महराजगंज। माह के तीसरे बुधवार को विकास भवन सभागार में किसान दिवस का आयोजन किया गया। किसानों ने जंगली हिंसक जानवरों से असुरक्षा का मुद्दा उठाया। पीएम सम्मान निधि से वंचित किए जाने पर भी किसानों ने अपनी बात रखी। कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे उप कृषि निदेशक वीरेंद्र कुमार ने किसानों की समस्या सुनकर निस्तारण का आश्वासन दिया।
किसान दिवस जिला स्तरीय अधिकारियों, एडी कृषि व राजकीय बीज भंडार के प्रभारियों की मौजूदगी में संपन्न हुई। निचलौल के प्रहलाद कसौधन ने कहा कि जंगली जानवरों के आबादी क्षेत्र में विचरण करने के कारण किसान असुरक्षित हैं। किसानों का अधिकतर समय खेतों की सिंचाई, निराई, खाद छिड़काव व फसलों की रखवाली में ही बीतता है। इधर देखने में आ रहा है कि जंगली पशु आबादी के क्षेत्रों में आकर हमला कर दे रहे हैं।
जिले में किसानों के ऊपर कई बार जानवर हमला कर चुके हैं, लेकिन किसानों की सुरक्षा के लिए कोई प्रयत्न नहीं किया जा रहा। वन विभाग व जिला कृषि अधिकारी ने बताया कि जंगली जानवर कभी कभार जंगल से आबादी की ओर निकल आते हैं। इन्हें वापस जंगल की ओर भेजने के लिए प्रयास किया जाता है। अधिक समस्या होने पर शिकारियों की मदद से पकड़वा कर अन्य जंगलों में भी छोड़ा जाता है।
किसान सतर्क रहें व लाठी लेकर ही दो तीन की संख्या में खेतों की ओर जंगली पशुओं का भय होने पर निकलें। खेत में रात के समय रुकना जरूरी हो तो एक तरफ अलाव जलाए रखें। आग से जंगली जानवर दूर रहते हैं। पीएम सम्मान निधि से वंचित किए जाने का मामला उठाया। उपकृषि निदेशक ने बताया कि जिनकी सम्मान निधि रुकी है वह जरूरी प्रपत्र विभाग से मिलकर सही करा लें। जिनके प्रपत्र पूरे हो गये हैं उन्हें अगली बार से सम्मान निधि प्राप्त होने लगेगी। किसानों से कहा कि जनपद में रबी सीजन के लिए खाद की कोई कमी नहीं है।
यूरिया, डीएपी, एनपीके पर्याप्त मात्रा में भंडारित है। दुकानों से उर्वरक खरीदते समय पक्की रसीद जरूर लें। निर्धारित दर से अधिक मूल्य पर खाद की बिक्री करने वालों के खिलाफ विभाग लगातार कार्रवाई कर रहा है। किसान दिवस में सहायक निदेशक मत्स्य संजय कुमार, कृषि रक्षा अधिकारी, जिला उद्यान अधिकारी व सहकारिता विभाग के अधिकारी मौजूद रहे।
पराली न जलाने की दिलाई शपथ-
किसान दिवस के आयोजन में किसानों से पराली न जलाने की अपील की गई। डी कंपोजर उपयोग करने के विषय में किसानों को बताया गया और पराली न जलाने की शपथ भी किसानों को दिलाई गई। उप कृषि निदेशक ने कहा कि पराली जलाने की घटनाओं पर नियंत्रण के लिए राजस्व विभाग से भी मदद ली जा रही है। क्षेत्रीय लेखपाल पराली जलाने पर विभाग को सूचित करेंगे साथ ही सेटेलाइट से भी निगरानी की जाएगी। पराली जलाने के दोषी पाए जाने पर कृषि योजनाओं का लाभ किसानों को नहीं दिया जाएगा।