महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव को लेकर एनडीए घटक दलों के बीच 276 सीटों पर बातचीत पूरी हो चुकी है, लेकिन अब भी करीब 12 सीटों पर चर्चा और उम्मीदवारों के नामों को तय किया जाना बाकी है. बंटवारे के बाद तयशुदा सीटों को बीजेपी जल्दी जारी करने वाली है.
गुरुवार को गृहमंत्री अमित शाह के साथ महायुति के नेताओं के बीच लगभग 2 दर्जन से अधिक यानि करीब 25 सीटों को क्लियर किया गया. लेकिन सूत्रों के मुताबिक अभी भी 12 सीटों पर उम्मीदवार को लेकर चर्चा होना अभी बाकी है, जिन सीटों पर आपसी सामंजस्य बिठाया जाना है.
उनमें से कुछ पर बीजेपी और शिवसेना (शिंदे) के बीच रस्साकसी तो कुछ पर बीजेपी और एनसीपी (अजीत) के बीच तालमेल बिठाना बाकी है. साथ ही 4 से 5 सीट ऐसे भी हैं, जिनपर बीजेपी, शिवसेना और अजित एनसीपी के बीच तालमेल बिठाना अभी है.
12 सीटों पर अभी भी विवाद
महायुति के ऊंच पदस्त सूत्रों के मुताबिक बीजेपी और शिवसेना के बीच पालघर, बोईसर,वसई, नालासोपारा को लेकर एक राय बनाना अभी बाकी है. वहीं, बीजेपी और एनसीपी के बीच बडगांव शेरी, अष्टी और तासगांव की सीट पर तालमेल होना अभी बाकी है.
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक महायुति के तीनों नेताओं को गृहमंत्री निर्देश दिया कि इन सीटों पर उम्मीदवारों की मजबूती और जीतने की प्रबल संभावना को प्राथमिकता देकर आपसी सहमति से उम्मीदवार तय करना चाहिए.
पार्टियों के बीच तय हुआ ये फॉर्मूला
इस लिहाज से बीजेपी करीब 155/156 सीटों पर चुनाव लड़ेगी, शिवसेना शिंदे करीब 82/83 और एनसीपी 50/51 पर चुनाव लड़ेगी.
बीजेपी के प्रवक्ता केके शर्मा ने कहना है कि महाराष्ट्र को लेकर बैठकें तो होती रहती हैं. हम हर चुनाव को गंभीरता से लेते हैं. बीजेपी गठबंधन को बहुमत मिलना निश्चित है.
बहरहाल सूबे की 31 विधानसभा सीटों को लेकर महायुति ज्यादा संजीदा है. महायुति के लिए चुनौती मराठवाड़ा, पश्चिम महाराष्ट्र और मुंबई सबअर्बन की सीटें हैं, जहां महाविकास अघाड़ी ने लोकसभा चुनाव में लीड लिया.
अगर हम पिछले विधानसभा (2019) के आंकड़ों को देखें तो महाराष्ट्र की 288 विधानसभा में से 31 सीटें ऐसी थीं, जहां जीत और हार का अंतर पांच हजार वोट से भी कम रहा था. 2019 विधानसभा चुनाव में कांटे की टक्कर में इन 31 में से महायुति ने 15 और महाविकास अघाड़ी 16 सीटों पर जीत हासिल किया था. बीजेपी इस बार विधानसभा चुनाव में इन सीटों पर महायुति का नंबर सुधारने की पुरजोर कोशिश कर रही है.
31 विधानसभा सीटें हैं अहम
2019 में जिन 31 सीटों पर कड़ा मुकाबले रहा था. उनमें से धुले, नेवासा, भोकरदान, पुसद, रामटेक, हाडगांव, भोकर, नयगांव, डेगलर, मुखेड, उदगीर, अहमदपुर, शोलापुर सेंट्रल, शिरोल, कराड नॉर्थ, कराड साउथ, संगोला, महाडी, पुणे कैंट, मावल, चेंबूर, चांदीवली, माजलगांव, भांडुप, मलाड वेस्ट, डिंदोसी, नासिक सेंट्रल, दहानु और धुले सिटी शामिल हैं.
बहरहाल लोकसभा चुनाव में महागठबंधन ने महाराष्ट्र में 30 सीटें जीते. वोट के आंकड़े के लिहाज से महाविकास अघाड़ी को 158 विधानसभा में बढ़त मिली. दूसरी ओर महायुति को लोकसभा में 17 सीटों से संतोष करना पड़ा था. यह गठबंधन 125 विधानसभा में आगे रहा था. जाहिर है दोनों गठबंधनों के बढ़त में 33 विधानसभा सीटों का फर्क था.
लोकसभा चुनाव में खराब प्रदर्शन के बाद बीजेपी की अगुवाई में महायुति ने तमाम सरकारी योजनाओं के लिए खजाना खोल दिया तो वहीं बीजेपी माइक्रो मैनेजमेंट में जुट गई है, ताकि आंकड़ों को अपने पक्ष में किया जा सके.