नायब सिंह सैनी की सत्ता पर मंडरा रहा खतरा, दुष्यंत चौटाला ने खोल दिए अपने पत्ते

हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी संकट में हैं. उनकी सरकार पर खतरा मंडरा रहा है. तीन निर्दलीय विधायकों ने समर्थन वापस ले लिया है. सैनी की कुर्सी पर मंडरा रहे खतरे के बीच भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) की पूर्व सहयोगी जेजेपी ने अपने पत्ते खोल दिए हैं. जेजेपी के नेता दुष्यंत चौटाला ने कहा है कि सरकार को गिराने में हम बाहर से समर्थन करेंगे. उन्होंने बताया कि लेकिन ऐसा करने के लिए कांग्रेस को आगे होना होगा.

खट्टर सरकार में उपमुख्यमंत्री रहे दुष्यंत चौटाला ने कहा, ‘बीजेपी की सरकार अगर अल्पमत में है तो उसे गिराने में हम बाहर से समर्थन करेंगे. अब ये कांग्रेस को सोचना है कि वो बीजेपी सरकार को गिराने के लिए कोई कदम उठाएगी या नहीं. आज हम विपक्ष के तौर पर सरकार गिराने के पक्ष में हैं, लेकिन सरकार गिराने के लिए अब कांग्रेस को आगे बढ़ना है.’ उन्होंने आगे कहा कि जब तक व्हिप की ताकत है तब तक हमारे सभी विधायकों को पार्टी के आदेश के अनुसार वोट डालना पड़ेगा.

सरकार से समर्थन वापस लेने वाले 3 निर्दलीय विधायकों ने कांग्रेस के साथ जाने का फैसल किया है. उनके इस निर्णय पर हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री और करनाल लोकसभा सीट से बीजेपी उम्मीदवार मनोहर लाल खट्टर ने कहा, वे निर्दलीय हैं, हम क्या कर सकते हैं. ये(कांग्रेस) अपनों को संभाल कर रखें, जिस दिन हिसाब खुल गया उस दिन इनको समझ में आएगा कि हमारे संपर्क में कितने हैं…अगर अविश्वास प्रस्ताव भी लाएंगे तो वे(कांग्रेस) ही गिरेंगे. उनके और बाकी दलों के कितने लोग हमारे साथ खड़े होंगे ये उन्हें नहीं पता हमें पता है.

क्या कहते हैं आंकड़े?

हरियाणा की 90 सदस्यीय विधानसभा में सदस्यों की मौजूदा क्षमता 88 है. सरकार के पास बहुमत से दो विधायक कम हैं. वर्तमान में बीजेपी सरकार को दो अन्य निर्दलीय विधायकों का समर्थन प्राप्त है. विधानसभा में बीजेपी के 40, कांग्रेस के 30 और जेजेपी के 10 विधायक हैं. निर्दलीय विधायक सोमबीर सांगवान (दादरी), रणधीर सिंह गोलन (पुंडरी) और धर्मपाल गोंदर (नीलोखेड़ी) ने नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा और प्रदेश कांग्रेस प्रमुख उदय भान की मौजूदगी में रोहतक में अपने फैसले की घोषणा की. भूपेंद्र सिंह हुड्डा हुड्डा ने कहा, सरकार को इस्तीफा दे देना चाहिए. राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाया जाना चाहिए और चुनाव कराया जाना चाहिए. यह जनविरोधी सरकार है.

निर्दलीय विधायकों का बयान भी जानिए

निर्दलीय विधायक गोंदर ने कहा, हम सरकार से समर्थन वापस ले रहे हैं. हम अब कांग्रेस के साथ हैं. हमने किसानों से जुड़े मुद्दों, महंगाई और बेरोजगारी सहित विभिन्न मुद्दों पर यह निर्णय लिया है. उदय भान ने कहा, तीन निर्दलीय विधायकों ने कांग्रेस को अपना समर्थन दिया है. सरकार को पहले जेजेपी के 10 विधायकों और निर्दलीय विधायकों का समर्थन प्राप्त था, लेकिन जेजेपी ने भी समर्थन वापस ले लिया और अब निर्दलीय भी साथ छोड़ रहे हैं.

उन्होंने कहा, नायब सिंह सैनी के नेतृत्व वाली सरकार अब अल्पमत में है. मुख्यमंत्री सैनी को अपना इस्तीफा दे देना चाहिए, क्योंकि उन्हें एक मिनट भी पद पर रहने का अधिकार नहीं है. हरियाणा में अक्टूबर में विधानसभा चुनाव होने हैं. मनोहर लाल खट्टर की जगह सैनी ने मार्च में नए मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली थी. सैनी के नेतृत्व वाली बीजेपी सरकार ने 13 मार्च को सदन में ध्वनि मत से विश्वास मत जीत लिया था.

 

 

 

 

 

 

 

 

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