बॉर्डर पर पिलर्स…भारत से सीमा विवाद पर क्या बोलीं नेपाल की नई विदेश मंत्री आरजू राणा देऊबा

 

काठमांडू: नेपाल में नई सरकार बन चुकी है। प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली के मंत्रिमंडल में विदेश मंत्री का पद आरजू राणा देऊबा को बनाया गया है। आरजू राणा के नया विदेश मंत्री बनने के बाद नेपाल-भारत के साथ संबंध कैसे रहेंगे, इसको लेकर भी लोगों में काफी उत्कंठा है। पद संभालने के बाद आरजू राणा देऊबा ने भारत के साथ संबंधों पर और सीमा विवाद पर भी बात की है। उन्होंने नई तकनीक के आधार पर भारत के साथ सीमा विवाद सुलझाने पर जोर दिया। गौरतलब है कि नेपाल की सबसे बड़ी कम्युनिस्ट पार्टी के नेता ओली को रविवार को राष्ट्रपति रामचंद्र पौडेल ने प्रधानमंत्री नियुक्त किया था। ओली को संसद में सबसे बड़ी पार्टी नेपाली कांग्रेस (एनसी) और कुछ अन्य छोटे दलों का समर्थन प्राप्त है।

 

 

नेपाल की नई विदेश मंत्री आरजू राणा देऊबा ने कहा कि भारत के साथ सीमा विवाद को तथ्यों और सबूतों के आधार पर सुलझाया जाना चाहिए। उन्होंने आगे कहा कि इससे सभी गैर जरूरी विवाद खत्म हो जाएंगे। देऊबा ने इस दिशा में नए सिरे से काम करने की बात कही। उन्होंने पुराने तरीकों को पीछे छोड़ने की वकालत की और कहा कि जरूरी नहीं कि बॉर्डर पर लगे पिलर्स को गिनकर पड़ोसी देश के साथ विवाद सुलझाए जाएं। आरजू राणा ने कहा कि हम नई तकनीक के हिसाब से इस समस्या से पार पाने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि भूगोल, इतिहास के साथ जीपीएस बेस्ड नए नक्शों के हिसाब से भारत सीमा विवाद पर बात होगी। 

 

आरजू राणा देऊबा ने आगे कहा कि हमें अब यह चिंता करने की जरूरत नहीं कि बाउंड्री पिलर्स कहां हैं। आज हमारे पास ज्यादा जानकारी है। इसके अलावा फैक्ट्स और सबूत भी हैं। उन्होंने कहा कि महाकाली सीमाई नदी है। भारत और नेपाल दोनों यहां तक पहुंचते हैं। इसलिए विवाद रहा है। गौरतलब है कि राणा देऊबा नेपाल की चौथी महिला विदेश मंत्री हैं। इससे पहले बिमला राय पौडेल, सुजाता कोइराला और सहाना प्रधान यह जिम्मेदारी संभाल रही हैं।

 

पति के दौर में भारत से अच्छे संबंध

आरजू राणा देऊबा के नेपाल का विदेश मंत्री रहते भारत से अच्छे संबंध रहने का अनुमान है। इसकी वजह हैं, उनके पति शेर बहादुर देऊबा, जो नेपाली कांग्रेस के अध्यक्ष हैं। 2022 में नेपाल का प्रधानमंत्री रहते हुए शेर बहादुर ने देऊबा ने भारत की यात्रा की थी और पीएम मोदी से उनकी मुलाकात भी हुई थी। तब मोदी और देऊबा दोनों ने सीमा विवाद सुलझाने के लिए संयुक्त व्यवस्था पर जोर दिया था। उन्होंने यह भी कहा था कि खुली सीमा का इस्तेमाल अवांछित तत्वों द्वारा नहीं होना चाहिए। तब पीएम मोदी ने कहा था कि भारत-नेपाल की जैसी दोस्ती है, दुनिया में उसकी कोई दूसरी मिसाल नहीं मिलती। हम बहुत लंबे समय से एक-दूसरे के सुख-दुख में साथ रहे हैं।

 

 

 

 

 

 

 

 

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