महाराष्ट्र: छत्रपति शिवाजी महाराज की मूर्ति गिरने को लेकर राजनीति तेज होती जा रही है। रविवार को मूर्ति ढहने के विरोध में मुंबई में एक विशाल रैली का नेतृत्व करते हुए उद्धव ठाकरे पीएम मोदी पर निशाना साधते हुए कहा कि पीएम ने जो माफी मांगी है उसमें अहंकार की भावना ज्यादा नजर आ रही थी। विपक्षी गठबंधन महा विकास अघाड़ी के नेताओं ने मुंबई में इस विशाल रैली का नेतृत्व किया। यह रैली प्रतिष्ठित हुतात्मा चौक से शुरू होकर गेटवे ऑफ इंडिया पर जाकर समाप्त हुई।
पीएम मोदी पर निशाना साधते हुए पूर्व मुख्यमंत्री ने जनता से पूछा कि क्या आपने माफी में अहंकार देखा? इसमें अहंकार की बू आ रही थी, जब वह माफी मांग रहे थे तो पास में ही एक उपमुख्यमंत्री मुस्कुरा रहे थे। ठाकरे ने कहा कि ऐसी गलती को माफ नहीं किया जा सकता। हम सभी यहां भाजपा को भारत से बाहर करो कि मांग करने के लिए एकत्र हुए हैं। भाजपा ने छत्रपति शिवाजी महाराज का अपमान किया है उन्होंने महाराष्ट्र की आत्मा का अपमान किया है उन्हें इसके लिए सजा मिलनी ही चाहिए। उद्धव ने कहा कि मुझे समझ नहीं आया कि पीएम किस बात के लिए माफी मांग रहे थे, उन्होंने इस मूर्ति का अनावरण आठ महीने पहले किया था, इतनी जल्दी मूर्ति का गिर जाना यह दिखाता है कि इसमें भ्रष्टाचार किया गया था। क्या वह भ्रष्टाचार के लिए माफी मांग रहे थे? ठाकरे ने अयोध्या के मंदिर को भी बीच में लाते हुए कहा कि भाजपा कि सरकार ने जो कुछ भी बनवाया है उसमें ही गड़बड हुई है, अयोध्या का राम मंदिर पहली बरसात में ही टपकने लगा, यह दिखाता है कि किस हद भ्रष्टाचार हुआ है। “जोडे़ मारो आंदोलन” के नाम से शुरू की गई इस रैली में उद्धव ने लोगों से अपील की सीएम एकनाथ शिंदे, उपमुख्यमंत्री देवेन्द्र फडनवीस और अजीत पवार के पोस्टर को जूते मारने में हमारा साथ दें।
इस रैली के दौरान एनसीपी के नेता शरद पवार ने कहा कि छत्रपति शिवाजी की प्रतिमा का ढहना भ्रष्टाचार का एक उदाहरण है। यह सभी शिवाजी के अनुयायियों और पूरे महाराष्ट्र का अपमान है।
दरअसल, सिंधुदुर्ग के राजकोट जिले में मराठा राजा छत्रपति शिवाजी महाराज की मूर्ति 26 अगस्त को ढह गई थी। इस मूर्ति का अनावरण पिछले साल पीएम मोदी ने 4 दिसंबर को किया था। मूर्ति कि ढ़हने के बाद पहले महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने खुले तौर पर माफी मांगी फिर उसके बाद शुक्रवार को महाराष्ट्र पहुंचे पीएम मोदी ने भी मंच से माफी मांगते हुए कहा कि छत्रपति शिवाजी महाराज सिर्फ एक नाम या राजा नहीं हैं। वह हमारे लिए देवता हैं। आज मैं उनके चरणों में सिर झुकाता हूं और अपने देवता से माफी मांगता हूं।