अनुच्छेद 370 को लेकर सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर पड़ोसी मुल्क चीन तिलमिला उठा है. चीन ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले को खारिज किया है. चीनी विदेश मंत्रालय ने गुरुवार को कहा है कि वो भारत की ओर से एकतरफा बनाए गए केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख को मान्यता नहीं देता है. पड़ोसी मुल्क ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले को आंतरिक न्यायिक निर्णय बताया है.
विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता माओ निंग ने कहा कि चीन भारत सीमा के पश्चिम खंड की स्थिति में किसी भी बदलाव का समर्थन नहीं करता है. चीन अक्सर यह दावा करते रहता है कि यह हमेशा से उसका हिस्सा रहा है. भारत सरकार ने जिस समय जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 को निरस्त करने और जम्मू-कश्मीर को दो केंद्र शासित प्रदेशों में पुनर्गठन का फैसला किया था उस समय भी चीन को मिर्ची लगी थी और उसने तीखी आलोचना की थी.
कोर्ट ने लद्दाख को केंद्र शासित प्रदेश बनाने का समर्थन भी किया
दरअसल, सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में केंद्र सरकार की ओर से अनुच्छेद 370 को निरस्त किए जाने के फैसले को सही ठहराया था. इसके साथ-साथ कोर्ट ने लद्दाख को केंद्र शासित प्रदेश (यूटी) बनाने का भी समर्थन भी किया था. चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पांच जजों की पीठ ने सर्वसम्मति से जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 को निरस्त करने के फैसले को वैध माना था.
सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में क्या कहा?
सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि जम्मू-कश्मीर के लिए अनुच्छेद 370 एक अस्थायी प्रावधान था और राष्ट्रपति के पास इसे हटाने की शक्ति थी. इसके साथ-साथ कोर्ट ने यह भी कहा कि जम्मू-कश्मीर के पास बाकी राज्यों से अलग कोई संप्रभुता नहीं है. विशेष परिस्थितियों में अनुच्छेद 370 लाया गया था.
पाकिस्तान भी बौखला गया था
सुप्रीम कोर्ट की ओर से अनुच्छेद 370 को निरस्त किए जाने के फैसले को सही ठहराए जाने के बाद पाकिस्तान भी बौखला उठा था. पाकिस्तान की कार्यवाहक सरकार में विदेश मंत्री जलील अब्बास ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले की आलोचना की थी. उन्होंने कहा था कि भारत की ओर से उठाए गए एकतरफा कदमों को अंतरराष्ट्रीय कानून मान्यता नहीं देते हैं.