लखनऊ: हाई ब्लड प्रेशर से पीड़ित मरीजों को सर्दी के मौसम में बीपी अत्यधिक बढ़ने पर आ जाने वाली इमरजेंसी के समय का खतरा टालने में ‘सांप की घास’ मददगार बनेगी। जी हां, सर्पगंधा के पौधे से बनी होम्योपैथी की दवा बीपी को तत्काल काबू में करने में कारगर हो सकती है। इसी को ध्यान में रखते हुए मुरादाबाद स्थित पश्चिमी यूपी के एकमात्र राजकीय होम्योपैथी मेडिकल कॉलेज ने बीपी के मरीजों पर स्नेक रूट यानि सर्पगंधा से बनी दवा का इस्तेमाल बढ़ाने के साथ ही इसे घर में रखने की सलाह दी है।
मुरादाबाद में लाइनपार स्थित राजकीय केजीके होम्योपैथी मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ.डीएस कुशवाहा ने बताया कि किसी मरीज का ब्लड प्रेशर बहुत ज्यादा बढ़े होने से पैदा हुई आपात स्थिति में उसे सर्पगंधा से बनी दवा राउवोल्फिया का मदर टिंचर देना बहुत कारगर है। इससे मरीज के अत्यधिक बढ़े हुए बीपी को काबू में लाना संभव होता है। बीपी के बेकाबू होने के चलते संभावित खतरा टल जाने के बाद मरीज का इलाज बीपी बढ़ने के कारणों का पता लगाकर उससे जुड़ी दवा देकर शुरू किया जाता है।
सर्दी की वजह से कॉलेज की ओपीडी में हाई बीपी के मरीज काफी बढ़े हैं। कई मरीजों को राउवोल्फिया का मदर टिंचर देने के साथ इलाज शुरू किया जा रहा है। डॉ.डीएस कुशवाहा ने हाई बीपी से पीड़ित मरीजों को आपात स्थिति के लिए यह मदर टिंचर अपने घर में रखने की सलाह दी। साथ ही कहा कि बहुत विषम परिस्थितियों को छोड़कर इसका सेवन चिकित्सक की सलाह लेकर करना ज्यादा बेहतर होगा।