मेरे और पार्टी दफ्तर पर हमला कर सकते हैं सपाई…अखिलेश पर मायावती ने लगाए गंभीर आरोप

 

लखनऊ: बहुजन समाज पार्टी सुप्रीमो मायावती ने अभी तक तो एकल चलो का रास्ता चुना हुआ है. वह कह रही हैं कि वे न तो भारतीय जनता पार्टी का साथ देंगी न ही इंडिया गठबंधन के साथ मिलकर 2024 का लोकसभा चुनाव लड़ेंगी. मायवती लोकसभा चुनाव से पहले सबसे ज्यादा अखिलेश पर हमलावर नजर आ रही हैं. आज सुबह-सुबह उन्होंने एक-एक कर पांच ट्वीट किए. इन सभी में मायावती अखिलेश यादव और समाजवादी पार्टी पर जमकर बरसीं.

अपने पहले ट्वीट में मायावती ने कहा कि समाजवादी पार्टी अति-पिछड़ों के साथ-साथ जबरदस्त दलित-विरोधी पार्टी है. कोई यह न पूछ दे इस पर कि फिर आपने पिछले चुनाव में सपा के साथ गठबंधन क्यों किया था, मायावती ने अपने ट्वीट में इसका जवाब भी दे दिया है. मायावती ने कहा कि बसपा ने पिछले आमचुनाव में सपा से गठबन्धन कर के इनके दलित-विरोधी चाल, चरित्र और चेहरे को थोड़ा बदलने का प्रयास किया लेकिन चुनाव खत्म होने के बाद ही सपा फिर से अपने दलित-विरोधी जातिवादी एजेण्डे पर आ गई.

मायावती ने और क्या-क्या कहा

मायावती ने आरोप लगाया कि समाजवादी पार्टी के मुखिया जिससे भी गठबन्धन की बात करते हैं, उनकी पहली शर्त बसपा से दूरी बनाए रखने की होती है. ऐसा कहते हुए मायावती का जाहिर तौर पर इशारा इंडिया गठबंधन में सपा की भूमिका पर था. मायावती ने 2 जून 1995 की घटना को याद किया और कहा कि समाजवादी पार्टी ने हमेशा दलित-विरोधी फैसले किये हैं.

बहुजन समाज पार्टी की नेता का कहना था कि बसपा के उत्तर प्रदेश के कार्यलाय के पास सपा ने इसलिए ऊंचा पुल बनाया ताकि अराजक तत्त्वों के जरिये बसपा के दफ्तर और कर्मचारियों को हानि पहुंचा सके. साथ ही, मायावती ने कहा कि इसी कारण महापुरुषों की प्रतिमाओं को पार्टी कार्यालय से हटाकर उनके घर शिफ्ट करना पड़ा है. मायावती ने कहा कि इसी वजह से अब पार्टी की बैठकों को अपने घर पर करना पड़ रहा है क्योंकि वहां हमले का खतरा होता है.

मायावती ने यूपी सरकार से अनुरोध किया हे कि वह बहुजन समाज पार्टी के मौजूदा प्रदेश कार्यालय की जगह कोई और जगह मुहैया कराए जो सुरक्षित हो. मायावती ने कहा कि बसपा के पार्टी दफ्तर पर कभी भी अनहोनी हो सकती है. मायावती ने मांग की है कि योगी सरकार दलित विरोधी तत्वों से सख्ती से निपटें.

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

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