लखनऊ : उत्तर प्रदेश का अयोध्या शहर अपने पहले हवाई अड्डे के साथ एयर कनेक्टिविटी का विस्तार करने के लिए तैयार है। भारतीय हवाई अड्डा प्राधिकरण (AAI) के अध्यक्ष संजीव कुमार ने बताया कि इसे 20 महीने के रिकॉर्ड समय में तैयार किया गया है। भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण ने पिछले साल अप्रैल में उत्तर प्रदेश सरकार के साथ समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किया था। इसके अनुसार ही अयोध्या एयरपोर्ट को डेवलप किया गया है। उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से अयोध्या हवाई अड्डे के लिए 821 एकड़ भूमि मुहैया कराई गई।
संजीव कुमार ने जोर देते हुए कहा कि अयोध्या के लिए एयर कनेक्टिविटी जरूरी है और हवाईअड्डा प्राधिकरण इस विस्तार से खुश है। उन्होंने कहा कि इससे अधिक संख्या में यात्रियों का आवाजाही बढ़ेगी और अयोध्या में कनेक्टिविटी बेहतर होगी। हम एयरपोर्ट अथॉरिटी में इस विस्तार को लेकर बेहद उत्साहित हैं। मेरा मानना है कि अयोध्या के लोग भी खुश हैं। पीएम मोदी आज इसका उद्घाटन करने वाले हैं। अयोध्या एयरपोर्ट के बनने से श्री राम मंदिर के आसपास के प्रसिद्ध तीर्थ स्थलों (राम की पैड़ी, हनुमान गढ़ी, नागेश्वर नाथ मंदिर और बिड़ला मंदिर) पर भी आवागमन बढ़ेगा। अयोध्या की ओर आने वाले तीर्थयात्रियों को इस एयर कनेक्टिविटी का लाभ उठाएंगे।
भविष्य में टर्मिनल को विस्तार देने का प्लान
AAI के अध्यक्ष ने नवनिर्मित हवाईअड्डे पर टर्मिनल के विस्तार की संभावना की ओर भी इशारा किया। उन्होंने कहा कि अब हवाई मार्ग से भी अयोध्या पहुंचा जा सकेगा। अभी बनाया गया टर्मिनल छोटा है मगर भविष्य में इसका विस्तार किया जाएगा। बता दें कि यह हवाई अड्डा मुख्य अध्योध्या शहर से करीब 15 किलोमीटर की दूरी पर है। उसमें आधुनिक निर्माण सामग्री का इस्तेमाल किया गया है। उसे अयोध्या स्टेशन के नए भवन की भांति ही पारंपरिक स्वरूप प्रदान किया गया है। इसका मुख्य द्वार भी इसी तरह बनाया गया है। अयोध्या एयरपोर्ट का पहला चरण 1,450 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से विकसित किया गया है। हवाई अड्डे के टर्मिनल भवन का क्षेत्रफल 6,500 वर्गमीटर होगा, जो सालाना लगभग 10 लाख यात्रियों की सेवा करने के लिए तैयार होगा।