लोकसभा में हंगामा करने वाले 31 सांसदों को निलंबित कर दिया गया है। इन सभी लोगों को शीत सत्र की कार्यवाही में हिस्सा लेने की अनुमति नहीं होगी। सस्पेंड किए गए सांसदों में कांग्रेस के सदन में नेता अधीर रंजन चौधरी भी शामिल हैं। बीते सप्ताह भी 14 सांसदों को निलंबित किया गया था। इस तरह अब तक कुल 45 सांसदों पर ऐक्शन लिया गया है। इनमें से एक डेरेक ओ ब्रायन भी हैं, जो टीएमसी के राज्यसभा सांसद हैं। निलंबन को लेकर अधीर रंजन चौधरी ने कहा, ‘मेरे समेत सभी नेताओं को सस्पेंड किया गया है। हम यह मांग कर रहे थे कि उन सांसदों का निलंबन वापस लिया जाए, जिनके खिलाफ ऐक्शन लिया गया है।’
अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि हमारी मांग थी कि गृह मंत्री सदन में आकर लोकसभा में हुई सुरक्षा चूक को लेकर बयान जारी करें। वह हर दिन टीवी पर बोलते हैं। थोड़ा सा संसद में भी बोल सकते हैं कि सरकार ने सुरक्षा के मामले में अब तक क्या किया है। इस सरकार ने हद पार कर दी है। हम तो चर्चा ही चाहते हैं।’ कांग्रेस के ही एक अन्य सांसद अब्दुल खालिक ने कहा, ‘हमारी यही मांग थी कि सरकार सुरक्षा के मामले में जवाब दे। हम यही पूछ रहे थे कि होम मिनिस्टर कब सदन में आएंगे और इस पर बयान जारी करेंगे। इन सवालों को पूछने पर ही हमें निलंबित कर दिया गया। वहीं भाजपा के सांसदों प्रताप सिम्हा और रमेश बिधूड़ी पर कोई ऐक्शन नहीं लिया गया है। यह लोकतंत्र की हत्या है। हम अपनी आवाज लगातार उठाते रहेंगे।’
संसदीय कार्य मंत्री प्रल्हाद जोशी के प्रस्ताव पर जिन सांसदों को निलंबित किया गया है, उनमें के. जयकुमार, विजय वसंथ, अब्दुल खालिक शामिल हैं। इन लोगों पर आरोप है कि ये स्पीकर के पोडियम पर चढ़ गए थे। इनके अलावा डीएमके टीआर बालू, दयानिधि मारन और टीएमसी के सौगत रॉय पर भी ऐक्शन हुआ है। होम मिनिस्टर के बयान की मांग करते हुए किशनगंज के कांग्रेस सांसद ने कहा कि भाजपा संसद की नई इमारत की तारीफ करते हुए कह रही है कि यह पूरी तरह सेफ है। लेकिन इसे बने 4 महीने भी नहीं हुए कि लोकसभा में घुसपैठ हो गई और उपद्रव मच गया। इससे बड़ी घटना क्या हो सकती है। इसलिए खुद पीएम या फिर कम से कम होम मिनिस्टर ही बयान जारी करें।