UP: कौन बनेगा परवेज मुशर्रफ की जमीनों का मालिक? आज लगेगी बोली

 

लखनऊ: पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति और सेनाध्यक्ष रहे जनरल परवेश मुशर्रफ की संपत्तियों की नीलामी होने जा रही है. उत्तर प्रदेश में बागपत इन संपत्तियों की नीलामी आज दोपहर में होगी. मुशर्रफ के अलावा यूपी के अन्य जिलों में स्थित 40 अन्य लोगों की संपत्तियों की भी नीलामी की जाएगी. यह सभी लोग देश के बंटवारे के वक्त भारत छोड़ कर पाकिस्तान चले गए थे. उस समय उनकी संपत्तियों को भारत सरकार ने शत्रु संपत्ति घोषित कर दिया था.

इस समय उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में कुल मिलाकर 5974 शत्रु संपत्तियां हैं. फिलहाल यह सारी शत्रु संपत्तियां गृह मंत्रालय भारत सरकार के अधीन हैं. नीलामी की प्रक्रिया भी भारत सरकार की ही देखरेख में कराई जा रही है. इसके लिए कुछ दिन पहले ही भारत सरकार ने अधिसूचना जारी की थी. इस अधिसूचना के मुताबिक कुल 49 शत्रु संपत्तियों की आज नीलामी होगी. इनमें 41 संपत्तियां उत्तर प्रदेश में हैं. इनमें से एक संपत्ति पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति परवेश मुशर्रफ की बागपत जिले के कोताना स्थित पुस्तैनी हवेली और कुछ जमीनें भी है.

दिल्ली जाने के बाद भी गांव से जुड़ा रहा था परिवार

कोताना गांव में मुशर्रफ के पिता मुशर्रफुदीन और मां बेगम जरीन रहा करते थे. हालांकि बाद में वह पुरानी दिल्ली में रहने लगे थे. इस गांव में रहने वाले लोगों के मुताबिक मुशर्रफ के पिता यहां से दिल्ली जाने के बाद भी गांव से जुड़े रहे. हालांकि जब उनक पूरा परिवार पाकिस्तान चला गया तो इन संपत्तियों को देखने वाला भी कोई नहीं रहा. गांव वालों के मुताबिक बंटवारे के वक्त मुशर्रफ के परिवार के नूरू मियां ने पाकिस्तान जाने से इंकार कर दिया था.

देश आज भी झेल रहा बंटवारे की दंश

हालांकि 18 साल तक भारत में रहने के बाद वह भी देश छोड़ कर पाकिस्तान चले गए थे. बता दें कि मुशर्रफ और उनके परिवार की संपत्तियां बागपत ही नहीं, देश की राजधानी दिल्ली के पुरानी दिल्ली इलाके में भी हैं. यह संपत्ति भी हवेली के रूप में है. 1947 में देश की आजादी के वक्त देश दो हिस्सों में बंट गया था. उस बंटवारे के वक्त काफी लोग भारत छोड़ कर पाकिस्तान चले गए थे. ऐसे में उनकी सारी अचल संपत्तियों को भारत सरकार ने चिन्हित कर शत्रु संपत्ति घोषित कर दिया था.

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

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