Ayodhya Ram Mandir: रामनगरी अयोध्या 22 जनवरी को राम मंदिर के प्रतिष्ठा समारोह के लिए पूरी तरह से तैयार है। भव्य मंदिर के उद्घाटन और पर्यटन में उछाल के बीच सरयू नदी के तट पर स्थित यह शहर बड़े पैमाने पर बदलाव के दौर से गुजर रहा है। अयोध्या को आध्यात्मिक केंद्र के रूप में नहीं बल्कि प्रमुख आर्थिक केंद्र के रूप में भी विकसित किया जा रहा है। पवित्र शहर अयोध्या अब सजी-धजी इमारतों, चौड़ी सड़कों, लक्जरी होटलों, अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से आबाद हो गया है। राम मंदिर के उद्घाटन के लिए सिर्फ दो दिन बाकी हैं, आइए जानते हैं कि अयोध्या कैसे बदल रही है।
लक्जरी होटल
अयोध्या को अब स्मार्ट सिटी के रूप में विकसित किया जा रहा है, सैकड़ों नई परियोजनाओं के साथ यह शहर विकास की राह पर आगे बढ़ रहा है। होटल व्यवसायी शहर में आ रहे हैं, अयोध्या विकास प्राधिकरण (एडीए) ने पहले ही बड़े और छोटे 35 नए होटलों के लिए आवेदनों को मंजूरी दे दी है। एनडीटीवी की रिपोर्ट के अनुसार, अयोध्या में भारत का पहला सात सितारा लक्जरी होटल बनेगा जिसमें केवल शाकाहारी भोजन परोसा जाएगा। शहर के 110 छोटे-बड़े होटल व्यवसायियों ने रुचि दिखाई है।
खबर है कि मुंबई स्थित रियल्टी डेवलपर द हाउस ऑफ अभिनंदन लोढ़ा (HoABL) ने यूपी के अयोध्या, वाराणसी और वृंदावन, हिमाचल प्रदेश के शिमला और पंजाब के अमृतसर में पांच लक्जरी होटल बनाने के लिए 2,000 करोड़ रुपये से अधिक का निवेश करने की योजना बनाई है। रिपोर्टों का अनुमान है कि रियल एस्टेट फर्म को अयोध्या में पांच सितारा होटल स्थापित करने के लिए 10,000 वर्ग फुट जमीन के लिए 14.5 करोड़ रुपये खर्च करने पड़ सकते हैं। टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार, शहर में कम से कम आठ टाउनशिप पहले ही स्वीकृत की जा चुकी हैं, जिनमें से सबसे बड़ी निजी टाउनशिप 59,000 वर्ग मीटर में बनाई जा रही है।
600 होमस्टे बनाने की भी तैयारी
अयोध्या में 600 होमस्टे बनाने की भी तैयारी है। इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, एडीए ने बताया कि होमस्टे के लिए अब तक 600 आवेदनों को मंजूरी दी जा चुकी है। एक सोलर पार्क भी पाइपलाइन में है। लखनऊ से हेलिकॉप्टर सेवा शुरू होने की उम्मीद है। इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, बुनियादी ढांचे के सुधार से लेकर सौंदर्यीकरण अभियान तक, एडीए 29,604 करोड़ रुपये की 178 परियोजनाओं की निगरानी कर रहा है।
सड़कों का विस्तार
मंदिर परिसर के चारों ओर की चार संकरी और तंग सड़कों का विस्तार और सौंदर्यीकरण किया गया है और उन्हें नए नाम दिए गए हैं – राम पथ, धर्म पथ, श्री राम जन्म भूमि पथ और भक्ति पथ। इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, राम पथ को 13 किलोमीटर लंबी, चार लेन वाली सड़क तक चौड़ा कर दिया गया है। यह सआदतगंज को नया घाट पर लता मंगेशकर चौक से जोड़ता है। सड़क के विस्तार के लिए राम पथ के दोनों ओर 800 से अधिक निर्माणों को हटा दिया गया है। राम पथ को फुटपाथ के दोनों ओर सूर्य स्तंभों या लैंप पोस्टों द्वारा रोशन किया गया है। 798 करोड़ रुपये के अनुमानित निवेश से बनी इस जगह पर बहुराष्ट्रीय ब्रांडों के बड़े शोरूम हैं।
नया हवाई अड्डा, पुनर्निर्मित रेलवे स्टेशन
अयोध्या में अत्याधुनिक अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा बनकर तैयार होचुका है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले महीने ‘महर्षि वाल्मिकी इंटरनेशनल एयरपोर्ट अयोध्याधाम’ का उद्घाटन किया था। 1,450 करोड़ रुपये से अधिक की लागत वाले हवाई अड्डे का आगे का हिस्सा उत्तर भारतीय मंदिर वास्तुकला की नागर शैली में बनाया गया है। संरचना में आगे और पीछे की तरफ सात घुड़सवार चोटियां या शिखर हैं। महाकाव्य रामायण के विभिन्न चरणों को प्रदर्शित करने वाले कई भित्ति चित्र हवाई अड्डे को सुशोभित करते हैं, जिनमें से एक भगवान हनुमान को समर्पित है। इसी तरह रेलवे स्टेशन को भी नए सिरे से तैयार किया गया है और अंदर रामायण की छविया बनाई गई हैं। अब ये स्टेशन बेहत साफ-सुथरा और आधुनिक बन गया है। यहां से दिल्ली आनंद विहार के लिए वंदे भारत एक्सप्रेस भी शुरू हो चुकी है।
अर्थव्यवस्था में उछाल
24 जनवरी से जनता के लिए राम मंदिर के द्वार खोले जाने के बाद अयोध्या में एक दिन में एक लाख से अधिक तीर्थयात्रियों के आने की उम्मीद है। अयोध्या में पर्यटन के लिए आध्यात्मिक गंतव्य के रूप में अपार संभावनाएं हैं। खासकर राम मंदिर के उद्घाटन के बाद अयोध्या में पर्यटकों की भरमार होने जा रही है। 2024 में पर्यटन उद्योग में 10 गुना तक बढ़ोतरी हो सकती है। इस उद्घाटन के बाद अयोध्या एक वैश्विक आध्यात्मिक केंद्र बन जाएगा। यूपी सरकार का भी लक्ष्य अयोध्या को वैश्विक स्तर पर आध्यात्मिक पर्यटन के लिए एक प्रमुख गंतव्य के रूप में विकसित करना है। इस दिशा में सरकार मजबूती से आगे बढ़ रही है।
कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (CAIT) के मुताबिक, प्रतिष्ठा समारोह से 1 लाख करोड़ रुपये का कारोबार होने का अनुमान है। यह आयोजन न केवल धार्मिक भावनाओं को प्रतिध्वनित करेगा बल्कि आर्थिक गतिविधियों में भी वृद्धि लाएगा। सीएआईटी के राष्ट्रीय महासचिव प्रवीण खंडेलवाल ने कहा, लोगों का विश्वास देश की पारंपरिक आर्थिक प्रणाली के आधार पर कई नए व्यवसायों के निर्माण की ओर अग्रसर है।