एक तरफ राहुल गांधी की भारत जोड़ो न्याय यात्रा चल रही है। वहीं दूसरी तरफ कई कांग्रेसी दिग्गज नेता भाजपा में शामिल होगए हैं। अब मनीष तिवारी और आनंद शर्मा पर भी अटकलें चल रही हैं।
मणिपुर से शुरू हुई कांग्रेस की ‘भारत जोड़ो न्याय यात्रा’ उत्तर प्रदेश पहुंच गई है। वाराणसी में कांग्रेस की इस यात्रा का भाजपा जमकर विरोध भी कर रही है। यहां भाजपा कार्यकर्ताओं ने यात्रा के रास्ते को गंगाजल से धोकर विरोध प्रदर्शन किया। वहीं राहुल गांधी बीच में ही वायनाड चले गए। अब वह प्रयागराज में दोबारा यात्रा में शामिल होंगे। कांग्रेस की इस यात्रा को पहली यात्रा की तरह भाव नहीं मिल रहा है। वहीं इस यात्रा के बीच कांग्रेस टूटती चली जा रही है। बीते कुछ ही दिनों में कई दिग्गज कांग्रेसी नेता भाजपा में शामिल हो चुके हैं। इसके अलावा अब चार नेताओं पर अटकलें चल रही हैं।
भारत जोड़ो न्याय यात्रा को लोकसभा चुनाव से पहले बड़ी रणनीति के तौर पर शुरू किया गया था लेकिन अब तक इसका कोई असर नहीं दिख रहा है। कांग्रेस के ही कई बड़े नेता इस यात्रा में शामिल नहीं हो रहे हैं। वहीं बिहार पहुंचने से पहले ही वहां कांग्रेस-आरजेडी-जेडीयू के गठबंधन वाली सरकार गिर गई। नीतीश कुमार भाजपा के साथ हो लिए। उत्तर प्रदेश पहुंचने से पहले जयंत चौधरी ने स्पष्ट कर दिया कि वह भाजपा के साथ हैं। फिलहाल सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने कहा है कि वह अमेठी में राहुल गांधी के साथ जुड़ेंगे।
एक तरफ राहुल गांधी की यात्रा चल रही है तो दूसरी तरफ फरवरी के ही महीने में कांग्रेस को कई बड़े झटके लगे हैं। महाराष्ट्र के पूर्व सीएम अशोक चव्हान, बाबा सिद्दीकी, और उत्तर प्रदेश से लाल बहादुर शास्त्री के पोते आदर्श शास्त्री भाजपा में चले गए हैं। मिलिंद देवड़ा पहले ही भाजपा में शामिल हो चुके हैं। इसी बीच मध्य प्रदेश के पूर्व सीएम कमलनाथ और उनके बेटे नकुलनाथ को लेकर अटकलें तेज हैं। वह फिलहाल अयोध्या जा रहे हैं। हालांकि जल्द ही वह भी भाजपा में शामिल होने का ऐलान कर सकते हैं। भाजपा में शामिल होने के सवाल में उन्होंने कहा था कि इससे इनकार नहीं किया जा सकता।
दो और बड़े नेता भी दे सकते हैं झटका
सूत्रों का कहना है कि पंजाब में भी कांग्रेस को बड़े झटके लग सकते हैं। इसमें मनीष तिवारी का नाम सामने आ रहा है। अटकलें हैं कि आनंद शर्मा और मनीष तिवारी भी भाजपा का रुख कर सकते हैं। हालांकि मनीष तिवारी की तरफ से सफाई दी गई है कि वह ऐसा कुछ नहीं करने जा रहे। फिर भी सूत्रों का कहना है कि भाजपा और मनीष तिवारी के बीच लोकसभा सीट को लेकर पेच फंसा हुआ है। वह लुधियाना सीट से चुनाव लड़ना चाहते हैं। बता दें कि ये दोनों ही नेता कांग्रेस आलाकमान से नाराज नेताओं के जी-23 समूह में थे। इसमें शामिल गुलाम नबी आजाद और कपिल सिब्बल पहले ही कांग्रेस को अलविदा कह चुके हैं। अब मनीष तिवारी और आनंद शर्मा पर चर्चा चल रही है।
क्या है पार्टी नेताओं के छोड़कर जाने की वजह
राजनीतिक जानकारों का कहना है कि राज्यों में सिमटते कांग्रेस के दायरे और लोकसभा चुनाव के लिए भाजपा की मजबूत स्थिति कांग्रेस के हालात के लिए जिम्मेदार है। सूत्रों ने बताया कि कमलनाथ राज्यसभा के टिकट को लेकर नाराज थे। राज्यों में कांग्रेस के हालात की वजह से जाहिर तौर पर राज्यसभा की सीटें भी कम हुई हैं। ऐसे में इन सीटों के दावेदार ज्यादा लोग हैं। लोकसभा के चुनाव में कांग्रेस के पक्ष में कोई बड़ा माहौल नजर नहीं आ रहा है। वहीं इंडिया गठबंधन में भी टूट के चलते नेताओं की उम्मीदें धराशायी होती नजर आ रही हैं।
इंडिया गठबंधन को ममता बनर्जी और नीतीश कुमार के बाद फारूक अब्दुल्ला भी झटका दे चुके हैं। अब्दुल्ला ने कहा है कि जम्मू-कश्मीर में वह विधानसभा और लोकसभा दोनों ही चुनाव अकेले लड़ेंगे। ममता बनर्जी ने पश्चिम बंगाल में अकेले चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया है। ऐसे में अब कांग्रेस के साथ कोई बड़ा दल नजर नहीं आ रहा है। वहीं पंजाब की बात करें तो लंबे समय से नवजोत सिंह सिद्धू भी रैलियों और सभाओं से किनारा कर रहे हैं। उनके नाम पर भी लंबे समय से अटकलें चल रही हैं।