चीन-रूस को झटका देने की तैयारी… दुनिया का सबसे पावरफुल फाइटर जेट बना रहे ये तीन देश, गिनते रह जाएंगे खूबियां

 

सोचिए, ऐसा फाइटर जेट हो, जिसे पायलट रिमोट से ऑपरेट कर सके. जिसमें फिजिकल इंस्ट्रूमेंट ही न हों. रडार इतना पावरफुल हो कि जंग जीतना आसान हो जाए. अब ऐसा ही फाइटर जेट तैयार किया जा रहा है. ब्रिटेन, इटली और जापान मिलकर इसे बनाएंगे. इसके जरिए दुश्मन देशों पर नजर रखेंगे. इस फाइटर जेट का नाम होगा टेम्पेस्ट. 2025 तक यह उड़ान भरता हुआ नजर आएगा और दुश्मन देशों के लिए बड़ी मुश्किल बन सकता है.

टेम्पेस्ट में खूबियां ही खूबियां नजर आएंगी. इसे पायलट वर्चुअल रिएलिटी हेडसेट से ऑपरेट कर सकेंगे. यानी एक रिमोट के जरिए ही वो इसे उड़ा सकेंगे. इसमें फिजिकल इंस्ट्रूमेंट नहीं होंगे. जानिए कितना खास होगा यह फाइटर जेट और तीनों देशों को मिलकर इसे बनाने की नौबत क्यों आई?

कितना हाइटेक होगा दुनिया का एडवांस्ड फाइटर जेट

ब्रिटेन के रक्षा मंत्रालय का कहना है कि यह दुनिया का सबसे एडवांस्ड फाइटर जेट होगा. इस सुपरसोनिक जेट का रडार इतना पावरफुल होगा कि वर्तमान जेट के मुकाबले रियल टाइम में 10 गुना अधिक जानकारी और डाटा उपलब्ध करा सकेगा. यह जंग जीतने में बड़ा रोल अदा करेगा.द नेशनल की रिपोर्ट के मुताबिक, इसके सॉफ्टवेयर और हार्डवेयर काफी अपग्रेड होंगे. मिशन के हिसाब से इसमें बदलाव किया जा सकेगा.

पायलट इसे वर्चुअल रियलिटी हेडसेट से ऑपरेट कर सकेंगे. यही वजह है कि यह इतिहास का सबसे हाइटेक फाइटर जेट होगा. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, यह हापरसोनिक हथियारों से लैस होगा जिससे दुश्मन को आसानी से टार्गेट किया जा सकेगा.

तीनों देशों की पार्टनरशिप को ग्लोबल कॉम्बेट एयर प्रोग्राम (GCAP) नाम दिया गया है. इस हाइटेक फाइटर जेट को जापान की मित्सुबिशी हैवी, ब्रिटेन का BAE सिस्टम और इटली की लियोनार्डो कंपनी मिलकर तैयार कर रही है.

Tempest Fighter Jet

क्यों इसे बनाने की नौबत आई?

इटली, ब्रिटेन और जापान ने मिलकर अपने दुश्मन देशों पर नजर रखने के लिए इस प्रोजेक्ट पर काम शुरू किया है. ये देश मिलकर हाइटेक जेट की मदद से रूस, चीन और नॉर्थ कोरिया पर नजर रखना चाहते हैं. ब्रिटेन को इसका हेडक्वार्टर बनाया जाएगा और इसका नेतृत्व जापान के अधिकारी करेंगे. इसमें इटली के अधिकारियों की भी अहम भूमिका होगी.

इसका हेड कौन होगा? जापान के अधिकारियों ने जवाब दिया है. उनका कहना है, प्रोजेक्ट के टॉप हेड बदलते रहेंगे. कभी यह मौका ब्रिटेन को मिलेगा तो कभी जापान को.जापान अपनी सेना को तेजी से मजबूत कर रहा है ताकि वो चीन को टक्कर दे सके. फाइनेंशियल टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, इस प्रोजेक्ट से अमेरिका की डिफेंस फर्म भी जुड़ी हुई है.

यह प्रोजेक्ट कैसे काम करेगा, इससे जुड़े सभी निर्णय ब्रिटेन का हेडक्वार्टर लेगा. जापान के रक्षा मंत्री का कहना है कि द्वितीय विश्व युद्ध के बाद से हमने बुरे हालातों का सामना किया है. सुरक्षा के जुड़े मामलों पर अब हम नजर रख रहे हैं.

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

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