भारत में कौन-कौन सी कोरोना वैक्सीन लगाई गई, किस कंपनी ने कौन सी बनाई?

 

कोरोना के उस दौर को कौन भूल सकता है. ये वो समय था जब दुनिया में खौफ का माहौल था. हर किसी के चेहरे पर एक भय रहता था. एक-एक जान बचाने के लिए जद्दोजहद चल रही थी. श्मशान घाट के बाहर शवों की कतार लगी रहती थी. घंटों के इंतजार के बाद दाह संस्कार का नंबर आता. इस महामारी से लड़ने के लिए सोशल डिस्टेंसिंग, मास्क और सैनिटाइजर का इस्तेमाल किया जाता था, लेकिन शरीर को कोरोना प्रूफ बनाने के लिए लोगों के सामने वैक्सीन ही एकमात्र विकल्प था. भारत ही नहीं, दुनिया की तमाम सरकारों ने ज्यादा से ज्यादा लोगों को वैक्सीन लगाने पर जोर दिया. भारत में तो वैक्सीन की 200 करोड़ से ज्यादा डोज दी जा चुकी है.

144 करोड़ की आबादी वाले भारत में वैक्सीन लगाने की शुरुआत 16 जनवरी, 2021 से हुई. कोरोना से जंग में लोगों को पहला हथियार ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनेका की वैक्सीन कोवीशील्ड के रूप में मिली. भारत में इसे सीरम इंस्टीट्यूट ने बनाया. यही वो पहली वैक्सीन थी जिसे सरकार की ओर से मंजूरी मिली थी. शुरू में कोवीशील्ड के दो डोज लगते थे. बाद में बूस्टर डोज भी दिया जाने लगा.

कोवीशील्ड के बाद जो वैक्सीन चर्चा में रही वो कोवैक्सीन थी. ये देश में ही बनी. भारत बायोटेक ने इस वैक्सीन को बनाया. कोवैक्सीन को इम्यून-पोटेंशिएटर्स के साथ शामिल किया गया है. इसे वैक्सीन सहायक के रूप में भी जाना जाता है. इसके दो खुराक 28 दिन के गैप में लगते हैं. वैक्सीन को जुलाई, 2020 में चरण I और II ह्यूमन क्लीनिकल ट्रायल के लिए DCGI की मंजूरी मिली थी.

Corona Vaccine

कोरोना की वैक्सीन

भारत ने कई देशों में भी कोरोना की वैक्सीन की भेजी. क्या कनाडा, क्या यूरोप, क्या बांग्लादेश…इन देशों के लोगों को भारत की भेजी हुई वैक्सीन लगी है.

इनके अलावा और कौन सी वैक्सीन भारत के लोगों को लगी

  • रूस की वैक्सीन स्पुतनिक-V भी लगी. भारत में इसे डॉक्टर रेड्डीज लैब बनाई है. कोवीशील्ड के बाद देश में मंजूरी पाने वाली दूसरी विदेशी वैक्सीन यही थी. स्पुतनिक-V को रूस ने अगस्त 2020 में इमरजेंसी यूज के लिए मंजूरी दी थी. ये कोरोना के खिलाफ मंजूर हुई दुनिया की सबसे पहली वैक्सीन में से एक है.
  • भारत में कोरोना की चौथी वैक्सीन मॉडर्ना की रही. ये अमेरिका की कंपनी है. इसकी वैक्सीन का नाम स्पाइकवैक्स है. मॉडर्ना वैक्सीन की भी दो डोज लगती हैं और पहली और दूसरी डोज के बीच 4 हफ्तों का गैप होता है.
  • दवा निर्माता कंपनी जायडस कैडिला की वैक्सीन भी भारत में दी जाती है. इसकी वैक्सीन का नाम जायकोव-डी (ZyCoV-D) है.

 

 

 

 

 

 

 

 

 

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