क्या है MSP पर स्वामीनाथन का C2+50% फॉर्मूला, जिसकी मांग पर पंजाब से दिल्ली तक मचा है कोहराम

Farmers Protest: नवंबर 2004 में तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने किसानों की समस्याओं के अध्ययन के लिए मशहूर कृषि वैज्ञानिक एम एस स्वामीनाथन की अध्यक्षता में एक आयोग का गठन किया था।

Farmers Protest 2024: न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर खरीद की गारंटी का कानून बनाने समेत 12 सूत्री मांगों के समर्थन में दिल्ली आ रहे पंजाब के किसानों की वजह से उत्तर भारत में कोहराम मचा हुआ है। पंजाब, चंडीगढ़, राजस्थान, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, जम्मू-कश्मीर राज्यों की ओर जाने वाली सड़कों पर आवागमन ठप पड़ गया है। हरियाणा और दिल्ली पुलिस ने आंदोलनकारी किसानों को रोकने के लिए कई जगह सीमाओं को सील कर दिया है। 

यह पहली बार नहीं हुआ है, जब किसानों के गुस्से का खामियाजा लोगों को भुगतना पड़ रहा है। 2020 में भी किसान इसी तरह का आंदोलन कर चुके हैं। उससे पहले इंदिरा गांधी और अटल बिहारी वाजपेयी के कार्यकाल में भी किसान आंदोलन कर चुके हैं। आंदोलनरत किसान एम एस स्वामीनाथन आयोग की एमएसपी पर की गई सिफारिशों को लागू करने की मांग कर रहे हैं।

क्या है स्वामीनाथन आयोग और उसकी सिफारिशें
नवंबर 2004 में तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने किसानों की समस्याओं के अध्ययन के लिए मशहूर कृषि वैज्ञानिक एम एस स्वामीनाथन की अध्यक्षता में एक आयोग का गठन किया था। इसे ‘नेशनल कमीशन ऑन फार्मर्स’ कहा गया था। दिसंबर 2004 से अक्टूबर 2006 तक इस कमेटी ने सरकार को छह रिपोर्ट सौंपे। इनमें कई सिफारिशें की गई थीं।

MSP पर क्या था C2+50% फॉर्मूला
स्वामीनाथन आयोग ने अपनी सिफारिश में किसानों की आय बढ़ाने के लिए उन्हें उनकी फसल लागत का 50 फीसदी ज्यादा देने की सिफारिश की थी। इसे C2+50% फॉर्मूला कहा जाता है। आंदोलनकारी किसान इसी फार्मूले के आधार पर MSP गारंटी कानून लागू करने की मांग कर रहे हैं।

स्वामीनाथन आयोग ने इस फार्मूले की गणना करने के लिए फसल लागत को तीन हिस्सों यानी A2, A2+FL और C2 में बांटा था। A2 लागत में फसल की पैदावार करने में सभी नकदी खर्चे को शामिल किया जाता है। इसमें खाद, बीज, पानी, रसायन से लेकर मजदूरी आदि सभी लागत को जोड़ा जाता है।

A2+FL कैटगरी में कुल फसल लागत के साथ-साथ किसान परिवार की मेहनत की अनुमानित लागत को भी जोड़ा जाता है, जबकि C2 में नकदी और गैर नकदी लागत के अलावाऔर जमीन का लीज रेंट और उससे जुड़ी चीजों पर लगने वाले ब्याज को भी शामिल किया जाता है। स्वामीनाथन आयोग ने C2  की लागत को डेढ़ गुना यानी C2 लागत के साथ उसका 50 फीसदी खर्च जोड़कर एमएसपी देने की सिफारिश की थी। 

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