नई दिल्ली: तीसरे चरण की वोटिंग से ठीक पहले चुनाव आयोग ने सोमवार को सख्त रुख अपनाते हुए सभी राजनीतिक दलों को तीन घंटे के अंदर आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस तकनीक का इस्तेमाल कर तैयार की गई गलत सूचनाओं, डीप फेक या किसी भी तरह की आपत्तिजनक सूचनाओं को सभी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म से हटाने का निर्देश दिया है।
एक विज्ञप्ति में आयोग ने कहा कि सभी पार्टियों को मौजूदा कानूनों और चुनाव आयोग के निर्देशों के अनुसार 3 घंटे के भीतर ऐसी सामग्री को हटाना होगा और चुनावी अखंडता को बनाए रखना होगा। आयोग ने कहा है कि सभी दलों को गलत सूचना या अपमानजनक सामग्री प्रसारित करने से बचना होगा। आयोग ने आदर्श आचार संहिता और मौजूदा कानूनी प्रावधानों के कुछ उल्लंघनों पर संज्ञान लेते हुए ये नया आदेश जारी किया है।
आयोग ने चुनावी प्रक्रिया की निष्पक्षता को बनाए रखने की आवश्यकता पर बल देते हुए कहा है कि किसी भी तरह की जानकारी को विकृत करने या गलत सूचना का प्रचार करने के लिये एआई आधारित उपकरणों के दुरुपयोग की इजाजत नहीं दी जा सकती है। आयोग ने इस बारे में सभी दलों को चेतावनी दी है। आयोग ने सभी दलों के सोशल मीडिया संचालकों और चुनाव प्रचारकों से नैतिकता का मानदंड बनाए रखने का अनुरोध भी किया है।
आयोग ने कहा है कि मौजूदा कानूनी प्रावधानों के मद्देनजर सभी दलों को विशेष रूप से नकली ऑडियो/ वीडियो बनाने और उसे प्रकाशित या प्रसारित करने से रोका जा रहा है। इसके अलावा उन्हें निर्देशित किया जाता है कि वे गलत, असत्य या भ्रामक प्रकृति की किसी भी गलत सूचना या जानकारी का प्रसार करने से परहेज करें। आयोग ने अपने दिशा-निर्देशों में महिलाओं के प्रति अपमानजनक सामग्री प्रसारित ना करने, चुनाव अभियानों में बच्चों का उपयोग करने से बचने, हिंसा या जानवरों को नुकसान पहुंचाने वाली सामग्री से भी बचने को कहा है।
विज्ञप्ति में कहा गया है कि पार्टियों को ऐसी किसी भी सामग्री को उनके संज्ञान में लाने के तीन घंटे के भीतर तुरंत हटाना होगा एवं पार्टी में जिम्मेदार व्यक्ति को चेतावनी देनी होगी। संबंधित प्लेटफार्मों पर गैरकानूनी जानकारी और फर्जी उपयोगकर्ता खातों की रिपोर्ट करने और सूचना प्रौद्योगिकी (मध्यवर्ती दिशानिर्देश और डिजिटल मीडिया आचार संहिता) नियम, 2021 के नियम 3 ए के तहत शिकायत अपीलीय समिति के समक्ष मुद्दे उठाने के भी निर्देश दिए गए हैं।
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