महाराष्ट्र में MVA ने किसी भी मुसलमान को नहीं दिया टिकट, भड़के स्टार प्रचारक नसीम खान का इस्तीफा, खरगे को खत

 

मुंबई: महाराष्ट्र के मुसलमान कांग्रेस से सवाल पूछ रहे हैं कि कांग्रेस को मुसलमानों के वोट तो चाहिए परंतु मुस्लिम उम्मीदवार क्यों नहीं? मुसलमानों के इस सवाल पर कांग्रेस में बवाल मचा हुआ है। मुंबई में उत्तर भारतीयों के कांग्रेस से बिदकने के बाद एकमात्र मुस्लिम वोटर ही कांग्रेस के पास बचा था, वह भी उससे दूर जाने की तैयारी में है। महाराष्ट्र की 48 लोकसभा सीटों में से एक भी सीट पर मुस्लिम उम्मीदवार न दिए जाने से पार्टी के मुस्लिम वोटर ही नहीं, नेता भी नाराज़ हो गए हैं। महाराष्ट्र प्रदेश कांग्रेस के कार्याध्यक्ष और राज्य के पूर्व मंत्री मोहम्मद नसीम आरिफ खान ने पार्टी के लिए तीसरे, चौथे और पांचवें चरण के लिए महाराष्ट्र में होने वाले चुनावों में पार्टी के लिए प्रचार करने से इनकार कर दिया है। इतना ही नहीं, उन्होंने महाराष्ट्र के लिए बनी पार्टी की कैंपेन कमिटी से भी इस्तीफा दे दिया है।

नसीम खान मुंबई में कांग्रेस के बड़े नेता हैं। पांच बार विधानसभा चुनाव लड़े हैं और चार बार जीते हैं। दो बार महाराष्ट्र में मंत्री रहे हैं। वे मुंबई और महाराष्ट्र कांग्रेस का मुस्लिम चेहरा भी हैं और इस बार मुंबई उत्तर-मध्य लोकसभा सीट से कांग्रेस की उम्मीदवारी चाहते थे।

वर्षा गायकवाड की उम्मीदवारी से नाराज!

नसीम खान का विधानसभा क्षेत्र भी इसी लोकसभा क्षेत्र में आता है। उन्हें उम्मीद थी कि कांग्रेस ने इस बार महाराष्ट्र में एक भी मुस्लिम उम्मीदवार नहीं दिया है, इसलिए उन्हें उत्तर-मध्य सीट से मेरिट के आधार पर टिकट दिया जाएगा। लेकिन कांग्रेस ने उनकी जगह मुंबई कांग्रेस की अध्यक्ष वर्षा गायकवाड को उम्मीदवारी दे दी, जबकि वर्षा गायकवाड मूल रूप से दक्षिण-मध्य सीट से उम्मीदवारी पाने की इच्छुक थीं। जब उद्धव ठाकरे ने दक्षिण-मध्य में अनिल देसाई को अपना उम्मीदवार घोषित कर दिया तो वर्षा गायकवाड नाराज़ हो गईं। उनकी नाराज़गी को दूर करने के लिए पार्टी ने उन्हें उत्तर-मध्य का टिकट थमा दिया। लेकिन पार्टी का यह फैसला नसीम खान को रास नहीं आया। मुंबई और महाराष्ट्र में मुसलमानों और उत्तर भारतीयों की राजनीति करने वाले नसीम खान के लिए अपने समर्थकों को जवाब देना मुश्किल हो रहा था।

इंडिया अलायंस और एमवीए ने मुसलमानों को नाउम्मीद किया है। अब तक मुसलमान कांग्रेस को वोट करने को तैयार थे, लेकिन जब वह मुसलमानों को नुमाइंदगी ही देने को तैयार नहीं है, तो हम कांग्रेस को वोट क्यों दें। हम बीजेपी को वोट नहीं देंगे, लेकिन हमारे पास वीबीए और एमआईएम जैसे विकल्प हैं।

