महराजगंज समाचार: रामग्राम में उत्खनन का शुभारंभ आज, पर्यटन और सांस्कृतिक महत्व बढ़ने की उम्मीद

महराजगंज समाचार: रामग्राम में उत्खनन का शुभारंभ आज, पर्यटन और सांस्कृतिक महत्व बढ़ने की उम्मीद

महराजगंज, (आनन्द श्रीवास्तव)। सोमवार को महराजगंज जनपद के ऐतिहासिक स्थल रामग्राम में बहुप्रतीक्षित उत्खनन कार्य का शुभारंभ केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी के हाथों होगा। इस ऐतिहासिक क्षण को लेकर सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। नगर पंचायत चौक बाजार की ओर से उत्खनन स्थल पर टेंट, प्रकाश और अन्य व्यवस्थाएं सुनिश्चित की गई हैं. 

रामग्राम 2

रामग्राम स्तूप के उत्खनन को लेकर क्षेत्र के लोगों और बौद्ध धर्मावलंबियों में गहरी उत्सुकता है। विशेषज्ञों का मानना है कि यह उत्खनन रामग्राम की ऐतिहासिक और धार्मिक प्रमाणिकता को स्थापित करने का कार्य करेगा, जिससे न केवल इस क्षेत्र का नाम वैश्विक पटल पर उभरेगा, बल्कि यह बौद्ध पर्यटन के अंतरराष्ट्रीय मानचित्र पर भी स्थान प्राप्त करेगा।

उत्खनन कार्यक्रम की विस्तृत जानकारी-

उत्खनन कार्य का शुभारंभ सोमवार सुबह 11 बजे किया जाएगा। स्थानीय प्रशासन और पुरातत्व विभाग ने इस अवसर पर व्यापक इंतजाम किए हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि अगर उत्खनन के दौरान रामग्राम की प्राचीनता और ऐतिहासिक महत्व के प्रमाण मिलते हैं, तो इसे बौद्ध धर्म के एक प्रमुख तीर्थ स्थल के रूप में मान्यता मिल सकती है।

रामग्राम कोलिय राज्य की राजधानी थी, और इसका ऐतिहासिक महत्व भगवान गौतम बुद्ध के जीवन से जुड़ा हुआ है। ऐसा माना जाता है कि बुद्ध के निर्वाण के बाद उनकी अस्थियों को आठ भागों में विभाजित किया गया था। इनमें से एक हिस्सा कोलिय राज्य के शासकों ने प्राप्त किया था और रामग्राम के समीप इसे सुरक्षित रखने के लिए एक विशाल धातु चैत्य (स्तूप) का निर्माण किया गया। यह स्तूप आज भी क्षेत्र में “कन्हैया बाबा स्थान” के नाम से प्रसिद्ध है।

रामग्राम का ऐतिहासिक और सांस्कृतिक महत्व-

रामग्राम न केवल एक पुरातात्विक स्थल है, बल्कि यह बौद्ध धर्म के इतिहास और विकास की जड़ों से भी जुड़ा हुआ है। यह माना जाता है कि भगवान गौतम बुद्ध ने शाक्यों और कोलियों के बीच विवाद का निपटारा करने के लिए यहां आगमन किया था। रामग्राम स्तूप से जुड़ी कथाएं और मान्यताएं इस क्षेत्र को बौद्ध धर्मावलंबियों के लिए अत्यंत पवित्र और महत्वपूर्ण बनाती हैं।

आज भी, रामग्राम और देवदह जैसे स्थान बौद्ध धर्म के इतिहास में प्रमुख माने जाते हैं, लेकिन इन्हें अब तक पर्याप्त मान्यता नहीं मिली है। इस उत्खनन से इन स्थानों की प्रामाणिकता स्थापित होने की संभावना है, जिससे यह क्षेत्र वैश्विक स्तर पर बौद्ध तीर्थ स्थल के रूप में उभर सकता है।

पर्यटन के अवसरों में वृद्धि की उम्मीद-

रामग्राम स्तूप के उत्खनन से क्षेत्र में पर्यटन के नए अवसर खुलने की संभावना है। विशेषज्ञों का कहना है कि यदि रामग्राम को अंतरराष्ट्रीय बौद्ध पर्यटन स्थल के रूप में विकसित किया गया, तो यह न केवल देश-विदेश के पर्यटकों को आकर्षित करेगा, बल्कि स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी मजबूती प्रदान करेगा।

नगर पंचायत चौक बाजार ने कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए उत्खनन स्थल पर टेंट, बिजली और प्रकाश की व्यवस्था सुनिश्चित की है। इसके साथ ही सुरक्षा और यातायात प्रबंधन के लिए विशेष कदम उठाए गए हैं।

रामग्राम के उत्खनन को लेकर स्थानीय लोगों में उत्साह के साथ-साथ गर्व का भाव भी है। क्षेत्र के लोग इस बात को लेकर आशान्वित हैं कि इस उत्खनन के बाद रामग्राम को वैश्विक मान्यता मिलेगी और इसे बौद्ध धर्म के प्रमुख तीर्थ स्थलों में शामिल किया जाएगा।

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