RG Kar Rape Murder Case: कोलकाता डॉक्टर रेप और मर्डर केस में दोषी संजय रॉय को उम्रकैद की सजा, कोर्ट ने सुनाया अहम फैसला

RG Kar Rape Murder Case: कोलकाता डॉक्टर रेप और मर्डर केस में दोषी संजय रॉय को उम्रकैद की सजा, कोर्ट ने सुनाया अहम फैसला

कोलकाता: कोलकाता में एक जघन्य रेप और मर्डर के मामले में न्याय की एक महत्वपूर्ण प्रक्रिया का आज समापन हुआ। विशेष अदालत ने संजय रॉय को दोषी ठहराते हुए उसे उम्रभर की सजा सुनाई है। यह मामला 2024 में आरजी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में हुई एक ट्रेनी महिला डॉक्टर के बलात्कार और हत्या से जुड़ा हुआ है। अदालत ने दोषी पर 50,000 रुपये का जुर्माना भी लगाया और मृतका के परिवार को 17 लाख रुपये का मुआवजा देने का आदेश दिया।

कोर्ट का फैसला आया सामने

कोलकाता के सालदा अदालत के अतिरिक्त जिला और सत्र न्यायाधीश अनिर्बान दास ने 18 जनवरी को संजय रॉय को दोषी ठहराया था। आज, 20 जनवरी को दोषी को सजा सुनाई गई। कोर्ट ने इस मामले में दोषी को उम्रभर की सजा के साथ-साथ 50 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है। इसके अलावा, मृतका के परिवार को 17 लाख रुपये का मुआवजा देने का भी आदेश दिया गया है। वहीं, कोर्ट ने इस अपराध को ‘रेयर ऑफ द रेयर’ श्रेणी में नहीं माना, जिस कारण मौत की सजा की मांग को खारिज कर दिया गया। हालांकि, इस मामले में सीबीआई ने फांसी की सजा की मांग की थी, लेकिन अदालत ने इसे उचित नहीं माना। सीबीआई ने कहा था कि इस घटना से समाज को गहरा धक्का लगा है और दोषी को सजा मिलने से समाज में विश्वास बहाल होगा।

घटना और आरोपी की गिरफ्तारी

यह घटना 9 अगस्त 2024 को घटी, जब आरजी कर मेडिकल कॉलेज के सेमिनार हॉल में एक ट्रेनी महिला डॉक्टर का शव मिला। जांच शुरू होते ही कोलकाता पुलिस ने आरोपी संजय रॉय को गिरफ्तार किया, लेकिन मामला सीबीआई के पास चला गया। सीबीआई ने मामले की गहन जांच की और फिर आरोपी को पुलिस से लेकर अपने हवाले लिया। जांच के दौरान यह बात सामने आई कि संजय रॉय ने बलात्कार के बाद हत्या की थी और मामले में महत्वपूर्ण दस्तावेजों से छेड़छाड़ भी की गई थी।

परिवार का बयान आया सामने

कोर्ट में सजा के दौरान पीड़िता के माता-पिता ने कहा कि उन्हें कोई मुआवजा नहीं चाहिए, क्योंकि उनकी बेटी अब कभी वापस नहीं आ सकती। हालांकि, कोर्ट ने मुआवजा देने का आदेश दिया ताकि उनके दुख को थोड़ा कम किया जा सके। सजा के बाद, अदालत ने आरोपी से पूछा कि क्या वह कुछ कहना चाहता है, जिस पर उसने कहा कि उसे दस्तावेजों पर जबरन साइन कराए गए थे।

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