नई दिल्ली: सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म यूट्यूब से अश्लील वीडियो हटाने के मामले में एक नया अपडेट सामने आया है। कंपनी ने राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (एनसीपीसीआर) से इसके लिए समय मांगा है। दरअसल, एनसीपीआर ने हाल ही में यूट्यूब को पत्र लिथा था, जिसमें आयोग ने मांग की थी कि यूट्यूब से मां-बेटे जैसे पवित्र रिश्तों से जुड़े अश्लील वीडियो को हटाया जाए।
बाल आयोग ने अनुरोध को स्वीकारा, दिया समय
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, यूट्यूब का प्रतिनिधिमंडल सोमवार को एनसीपीसीआर के समक्ष पेश हुआ। इस दौरान दोनों पक्षों ने विस्तार से चर्चा की और कई मुद्दों पर विचार-विमर्श किया। चर्चा के दौरान कंपनी के प्रतिनिधिमंडल ने राष्ट्रीय बाल आयोग से मांग की कि बाल अधिकार निकाय के निर्देशों का पालन करने के लिए कंपनी को समय दिया जाए। कंपनी के अनुरोध को बाल आयोग ने स्वीकार किया और 29 जनवरी तक का समय दे दिया।
अब जानें, पत्र में आयोग ने क्या कहा
दरअसल, 10 जनवरी को एनसीपीसीआर प्रमुख प्रियांक कानूनगो ने भारत में यूट्यूब के सरकारी मामलों और सार्वजनिक नीति की प्रमुख मीरा चैट को पत्र लिखा था। कानूनगो ने चैट को यूट्यूब पर चल रही आपत्तिजनक सामाग्रियों की सूची के साथ 15 जनवरी को व्यक्तिगत रूप से उनके सामने पेश होने के लिए कहा था। पत्र में कानूनगो ने मां और बच्चों से जुड़े अश्लील कंटेंट को प्लेटफॉर्म से हटाने की मांग की थी। इसके अलावा उन्होंने यूट्यूब पर नाबालिगों से जुड़े अश्लील कंटेंट शेयर करने वाले चैनलों की भी लिस्ट मांगी थी।