हरियाणा के शंभू बॉर्डर पर पुलिस ने किसानों पर आंसू गैस के गोले छोड़े हैं। पुलिस इसके लिए ड्रोन का भी इस्तेमाल कर रही है। किसान इस कार्रवाई को देखते ही रह जा रहे हैं।
किसानों के दिल्ली कूच को रोकने के लिए हरियाणा सरकार ने पहले से ही इंतजाम कर लिए थे। पंजाब की सीमा को सील कर दिया गया था और राज्य में धारा 144 लगा दी गई थी। अब कि जब फतेहगढ़ साहिब से चला किसानों का रैला राज्य में घुसने की कोशिश कर रहा है तो पुलिस ने उनपर आंसू गैस के गोले छोड़ने शुरू कर दिए। खास बात यह है कि पुलिस इसके लिए ड्रोन का इस्तेमाल कर रही है। किसान देखते ही रह जाते हैं और अचानक भीड़ में आंसू गैस का गोला गिर पड़ता है।
पथराव की भी सूचना
जानकारी के मुताबिक शंभु बॉर्डर पर किसानों ने कई बैरिकेड्स तोड़ दिए। वहीं किसानों की आड़ में शरारती तत्व भी भीड़ में घुस गए। कई जगहों पर पत्थऱबाजी की भी खबर है। वहीं दिल्ली का सिंघु बॉर्डर भी सील कर दिया गया है। बता दें कि हरियाणा सरकार ने सोमवार को ही चंडीगढ़-दिल्ली हाइवे अंबाला के पास बंद कर दिया था। जानकारी के मुताबिक किसानों का जत्था अंबाला हाइवे को पार कर गया है। वहीं शंभू बॉर्डर पर बड़ी संख्या में आसपास के भी लोग पहुंचे थे जिन्हें पुलिस ने खदेड़ दिया है।
#WATCH | Police use tear gas drones at the Haryana-Punjab Shambhu border to disperse protesting farmers. pic.twitter.com/LcyGpDuFbv
— ANI (@ANI) February 13, 2024
हरियाणा के शंभू बॉर्डर पर पुलिस मुस्तैद है और यहां सात लेयर की बैरिकेडिंग की गई है। किसी भी कीमत पर हरियाणा पुलिस किसानों को आगे बढ़ने से रोकना चाहती है। ऐसे में किसानों को तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस के गोले छोड़े गए। हरियाणा पुलिस चाहती है कि किसान राज्य की सीमा में प्रवेश ना करें।
पंजाब और हरियाणा की सीमाओं पर कई स्थानों पर पानी की बौछारें करने वाली गाड़ियों समेत दंगा रोधी वाहन भी तैनात किए गए हैं। हरियाणा सरकार ने भी 15 जिलों में दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 144 के तहत पाबंदियां लागू की हैं जिसके तहत पांच या उससे अधिक लोगों के एकत्रित होने और ट्रैक्टर-ट्रॉली के साथ किसी भी प्रकार के प्रदर्शन पर रोक है। दिल्ली की सीमाओं पर बहुस्तरीय अवरोधक, कंक्रीट के अवरोधक, लोहे की कीलों और कंटेनर की दीवारें लगाकर सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं।
किसान संघों के झंडों वाली ट्रैक्टर-टॉली पर किसानों ने सूखा राशन, गद्दे और बर्तन समेत अन्य आवश्यक सामान रखा। ट्रैक्टर ट्रॉली के काफिले में एक खुदाई मशीन थी। अमृतसर में एक किसान ने कहा कि इसका इस्तेमाल अवरोधक तोड़ने में किया जाएगा। किसान मजदूर संघर्ष समिति के महासचिव सरवन सिंह पंधेर ने उनकी मांगों को लेकर केंद्र के साथ गतिरोध के संदर्भ में कहा कि वे अपनी मांगों को लेकर कोई नयी समिति नहीं चाहते क्योंकि किसी भी समिति का मतलब इस मुद्दे को ठंडे बस्ते में डालना होगा।पंधेर ने मंगलवार को फतेहगढ़ साहिब जिले में पत्रकारों से कहा, ”हम कोई अवरोधक नहीं तोड़ना चाहते। हम बातचीत के जरिए अपने मुद्दों का हल चाहते हैं। लेकिन अगर वे (केंद्र) कुछ नहीं करते हैं तो फिर हम क्या करेंगे? यह हमारी मजबूरी है।”