नौतनवा (आनन्द श्रीवास्तव): मिट्टी के अवैध खनन कारोबार पर रोक नहीं लग पा रही है। दिन के उजाले तथा रात के अंधेरे में यह व्यापार फल फूल रहा है। नौतनवा तहसील क्षेत्र में चल रहे अवैध मिट्टी खनन के मामले में स्थानीय प्रशासन भी ढुलमुल रवैया अख्तियार किए हुए है। जिम्मेदार कार्रवाई नहीं कर रहे हैं।
नौतनवा तहसील क्षेत्र के ग्राम गनवरिया, महुअवा, सुकरौली उर्फ अरघा, शेख फरेंदा, बगहा, छपवा और सुंडी और भुंडी जैसे गांव में जेसीबी से लगातार मिट्टी की खुदाई हो रही है तथा ट्रैक्टरों से ढुलाई हो रही है। मिट्टी माफियाओं के हौसले इतने बुलंद हो गए हैं कि दिन हो या रात जमकर मिट्टी खनन का अवैध काम हो रहा है और जिम्मेदार जान कर भी अनजान बने हुए हैं।
जिम्मेदारों की इस अनदेखी के कारण राजस्व को भारी हानि पहुंच रही है। भले ही शासन-प्रशासन की ओर से अवैध खनन पर लगाम लगने का दावा कर रहे हों, लेकिन नौतनवा तहसील में खनन का धंधा खूब फल-फूल रहा है। इससे खनिज संपदा के साथ-साथ राजस्व को चूना लगाया जा रहा है तो वहीं पर्यावरण को भी प्रदूषित करने में कोई कसर बाकी नहीं छोड़ी जा रही है।
मुख्यमंत्री का आदेेश भी अधिकारियो ने अनसुना कर दिया-
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के आदेश के बाद भी अधिकारी सुधरने का नाम नहीं ले रहे हैं। जिससे अवैध खनन का धंधा खूब फल-फूल रहा है। स्थानीय प्रशासन एवं खनन अधिकारियों से साठगांठ कर माफिया मिट्टी का खनन दिन-रात कर रहे हैं। जिस पर अधिकारी कार्रवाई करने के बजाय चुप्पी साधे हुए हैं।
नियमों की अनदेखी-
सरकार ने मिट्टी खनन के लिए सख्त नियम बनाए हैं, जिसके तहत विभागीय पोर्टल पर अधिकतम 100 घन मीटर साधारण मिट्टी के खनन और उसके परिवहन के लिए अनुमति लेनी अनिवार्य है। इस अनुमति के तहत केवल 33 ट्राली मिट्टी ही निकाली जा सकती है। लेकिन खनन माफिया इन नियमों की धज्जियां उड़ाते हुए एक ही जगह से हजारों ट्राली मिट्टी का खनन कर रहे हैं और इसे बाजार में 1500 से 2000 रुपये प्रति ट्राली के हिसाब से बेच रहे हैं।
खनन के लिए परमिशन के ये हैं नियम-
-परमिशन लेने वाले को ऐसी जगह से मिट्टी निकालनी होती है, जहां पर कोई सड़क, सार्वजनिक मार्ग, भवन या सार्वजनिक संपत्ति का नुकसान न हो
– तय मानक से अधिक मिट्टी निकालने पर यह अवैध खनन होगा
– परमिशन के बाद भी अगर सरकार, न्यायालय का कोई नया आदेश आएगा तो उसका पालन करना होगा
– खनन के आसपास के खेतों को कोई नुकसान नहीं होना चाहिए
– खनन वाली जगह पर अगर पेड़ हो तो उसे नुकसान न पहुंचे
– पर्यावरण स्वच्छता प्रमाण पत्र के प्रभावी नियमों अधिसूचना एवं शर्तों के अनुसार खनन संविदा की जाएगी