आनन्द श्रीवास्तव की रिपोर्ट-
10 हजार की घूस लेते हुए लेखपाल रंगे हाथों गिरफ्तार-
ग्राम चकदह में तैनात हैं लेखपाल अनिल कुमार-
उत्तर प्रदेश के जनपद महराजगंज के नौतनवा तहसील का है मामला-
लखनऊ: उत्तर प्रदेश के महराजगंज जिले के नौतनवां तहसील में एक चौंकाने वाली घटना सामने आई है, जहाँ एक लेखपाल को 10 हजार रुपये की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों पकड़ा गया। यह मामला राज्य में भ्रष्टाचार के बढ़ते मामलों का एक और उदाहरण है, जहाँ सरकारी नौकरी और घूसखोरी का पुराना संबंध जनता के लिए एक आम समस्या बन गया है।
काश्तकार से रिश्वत की मांग
घटना की शुरुआत तब हुई जब रतनपुर के एक काश्तकार, राम आशीष गिरी, ने अपनी जमीन की पैमाइश के लिए नौतनवां तहसील के लेखपाल अनिल पासवान से संपर्क किया। पैमाइश के बाद, लेखपाल ने राम आशीष को बताया कि उनकी जमीन सड़क के भीतर आ रही है और इस कारण उनके मकान को गिराया जा सकता है। राम आशीष यह सुनकर बेहद डर गए और उन्होंने लेखपाल से समाधान पूछने की कोशिश की।
लेखपाल अनिल पासवान ने इस मौके का फायदा उठाने की कोशिश की और राम आशीष से 20 हजार रुपये की रिश्वत की मांग की। लेखपाल ने वादा किया कि अगर राम आशीष यह रकम देंगे, तो वह अपनी रिपोर्ट में उनके मकान को बचा लेंगे।
एंटी करप्शन टीम का हस्तक्षेप
राम आशीष ने लेखपाल की इस मांग को गंभीरता से लिया और तुरंत ही एंटी करप्शन टीम से संपर्क किया। उन्होंने टीम के साथ मिलकर एक योजना बनाई, जिसके तहत रिश्वत की राशि लेखपाल को दी जानी थी।
योजना के मुताबिक, राम आशीष ने नौतनवां तहसील के गेट के पास स्थित एक चाय की दुकान पर लेखपाल अनिल पासवान को 20 हजार रुपये की राशि दी। जैसे ही लेखपाल ने यह रकम अपनी जेब में रखी, एंटी करप्शन टीम ने तुरंत हस्तक्षेप किया और लेखपाल को रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया।
कानूनी कार्रवाई और आगे की जांच
पकड़े गए राजस्व कर्मी पर भूमि पैमाइश के बदले रिश्वत मांगने की शिकायत आशीष गिरी द्वारा दर्ज कराई गई थी। इस पर टीम ने कार्रवाई करते हुए आरोपी लेखपाल को गिरफ्तार किया है। आरोपी लेखपाल के विरुद्ध भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत मुकदमा पंजीकृत कर आगे की कार्रवाई की जा रही है।
संतोष कुमार दीक्षित, प्रभारी एंटी करप्शन टीम