OBC आरक्षण जारी है और हमेशा जारी रहेगा, नहीं मानूंगी फैसला… हाईकोर्ट के निर्देश पर बरसीं ममता बनर्जी

 

कलकत्ता हाईकोर्ट से ममता सरकार को बड़ा झटका लगा है. हाईकोर्ट ने 2010 के बाद बनी पूरी ओबीसी सूची को रद्द करने का आदेश दिया है, जिसके चलते करीब 5 लाख ओबीसी सर्टिफिकेट रद्द होने के आसार हैं. हाई कोर्ट के इस फैसले पर तृणमूल कांग्रेस प्रमुख और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कड़ी आपत्ति जताई है. बुधवार को खरदह सभा से ममता बनर्जी ने कहा, ”मैं इस फैसले को स्वीकार नहीं करती हूं. जब 26,000 शिक्षकों को बर्खास्त किया गया, तो मैंने कहा था कि हम उस फैसले को स्वीकार नहीं करते हैं. ऐसे ही मैं आज कह रही हूं, जिसने भी फैसला दिया है. मैं नाम नहीं लूंगी. फैसले के बारे में तो यही कहा जा सकता है. ये बीजेपी का फैसला है. हम स्वीकार नहीं करेंगे. ओबीसी आरक्षण चल रहा है, जारी रहेगा.”

ममता बनर्जी ने दावा किया कि तब उपेन विश्वास चेयरमैन थे. हमने घर-घर सर्वे करके ओबीसी को बचाया था. यह 2012 से चल रहा है. ममता बनर्जी के मुताबिक, इन ओबीसी को संविधान के दायरे में आरक्षण दिया गया है. यहां बता दें कि बुधवार को हाई कोर्ट ने कहा है कि पश्चिम बंगाल पिछड़ा वर्ग आयोग अधिनियम 1993 के तहत ओबीसी की नई सूची तैयार करनी होगी. अंतिम अनुमोदन के लिए सूची को विधानसभा से अनुमोदन लेना होगा.

हाईकोर्ट के फैसले को बताया बीजेपी का फैसला

ममता बनर्जी ने कहा है कि वह ओबीसी आरक्षण पर कलकत्ता हाई कोर्ट के फैसले से सहमत नहीं हैं. उनके मुताबिक ओबीसी आरक्षण जारी है और जारी रहेगा. इसे इस तरह से रद्द नहीं किया जा सकता. उन्होंने इस फैसले को ‘बीजेपी का फैसला’ बताकर इसकी आलोचना भी की. कलकत्ता उच्च न्यायालय ने बुधवार को 2010 से राज्य के सभी ओबीसी प्रमाणपत्र रद्द कर दिए. बता दें कि तृणमूल कांग्रेस 2011 से राज्य में सत्ता में आई है.

ममता बनर्जी ने कहा कि मैं इस फैसले को स्वीकार नहीं करती हूं. उन्होंने 26 हजार नौकरियां रद्द कर दीं, तब भी मैंने उस फैसले को नहीं माना था. बुधवार को आया फैसला बीजेपी का फैसला है. हम सहमत नहीं हैं. ओबीसी आरक्षण जारी है, जारी रहेगा.

हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ करेंगी अपील

ममता बनर्जी ने चेतावनी दी है कि अगर जरूरत पड़ी तो वह इस फैसले के खिलाफ हाई कोर्ट जाएंगी. उन्होंने कहा, ”वे मुझे नहीं जानते. मैं झुकने वालों में से नहीं हूं. मुसलमान अनुसूचित नौकरियों में हिस्सा क्यों नहीं होंगे? वे उतने बुरे नहीं हैं.”

ममता बनर्जी ने कहा कि यह फैसला नरेंद्र मोदी को खुश करने के लिए है. वह जो कहते हैं, कुछ लोग करते हैं, लेकिन अगर कोई यह सोचे कि राज्य की सरकार छीन ली जायेगी तो ऐसा नहीं होगा. मुझे जहां तक जाना है मैं जाऊंगी. मैं इस फैसले को स्वीकार नहीं करती, मैं इसे स्वीकार नहीं करती. कानून भेदभाव नहीं करता है.

कलकत्ता हाई कोर्ट के जजों पर निशाना साधते हुए ममता बनर्जी ने कहा, ”कोई कह रहा है कि रिटायरमेंट के बाद मैं आरएसएस का आदमी हूं. कोई फिर कहता है मैं बीजेपी वाला हूं. उनके द्वारा लोगों का मूल्यांकन कहां से किया जाएगा?” लेकिन इसके साथ ही ममता बनर्जी कहा, ”अदालत में हर कोई बुरा नहीं है, लेकिन जिसने ये फैसला सुनाया, मैं उसके फैसले को नहीं मानती. अगर जरूरत पड़ी तो मैं ऊपरी अदालत में जाऊंगी.”

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

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