हेमंत सोरेन के अंतरिम जमानत मांगने पर क्या बोला SC, दो दिन में ED देगी जवाब

सुप्रीम कोर्ट ने झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की उस याचिका पर 20 मई तक ईडी से जवाब मांगा है, जिसमें उन्होंने लोकसभा चुनाव में प्रचार के लिए अंतरिम जमानत पाने का अनुरोध किया है।

सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की उस याचिका पर 20 मई तक ईडी (प्रवर्तन निदेशालय) से जवाब मांगा है, जिसमें सोरेन ने मौजूदा लोकसभा चुनाव में प्रचार के लिए कोर्ट से अंतरिम जमानत देने का अनुरोध किया है। सुनवाई के दौरान ईडी ने सोरेन की याचिका का विरोध किया और दलील दी कि उन्हें आम चुनाव की तारीखों की घोषणा से काफी पहले ही गिरफ्तार कर लिया गया था।

कार्यवाही के दौरान जस्टिस संजीव खन्ना और दीपांकर दत्ता की बेंच ने ईडी से सोमवार (20 मई) तक संक्षिप्त जवाब दाखिल करने के लिए कहा और मामले की अगली सुनवाई के लिए 21 मई (मंगलवार) की अगली तारीख तय की। 

सुनवाई के दौरान कोर्ट में सोरेन का पक्ष रख रहे वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की मिसाल देते हुए कोर्ट से सोरेन के मामले में भी वैसी ही समानता दिखाने का अनुरोध किया। मनी लॉन्ड्रिंग मामले में जेल में बंद केजरीवाल को 10 मई को सु्प्रीम कोर्ट द्वारा लोकसभा चुनाव में राजनीतिक प्रचार के लिए 22 दिन की अंतरिम जमानत दे दी गई थी। 

सिब्बल ने कोर्ट को इस बात का आश्वासन दिया कि यदि सोरेन को अंतरिम जमानत दी जाती है तो वे भी दो जून को झारखंड के जेल अधिकारियों के सामने आत्मसमर्पण कर देंगे।

उधर ईडी का पक्ष रख रहे अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू ने सोरेन की याचिका का विरोध करते हुए बताया कि नियमित जमानत के लिए उनकी याचिका पहले ही झारखंड की एक अदालत से खारिज हो चुकी है और एजेंसी के पास यह दिखाने के लिए पर्याप्त सबूत हैं कि पूर्व सीएम कथित भूमि घोटाले में अपराध की आय के लाभार्थी थे।

बता दें कि झामुमो नेता हेमंत सोरेन को 31 जनवरी को झारखंड के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद कथित भूमि घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में गिरफ्तार किया गया था।

 

 

 

 

 

 

 

 

 

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