महराजगंज: जिले की प्रमुख फसल धान कुछ दिनों में पककर तैयारी हो जाएगी। उसके बाद किसान धान की फसल को कटवाना शुरू कर देंगे। शासन ने पराली फूंकने पर प्रतिबंध लगा दिया है। ऐसे में इस साल भी हर खेत पर राजस्व विभाग सेटेलाइट से नजर रखेगा। पराली फूंकने पर रोक लगाने के लिए कृषि विभाग ने भी सख्ती करना शुरू कर दिया है।
हर साल की तरह इस साल भी खेतों में पराली फूंकने पर रोक लगाने के लिए जिला प्रशासन ने पूरी तैयारी किया गया है। जिला प्रशासन से जुड़े हुए अधिकारियों द्वारा जागरूकता रैली निकाल कर किसानों को जागरूक किया जा रहा है। ताकि पराली जलाने पर रोक लग सके। पर जागरूकता रैली के अलावा मनमानी करने वाले किसानों पर कार्रवाई करने के लिए पूरी तैयारी किया गया है। जिले में पराली जलाने पर अंकुश लगाने के लिए जिला प्रशासन ने जुर्माने का निर्धारण भी किया है। पराली फूंकने वाले किसानों पर 1500 से लेकर 15 हजार रूपये तक जुर्माना लगाने की तैयारी किया गया है। वहीं एक जुर्माना लगाने के बाद यदि दूसरी बार भी घटना की पुनरावृत्ति होने पर जुर्माना के साथ जेल भेजने की तैयारी किया गया है।
पराली फूंकने पर ऐसे लगेगा जुर्माना
किसानों द्वारा खेतों में पराली फूंकने पर जमीन के हिसाब से जुर्माना लगाने की बात कही गई है। प्रावधान के अनुसार एक एकड़ से कम क्षेत्रफल वाले खेत में यदि पराली जली तो किसानों को प्रति घटना 2500 रूपये जुर्माना देना पड़ेगा। दो एकड़ से पांच एकड़ वाले किसानों से पांच हजार रूपये प्रति घटना तथा पांच एकड़ से अधिक क्षेत्र वाले किसानों को 15 हजार रूपये प्रति घटना के हिसाब से जुर्माना देना होगा। दूसरी बार किसी ने पराली जलाई तो जुर्माने के साथ ही जेल भेजने की कार्रवाई होगी।
धान की फसल कटने के बाद किसानों को खेत की जुताई करा कर पानी भर देना चाहिए। इससे पराली को खाद बनाने में सहायता मिलती है। इस साल पराली जलाने वाले किसानों पर जुर्माने के साथ अन्य कार्रवाई होगी।
वीरेन्द्र कुमार, जिला कृषि अधिकारी