इस्राइल ने हिजबुल्ला के खिलाफ आक्रामक अभियान जारी रखते हुए एक बार फिर लेबनान पर बम दागे। वहीं, सीरिया व गाजा में भी इस्राइली सेना के हमले लगातार जारी हैं। इनमें दो हिजबुल्ला कमांडर समेत कुल 46 नागरिकों की मौत हुई है।
इस बीच, ईरान की तरफ से 1 अक्तूबर को दागी गई मिसाइलों पर जवाबी कार्रवाई पर भी मंथन जारी है। माना जा रहा है कि ईरानी हमले के जवाब में इस्राइल की तरफ से कोई बड़ी कार्रवाई की जा सकती है। इस्राइली कैबिनेट की बैठक में ईरान पर जवाबी कार्रवाई के मामले में विचार किया जाना है। इस बीच, इस्राइली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू और अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन के बीच फोन पर बातचीत भी हुई है। दोनों नेताओं के बीच यह बातचीत करीब 50 दिनों के बाद हुई है और बताया जा रहा है कि इसमें ईरान पर संभावित हमले पर भी चर्चा हुई है। व्हाइट हाउस ने इस बातचीत को सकारात्मक बताया।
हिजबुल्ला के कई हथियार डिपो तबाह; नेतन्याहू की चेतावनी- गाजा जैसा करेंगे हाल
इस्राइल ने हिजबुल्ला के जिन कमांडरों को ढेर किया है उनका नाम अहमद मुस्तफा और मोहम्मद अली हमदान बताया जा रहा है। हमदान हिजबुल्ला के एंटी टैंक का कमांडर था। इस्राइल ने लेबनान में अपने मिसाइल हमलों में बेरूत के दहिह में हिजबुल्ला के कई हथियार डिपो भी तबाह कर दिए हैं। इस बीच नेतन्याहू ने लेबनान को चेतावनी देते हुए कहा है कि हिजबुल्ला को रोकें वरना गाजा जैसा हाल करेंगे।
गाजा के स्कूल पर हमला, शरण लिए 28 लोगों की मौत
लेबनान और ईरान के साथ ही इस्राइल ने फलस्तीन में उग्रवादी ठिकानों को निशाना बनाना नहीं छोड़ा है। इसी क्रम में उसने दीर अल-बला में एक आश्रय गृह के अंदर हमास की तरफ से संचालित अस्थायी पुलिस को निशाना बनाकर हमला किया। विस्थापित लोगों को शरण देने वाले इस स्कूल पर इस्राइली हमले में 28 लोगों की मौत हो गई। वहीं, लेबनान में हुए हमले में 18 लोग मारे गए हैं और 98 लोग घायल हैं।
यूनिफिल ने जताई नाराजगी
संयुक्त राष्ट्र शांति सेना यानी यूनिफिल की तरफ से जारी एक बयान में कहा गया कि नकौरा में इस्राइली टैंकों ने सैन्य बल के एक वॉचटावर पर गोलीबारी की, जिसमें दो सैनिक घायल हो गए। यूनिफिल ने नाराजगी जताते हुए कहा कि शांति सैनिकों पर जानबूझकर किया गया कोई भी हमला अंतरराष्ट्रीय मानवीय कानून का गंभीर उल्लंघन माना जाएगा।
चेतावनी, लेबनानी घर न लौटें
उधर, दक्षिणी लेबनान में हिजबुल्ला के ठिकानों पर हमला जारी रखते हुए इस्राइली सेना ने लेबनानी नागरिकों को दक्षिणी क्षेत्र में अपने घरों की तरफ न लौटने की चेतावनी दी। इस्राइली हमले में संयुक्त राष्ट्र शांति सैनिकों की तरफ से इस्तेमाल किए जाने वाले दो ठिकाने भी निशाना बने।