कौन था मुस्लिम जनरल अफजल खान? जिसने ज्योतिषी की भविष्यवाणी पर अपनी 63 बीबियों को मार डाला

अफजल खान भारत में बीजापुर सल्तनत के आदिल शाही वंश का एक क्रूर सेनापति था। अफजल खान 17वीं शताब्दी में बीजापुर के सुल्तान आदिल शाह का सबसे भरोसेमंद सिपहसलार था। सल्तनत के दक्षिण में विस्तार के लिए उसने काफी मेहनत की। उसे कई जंग में सफलताएं भी मिली। इसलिए उसकी साम्राज्य में तूती बोलती थी। हालांकि वह ज्योतिषियों की भविष्यवाणी पर काफी यकीन करता था। इस बात का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि उसने अपनी मौत की भविष्यवाणी के बाद अपनी 63 बीबियों की कूरता पूर्वक हत्या कर दी।

कर्नाटक के बीजापुर में आज भी चबूतरों पर उसकी बीबियों की कब्रे हैं। इन कब्रों की कुल संख्या 63 है। समान आकार और डिजाइन से ऐसा पता चलता है कि ये सभी कब्र एक ही वक्त में बनाई गई थीं। कब्रों के सपाट हेड से यह भी पता लगता है कि ये सभी कब्र महिलाओं की हैं। ऐसा बताया जाता है कि ये बीजापुर के मुस्लिम जनरल अफजल खान की बीबियों की कब्रें हैं।

भविष्यवाणी से घबरा गया अफजल
बात 1659 की है, जब मराठियों के महान योद्धा शिवाजी महाराज से लड़ने के लिए बीजापुर के तत्कालीन सुल्तान अली आदिल शाह द्वितीय ने अपने सेनापति अफ़ज़ल खान को भेजा। बीबीसी की रिपोर्ट के मुताबिक, भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के हेनरी कजिन्स के अनुसार, ज्योतिषियों ने अफ़ज़ल खान से कहा था कि वह इस युद्ध से जीवित नहीं लौट पाएगा। इस भविष्यवाणी से अफजल खान बहुत डर गया। 

अपनी कब्र पर खुद मौत की तारीख लिखी
कजिन्स ने अपनी किताब ‘बीजापुर: द ओल्ड कैपिटल ऑफ द आदिल शाही किंग्स’ में कहा है कि अफजल खान को उस ज्योतिषी की भविष्यवाणी पर इतना विश्वास था कि वह अपने मामलों को उसी के अनुसार चलता था। अफ़ज़ल खान इस भविष्यवाणी से इतना प्रभावित हुआ कि उसने कब्र के पत्थर पर अपनी मौत की तारीख का वर्ष लिख दिया। बीजापुर छोड़ते समय, उसे इस बात का अहसास था कि वह अब दोबारा नहीं लौटेगा।

पत्नियों को क्यों मार डाला?
इतिहासकार लक्ष्मी शरथ ने ‘द हिंदू’ को बताया कि अफजल खान ने अपनी सभी पत्नियों को एक-एक करके कुएं में धकेल दिया ताकि युद्ध में मरने के बाद वे किसी और के हाथ न पड़ें। उसे डर था कि उसकी मौत के बाद कहीं कोई उसकी पत्नी से शादी न कर ले। बताया जाता है कि उसकी एक पत्नी ने भागने की कोशिश की, लेकिन वह भी पकड़ी गई और मार दी गई। हेनरी कजिन्स के मुताबिक, बीजापुर में स्थित इस चबूतरे में 63 महिलाओं की कब्रों के अलावा एक कब्र खाली है। ऐसा बताया जाता है कि शायद एक या दो महिलाएं बच गईं होंगी।

 

 

 

 

 

 

 

 

 

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