महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव का आगाज हो चुका है. सभी राजनीतिक दल तैयारियों में जुट गए हैं. इस बीच महाराष्ट्र कांग्रेस प्रमुख नाना पटोले ने गुरुवार को भारत के चुनाव आयोग से चुनावों के मद्देनजर पुलिस महानिदेशक रश्मि शुक्ला को हटाने का आग्रह किया है. कांग्रेस प्रमुख ने मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार को एक पत्र लिखा है जिसमें उन्होंने ये मांग की है.
महाराष्ट्र कांग्रेस अध्यक्ष ने रश्मि शुक्ला पर कांग्रेस, शिवसेना (यूबीटी) और एनसीपी (एसपी) जैसे विपक्षी दलों के खिलाफ पक्षपात करने का आरोप लगाया है. उनका कहना है कि शुक्ला के पद पर बने रहने से निष्पक्ष और पारदर्शी तरीके से चुनाव कराने पर संदेह पैदा होगा. कांग्रेस का मानना है कि चुनाव प्रक्रिया के दौरान निष्पक्षता बनाए रखने के लिए उनका हटना जरूरी है.
पुलिस महानिदेशक रश्मि शुक्ला को हटाने की मांग
नाना पटोले ने आरोप लगाया कि पिछले 20 दिनों में महाराष्ट्र में विपक्षी नेताओं को निशाना बनाकर राजनीतिक हिंसा की कई घटनाएं हुई हैं, जिनमें कथित तौर पर मामले बढ़ रहे हैं. उनका कहना है कि चुनाव आयोग ने शुक्ला को हटाने के कांग्रेस के अनुरोध को नजरअंदाज कर दिया था, लेकिन विपक्ष शासित पश्चिम बंगाल और चुनावी राज्य झारखंड के शीर्ष पुलिस अधिकारियों को हटाने के लिए बीजेपी के इसी तरह के अनुरोध को स्वीकार कर लिया था.
31 अक्टूबर को लिखे गए पत्र में कांग्रेस ने शुक्ला को हटाने के लिए पहले की गई मांगों का उल्लेख किया गया है. पटोले ने कहा कि कांग्रेस ने 24 सितंबर और 4 अक्टूबर को पत्र लिखकर शुक्ला को हटाने की मांग की थी और जब चुनाव आयोग अधिकारियों ने बीते 27 सितंबर को मुंबई का दौरा किया तो पार्टी के एक प्रतिनिधिमंडल ने यह मांग दोहराई थी.
डीजीपी शुक्ला पर कांग्रेस ने लगाए आरोप
महाराष्ट्र कांग्रेस ने डीजीपी शुक्ला पर राज्य के विभिन्न सीपी और एसपी को विपक्षी नेताओं के खिलाफ झूठे मामले दर्ज करने का निर्देश देने का आरोप लगाया है और निष्पक्ष चुनाव सुनिश्चित करने के लिए उन्हें तत्काल बर्खास्त करने की मांग की है. पत्र में कहा गया है कि शुक्ला ने विभिन्न सीपी और एसपी को विपक्षी नेताओं के खिलाफ झूठे मामले दर्ज करने का निर्देश दिया है.
उन्होंने कहा कि पुलिस तंत्र कथित तौर पर विपक्षी नेताओं और कार्यकर्ताओं को बाधित कर रहा है, उन पर दबाव डाल रहा है और धमकी दे रहा है. पत्र में ये भी कहा गया है कि रश्मि शुक्ला का दृष्टिकोण पहले भी विवादास्पद रहा है. वह विपक्षी नेताओं के फोन टैपिंग में शामिल थीं और उनके खिलाफ मामले दर्ज किए गए थे.
‘सत्तारूढ़ पार्टी की सहायता करती हैं डीजीपी’
इसके आगे पत्र में कहा गया है कि बीजेपी के सत्ता में आने के बाद शुक्ला को डीजीपी पद पर नियुक्त किया गया था, और उनकी सेवानिवृत्ति के बाद भी उनका कार्यकाल अनियमित रूप से बढ़ाया गया था. कांग्रेस ने कहा कि पारदर्शी और भयमुक्त चुनाव माहौल के लिए विवादास्पद डीजीपी रश्मि शुक्ला को हटाना जरूरी है जो कथित तौर पर सत्तारूढ़ पार्टी की सहायता करती हैं.
कांग्रेस निष्पक्ष चुनाव सुनिश्चित करने के लिए शुक्ला की तत्काल बर्खास्तगी की मांग करती है और चेतावनी देती है कि अगर उनकी मांग को नजरअंदाज किया गया तो पार्टी कोर्ट का रुख कर सकती है.