Maharashtra Elections: पूर्व कुश्ती संघ के अध्यक्ष और वरिष्ठ बीजेपी नेता बृजभूषण शरण सिंह ने महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव से पहले बड़ा दावा किया है। सीनियर बीजेपी नेता का दावा है कि आगामी महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में शिवसेना उद्धव गुट को बीजेपी के साथ जाना ही पड़ेगा। गोंडा की कैसरगंज लोकसभा सीट से बीजेपी के पूर्व सांसद बृजभूषण सिंह ने विपक्ष के सीट बंटवारे और उद्धव ठाकरे के पिछले विधानसभा चुनाव के बाद पलटी मारने के कयासों को लेकर कहा कि पिछले महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में शिवसेना एक पार्टी थी तब बात और थी लेकिन इस बार शिवसेना के लोग पार्टी छोड़कर ही चले गए हैं।
बृजभूषण सिंह ने कहा कि उद्धव गुट को बीजेपी के साथ आना ही पड़ेगा। उनका बीजेपी के साथ तुरंत मिलन बनता है। कैसरगंज में बृजभूषण सिंह अपने नंदिनी नगर स्पोर्ट्स स्टेडियम में एक भव्य प्रतिभा सम्मान समारोह का आयोजन किया था। उसी दौरान उन्होंने मीडिया को संबोधित करते हुए ये बातें कहीं। इस सम्मान समारोह में पूर्व कुश्ती संघ के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह ने पंडरीकृपाल और झंझरी ब्लॉक और गोंडा के टॉप 10 मेधावी छात्रों को मेडल और प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया। इस दौरान उन्होंने बताया कि पिछली विधानसभा चुनाव में बीजेपी और शिवसेना गठबंधन में बीजेपी को ज्यादा सीटें मिली थीं।
महिला पहलवानों ने लगाए थे बृजभूषण सिंह पर आरोप
इसके पहले 18 जनवरी, 2023 को महिला पहलवान विनेश फोगाट और बजरंग पूनिया सहित लगभग 30 पहलवानों ने भारतीय कुश्ती संघ के तत्कालीन अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ दिल्ली के जंतर-मंतर पर धरना प्रदर्शन के लिए बैठ गए। इस दौरान इन पहलवानों ने बृजभूषण सिंह पर यौन शोषण सहित कई गंभीर आरोप लगाए थे। पहले तो इस मामले में खेल मंत्रालय ने दखल दिया और पहलवानों को अपना धरना खत्म करना पड़ा। बाद में मंत्रालय की ओर से आरोपों की जांच के लिए एक समिति का गठन किया गया और बृजभूषण को बर्खास्त नहीं करके उन्हें अपने काम से दूर रहने को कहा गया। हालांकि इस दौरान वो खुद को निर्दोष बताते रहे। बाद में 21 अप्रैल 2023 को एक नाबालिग पहलवान सहित 7 महिला पहलवानों ने दिल्ली पुलिस को बृजभूषण के खिलाफ यौन शोषण की शिकायत दर्ज करवाई।
पिछले चुनाव में जीत के बावजूद शिवसेना पलटी मार गई थी
शिवसेना और बीजेपी गठबंधन को महाराष्ट्र की कुल 288 में 161 सीटें हासिल हुईं थीं। इसमें से शिवसेना ने 56 सीटें और बीजेपी ने 105 सीटें जीतीं थीं। इस गठबंधन ने मिलकर महाराष्ट्र चुनाव में बहुमत के लिए जादुई आंकड़ा पार कर लिया था। महाराष्ट्र विधानसभा में सरकार बनाने के लिए कुल 145 सीटों की जरूरत होती है एनडीए ने इस आंकड़े से ऊपर उठकर 16 सीटें ज्यादा कुल 161 सीटें जीती थीं। इस जीत के बाद शिवसेना अपने वादे से पलटी मार गई। और शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे मीडिया में ये कहने लगे कि हमारा मामला ढाई-ढाई साल के मुख्यमंत्री पर तय हुआ था। पिछली बार आपने पूरे 5 साल शासन किया तो इस बार पहले मैं सीएम बनूंगा।
जून 2022 में शिवसेना में विद्रोह और दो धड़े में टूट गई पार्टी
जून 2022 में शिवसेना में विद्रोह हुआ और एकनाथ शिंदे ने उद्धव ठाकरे से बगावत कर कुछ विधायकों के साथ असम में डेरा जमाया। इस दौरान शिवसेना के नेता उन्हें धमकियां देते रहे लेकिन विद्रोही विधायकों की संख्या बढ़ती रही और धीरे-धीरे ये आंकड़ा इतना बढ़ गया कि उद्धव को महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री पद से ही नहीं बल्कि शिवसेना पार्टी से भी हाथ धोना पड़ गया था। शिवसेना भवन, पार्टी का सिंबल धनुष बाण सबकुछ उद्धव ने गवां दिया था। बस अब उनकी पार्टी का सिर्फ नाम ही शिवसेना रह गया।