवासी बरपार थाना बड़हलगंज जनपद गोरखपुर, अविनाश राव निवासी बंगाली पट्टी थाना विशुनपुरा, अरविन्द पाण्डेय निवासी गोडरिया थाना विशुनपुरा, पीयूष कुमार गौतम निवासी चन्दनपुर मलगहा थाना रामकोला, ओंकारेश्वर दीक्षित निवासी सिरसिया दीक्षित थाना कोतवाली पडरौना, धीरज कुमार निवासी कोटवा बाजार थाना नेबुआ नौरंगिया जनपद कुशीनगर को गिरफ्तार किया गया है। इनके कब्जे से ठगी के 11 लाख रुपये, अपराध में प्रयुक्त लैपटाप, 12 मोबाईल, 16 पासपोर्ट, 29 फर्जी सिमकार्ड, 19 आधार कार्ड, तीन अदद एटीएम कार्ड, एक डेस्कटाप, सीपीयू, हार्ड डिस्क, कलर प्रिंटर, 54 कूटरचित सरकारी व प्राईवेट मुहरें, 48 अदद भिन्न-भिन्न देशों (कुवैत ,उज्बेकिस्तान, करत, सउदी अरब, कम्बोडिया , मलेशिया, हांकांग, इजिप्ट) के कूटरचित सर्विस ऑफर लेटर, 12 कूटरचित मेडिकल फिटनेस के फर्जी प्रमाण पत्र, तीन रजिस्टर व सैकडों अन्य कागजात, फर्जीवाडे के प्रमाण पत्र व एक कार बरामद की गयी है।
तैयार करते थे कुवैत, सउदी, कतर, कंबोडिया, उज्बेकिस्तान आदि की कंपनियों के ऑफर लेटर-
पडरौना से फरार होने के बाद ठगों ने बिहार के सीतामढ़ी में टेक्निकल इंस्टीट्यूट खोल लिया था। अब वहां भी लोगों को ठगने की तैयारी थी। अभियुक्तों से पूछताछ के आधार पर एसपी ने बताया कि गिरोह टेक्निकल इस्टीट्यूट की आड में सैकडो भोले-भाले लोगों को विदेश भेजने के नाम पर फर्जी व धोखाधडी से हवाई टिकट कूटरचना कर उपलब्ध करा देते थे। इस्टीट्यूट नाम से स्थापित संस्थान के कार्यालय में स्थापित किये गये इलेक्ट्रानिक सिस्टम से आनलाईन पैन सिग्नेचर, गूगल वेबसाइट से भिन्न- भिन्न देशों कुवैत, उज्बेकिस्तान, कतर, सउदी अरब, कम्बोडिया, मलेशिया, हांकांग, इजिप्ट आदि की भिन्न-भिन्न कम्पनियों के सर्विस ऑफर लेटर को हैकर तथा कम्पनी के विभागध्यक्षों के नाम व हस्ताक्षर को अपने इलेक्ट्रानिक सिस्टम में एमएस वर्ड व एमएस एक्सेल में शिफ्ट कर कूटरचित दस्तावेजों को निकालकर फर्जी पेपर तैयार करते थे। मोटी वसूलकर इन भोले -भाले लोगों को थमा देते थे। स्वास्थ का फिटनेस सर्टीफिकेट भी फर्जीवाडा कर तथा इनसे अलग से हजारों रूपये वसूलकर पडरौना के तीन डाइग्नोस्टिक सेण्टर की मिलीभगत से तैयार कराते थे। दिल्ली व मुंबई आदि के एयरपोर्ट पर बेरोजगारों को भेज देते थे। जब तक लोगों को कागजात के फर्जी होने का पता चलता है, तब तक इंस्टीट्यूट बंद कर फरार हो जाते थे।
भंडाफोड़ करने वाली टीम-
पडरौना कोतवाल सुशील कुमार शुक्ला, साइबर सेल प्रभारी इंसपेक्टर मनोज कुमार पंत, स्वाट प्रभारी आलोक यादव, इंसपेक्टर क्राइम अरविन्द कुमार यादव, हवलदार अजीत राय, विजय कुमार चौधरी, सनातन सिंह, संन्तोष सिंह, रणजीत यादव, चन्द्रशेखर यादव, राहुल सिंह, संदीप भाष्कर, सिपाही अखिलेश गुप्ता, शिवानन्द सिंह, प्रशान्त मिश्र, नरेन्द्र यादव व मनोज यादव।
एसपी कार्यालय पहुंचे 50 बेरोजगारों ने पुलिस को दिया धन्यवाद-
ठगी के शिकार गोरखपुर, कुशीनगर, देवरिया व बिहार के कई जिलों के निवासी बेरोजगार युवक गिरोह के खुलासे के बाद शनिवार को एसपी कार्यालय पहुंचे थे। उन्होंने एसपी को धन्यवाद दिया कि उन्होंने समय रहते ठगों को पकड़ लिया। एसपी ने सभी को आश्वस्त किया कि बरामद रकम के अलावा अभियुक्तों की संपत्ति जब्त कर उनकी रुपये वापस दिलाएंगे। उन्होंने अन्य बेरोजगार युवकों से अपील की कि किसी संस्था को अपने रुपये या कागजात सौपने से पहले वहां के थाने से जरूर संपर्क कर पुलिस को इसकी जानकारी दें। इससे उनके रुपये डूबने से बच जाएंगे। किसी भी नौकरी के लिए वेबसाइट की भी पड़ताल जरूर कर लें कि वह सही या फर्जी है।