रूस का बाल भी बांका नहीं कर पाई अमेरिकी मिसाइल, एक साल से हौवा बना रहा था यूक्रेन

रूस का बाल भी बांका नहीं कर पाई अमेरिकी मिसाइल, एक साल से हौवा बना रहा था यूक्रेन

रूस और यूक्रेन की जंग में अमेरिका की डायरेक्ट एंट्री हो चुकी है. यूक्रेन ने जंग के 1000वें दिन रूस पर अमेरिका की दी गई 6 ATACMS मिसाइलों से हमला किया. इस हमले को लेकर पुतिन बार-बार पश्चिमी देशों को चेतावनी दे रहे थे, उन्होंने कहा था कि अगर NATO देशों के हथियार से रूस पर हमला होता है तो यह माना जाएगा कि रूस के खिलाफ नाटो जंग में उतर चुका है.

वहीं मंगलवार को ही पुतिन ने रूस के न्यूक्लियर सिद्धांत में बदलाव को मंजूरी दे दी है, इसके मुताबिक अगर किसी परमाणु संपन्न देश की मदद से कोई देश रूस पर हमला करता है तो ऐसी स्थिति में मॉस्को परमाणु हथियारों का इस्तेमाल कर सकता है.

अमेरिकी मिसाइल से क्या नुकसान हुआ?

यानी एक ऐसा हमला जिसके चलते परमाणु युद्ध तक की धमकी दी जा रही थी, जिसे तीसरे विश्व युद्ध का पहला कदम माना जा रहा था, वो जब हुआ तो रूस का बाल भी बांका नहीं पाया. जिस मिसाइल के इस्तेमाल की मंजूरी राष्ट्रपति जेलेंस्की करीब एक साल से मांग रहे थे, बाइडेन का ग्रीन सिग्नल मिलते ही जब उन मिसाइलों का इस्तेमाल किया गया तो रूस का कुछ खास नुकसान नहीं कर पाई.

6 मिसाइलें दागीं, सिर्फ घास जली!

दरअसल यूक्रेन ने मंगलवार को रूस पर अमेरिका की दी गई 6 ATACMS मिसाइलों से हमला किया था, यह हमला रूस के ब्रियांस्क क्षेत्र पर किया गया था. रूस के रक्षा मंत्रालय की ओर से दी गई जानकारी के अनुसार, रूसी एयर डिफेंस सिस्टम ने इनमें से 5 मिसाइलों को मार गिराया वहीं छठी मिसाइल को भी क्षतिग्रस्त कर दिया, इसके टुकड़े रूस की सैन्य फैसिलिटी क्षेत्र में गिरे जिससे आग लग गई. रूस के मुताबिक इस हमले से न तो कोई जनहानि हुई है और न ही कुछ खास नुकसान पहुंचा है.

एक साल से हौवा बना रहा था यूक्रेन

यानी जिस मिसाइल हमले को लेकर करीब एक साल से हौवा बनाया जा रहा था, वह पूरी तरह से नाकाम साबित हुआ. हालांकि यूक्रेन की ओर से दावा किया गया है कि उसने रूस में करीब 110 किलोमीटर अंदर स्थित हथियार डिपो को निशाना बनाया था जिसके बाद इलाके में एक दूसरा विस्फोट भी हुआ. लेकिन यूक्रेन ने इसका खुलासा नहीं किया है कि उसने इस हमले के लिए किस मिसाइल का इस्तेमाल किया था.

अमेरिकी मिसाइल से बदलेगा ‘गेम-प्लान’?

वहीं मिलिट्री एक्सपर्ट्स का कहना है कि अमेरिकी मिसाइल यूक्रेन को उन इलाकों को डिफेंड करने में मदद कर सकती है जिन्हें रूस में घुसपैठ कर कीव की सेना ने कब्जा किया था, लेकिन इससे 33 महीने से जारी जंग के क्रम को नहीं बदला जा सकता. दरअसल 6 अगस्त को यूक्रेन ने रूस के कुर्स्क इलाके में घुसपैठ कर करीब 100 गांवों पर कब्जा कर लिया था. यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमीर जेलेंस्की का कहना है कि वह इसके जरिए रूस को बातचीत की टेबल पर आने के मजबूर करना चाहते हैं. हालांकि पुतिन ने कीव के इस प्लान को बकवास बताते हुए जंग खत्म करने से इनकार कर दिया था.

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