कनाडा के कंधों पर बंदूक रखकर US ने खेला गेम…निज्जर-पन्नू से अमेरिका का क्या फायदा?

 

खालिस्तान समर्थक आतंकियों को कनाडा से लेकर अमेरिका तक शह देता है. मोस्ट वांटेड आतंकी यहां खुले में घूमते हैं और भारत के खिलाफ साजिशें रचते हैं. इस बीच कनाडा और अमेरिका ने दो अलग-अलग बड़े दावे किए. कनाडाई पीएम जस्टिन ट्रूडो ने आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के लिए भारत सरकार को जिम्मेदार ठहराया तो वहीं अमेरिका ने गुरपतवंत सिंह पन्नू की हत्या की साजिश रचने का आरोप लगाया. आइए देखते हैं इन दोनों केस का पूरा टाइमलाइन और समझते हैं अमेरिका का डिप्लोमेटिक गेम.

कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने हाल ही में अपने एक इंटरव्यू में बताया कि उन्होंने निज्जर हत्याकांड में कथित भारत की संलिप्तता को इसलिए सार्वजनिक किया ताकि भारत को आगे ऐसा करने से रोका जा सके. कनाडा के प्रधानमंत्री की यह बात इसलिए भी अहम हो जाती है, क्योंकि अमेरिका निज्जर की हत्या मामले में भारत सरकार पर कार्रवाई का दबाव बनाता रहा है.

अमेरिका ने क्यों किया पन्नू मामले को सार्वजनिक?

अमेरिका ने गुरपतवंत सिंह पन्नू की हत्या की साजिश मामले को बीते नवंबर महीने में सार्वजनिक कर दिया, जिसे भारत ने काफी गंभीरता से लिया. इन दोनों मामले पर गौर करने से यह राय जरूर बन सकती है कि अमेरिका कनाडा के कंधों पर रखकर बंदूक चला रहा था. मसलन, भारत और अमेरिका में हाल के वर्षों में संबंध और ज्यादा मजबूत हुए हैं.

दोनों देशों ने सुरक्षा मोर्चे पर भी सहयोग को बढ़ाया है. इनके अलावा वैश्विक मोर्चे पर भी दोनों देश कई मुद्दों पर साथ मिलकर काम कर रहे हैं. ऐसे में यह संभव है कि अमेरिका ने कनाडा के सहारे भारत को संदेश देने की कोशिश की हो और कार्रवाई के लिए लगातार भारत पर दबाव बनाया. कनाडा अमेरिका का घनिष्ठ सहयोगी है, जो खालिस्तान आतंकियों का सबसे बड़ा अड्डा है.

मई और जून में पन्नू की हत्या की प्लानिंग!

अमेरिका के दावे के मुताबिक, कथित किसी भारतीय एजेंट ने निखिल गुप्ता नाम के एक भारतीय के सहारे पन्नू की हत्या की साजिश रची. मई महीने में कथित भारतीय एजेंट ने गुप्ता को एक किलर का इंतजाम करने कहा, जिससे गुप्ता ने एक लाख डॉलर में डील की. 9 जून के आसपास गुप्ता ने उस अज्ञात किलर को सुपारी के तौर पर 15 हजार डॉलर अडवांस दिया. गुरपतवंत सिंह पन्नू अमेरिका के न्यू यॉर्क में रहता है, जहां दावे के मुताबिक उसकी हत्या हो सकती थी.

बीते नवंबर में अमेरिकी जस्टिस डिपार्टमेंट ने निखिल गुप्ता को दोषी पाया और मामले में चार्जशीट दाखिल की गई. 29 नवंबर को भारत ने इस मामले पर प्रतिक्रिया दी और गंभीरता को देखते हुए एक हाई लेवल जांच कमेटी बनाई. अमेरिका फिलहाल यही चाहता था कि भारत इस मामले की जांच करे या जांच में सहयोग करे.

अब नजर डालते हैं कनाडा के दावों और निज्जर हत्याकांड पर

कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो के दावे के मुताबिक, हरदीप सिंह निज्जर की ब्रिटिश कोलंबिया के सरे में 18 जून को गोली मारकर हत्या कर दी गई. इसमें कथित तौर पर भारत सरकार का एक एजेंट शामिल था. कनाडा ने हालांकि, अमेरिका की तरह कथित भारतीय एजेंट के नाम का खुलासा नहीं किया लेकिन ट्रूडो का दावा है कि उनके पास पुख्ता सबूत हैं. खुद पीएम ट्रूडो ने बताया कि उन्हें यह जानकारी ऑस्ट्रेलिया, कनाडा, न्यूजीलैंड, अमेरिका और यूके के एक इंटेलिजेंस ग्रुप ‘FIVE EYES’ ने दी. यह ग्रुप एक-दूसरे देशों के साथ संबंधित इंटेलिजेंस इनपुट शेयर करता है.

गौर करने वाली बात है कि कनाडा ने निज्जर हत्याकांड में कथित भारतीय एजेंट के शामिल होने का आरोप सितंबर महीने में लगाया. उन्हें कनाडाई संसद में खड़े होकर बाजाब्ता भारत को सीधे तौर पर इस हत्या के लिए जिम्मेदार बताया. कनाडा ने भारत के साथ “विश्वसनीय आरोपों” के सबूत साझा किए और मामले की जांच में सहयोग की मांग की. भारत ने निज्जर की हत्या में किसी भी तरह की संलिप्तता से इनकार करते हुए आरोपों को “बेतुका” कहकर तुरंत खारिज कर दिया.

भारत के खिलाफ इन आरोपों के पीछे अमेरिका का मकसद

भारत एक विकासशील देश होने के नाते वैश्विक मोर्चे पर सहयोग देने की स्थिति में खुदको स्थापित कर रहा है. भारत ग्लोबल साउथ को लेकर काफी मुखर है. इसका एक लंबा इतिहास है कि अमेरिका पर विकासशील देशों को आगे बढ़ने से रोकने के लिए तमाम जद्दोजहद करने के आरोप लगते हैं.

रूस यूक्रेन युद्ध के बीच भारत ने अपना सुख देखकर रूस के साथ अप्रत्यक्ष रूप से खड़ा रहा. इस तरह की बहस आम है कि अमेरिका को इससे नाराजगी हुई. ऐसे में माना जा सकता है कि अमेरिका सीधे तौर पर भारत के साथ उलझना नहीं चाहता और इसलिए उसने कनाडा के कंधों पर रखकर बंदूक चलाई, जहां वैश्विक मोर्चे पर भारत को बदनामी का सामना करना पड़ा.

 

 

 

 

 

 

 

Source link

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!