खान अब्दुल बारी खान, मुख्य संयोजक, मुंबई मुस्लिम वोटर्स काउंसिल

‘कांग्रेस ने मुसलमानों की अपेक्षा की’

आखिरकार उन्होंने शुक्रवार को कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे को पत्र लिखकर पार्टी के लिए चुनाव प्रचार न करने, कैंपेन कमिटी से इस्तीफा देने की घोषणा तो कर ही दी, साथ ही कांग्रेस नेतृत्व से पूछा है कि वे मुसलमानों द्वारा पूछे जा रहे इस सवाल का क्या जवाब दें कि कांग्रेस को मुसलमानों का वोट तो चाहिए, लेकिन मुस्लिम उम्मीदवार नहीं चाहिए? खरगे को लिखे पत्र में उन्होंने लिखा है कि मुस्लिम संगठनों, मुस्लिम नेताओं और पार्टी कार्यकर्ताओं को गुरुवार तक कांग्रेस से यह अपेक्षा थी, लेकिन पार्टी इस अपेक्षा पर खरी नहीं उतरी। नसीम खान ने एनबीटी से बात करते हुए कहा कि समाज के इन्हीं सवालों ने मुझे अपसेट कर दिया। अगर ऐसे में पार्टी के लिए प्रचार में जाऊंगा तो लोगों के इन सवालों का क्या जवाब दूंगा। इससे पहले मुझे पार्टी ने उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, गुजरात, राजस्थान, पश्चिम बंगाल, कर्नाटक, तेलंगाना, गोवा और महाराष्ट्र में जो भी जिम्मेदारी दी थी, मैंने निभाई है।

महाराष्ट्र एक प्रगतिशील राज्य है। यहां कांग्रेस ने कभी किसी के साथ भेदभाव नहीं किया। पहली बार ऐसा हो रहा है कि जब महाराष्ट्र में उत्तर भारतीय, हिंदी भाषी, अल्पसंख्यक समाज का कोई उम्मीदवार कांग्रेस ने नहीं दिया है। इससे समाज नाराज़ है और मैं भी नाराज़ हूं।

नसीम खान, नेता कांग्रेस

उन्होंने बताया कि मैं पार्टी के पास टिकट मांगने नहीं गया था। दिल्ली और महाराष्ट्र के बड़े नेताओं ने मुझे दो महीने पहले ही उत्तर-मध्य सीट से चुनाव लड़ने की तैयारी के लिए कहा था। पार्टी नेताओं के आदेश पर ही मैं चुनाव की तैयारी कर रहा था। फिर अचानक बिना किसी सलाह-मशविरे के उम्मीदवार बदलने का क्या औचित्य है? इससे अल्पसंख्यक समाज में जो संदेश गया है, वह पार्टी के हित में नहीं है।

पूरे राज्य से समाज में बहुत तीखी प्रतिक्रिया दिखाई दे रही है। कांग्रेस के मुस्लिमजन हों या समाज की धार्मिक और सामाजिक संस्थाएं, सभी में व्यापक रोष है। वह भी तब जब हमारा पूरा समाज एमवीए को वोट देने को आतुर था।

जाकिर अहमद, महासचिव, महाराष्ट्र कांग्रेस

प्रवक्ता पद से इस्तीफा

महाराष्ट्र प्रदेश प्रवक्ता भरत सिंह ने प्रवक्ता पद से इस्तीफा दे दिया है। सिंह ने अपना इस्तीफा अध्यक्ष नाना पटोल को भेज दिया है। सिंह ने बताया कि मुंबई में 40 लाख उत्तर भारतीय हैं और महाराष्ट्र में बड़ी तादाद में मुस्लिम समाज है। तब भी एक भी उत्तर भारतीय और मुस्लिम को लोकसभा चुनाव का टिकट नहीं दिया गया है। भरत ने मांग की है कि तत्काल मुंबई अध्यक्ष किसी उत्तर भारतीय को बनाया जाए, ताकि लोगों की नाराज़गी दूर की जा सके।

 

 

 

 

 

 

 

 

 

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