लखनऊ: केंद्र की मोदी सरकार की अग्निवीर योजना को लेकर शुरू से लेकर अबतक लगातार सवाल उठ रहे हैं। सेना की तैयारी कर रहे नौजवानों से लेकर विपक्षी दल अग्निवीर स्कीम का लागातर विरोध कर रहे हैं। इसी बीच सेना की तैयारी कर रहे दो नौजवानों ने अग्निवीर स्कीम के तहत मिली नौकरी को छोड़ दी है। एक निजी चैनल से बातचीत में दो नौजवानों ने कई दावे किए हैं। इसको ट्वीट करते हुए सपा मुखिया व कन्नौज से सांसद अखिलेश यादव ने निशाना साधा है।
बुलंदशहर से दिनेश कुमार नाम के एक युवक ने कहा कि एक नार्मल सोल्जर और अग्निवीर सोल्जर में बहुत बड़ा डिफरेंस है। रिस्पेक्स्ट तो दूर की बात है अग्निवीर होने का कलंक लग जाता है। क्योंकि इसमें वेतन से लेकर सुविधाएं सभी कम है। इसमे फ्यूचर सिक्योरिटी नहीं है। ऐसे ही शिवम ने भी नौकरी छोड़ दी है।
बुलंदशहर के रहने वाले शिवम ने बताया कि 12वीं पास करने के बाद डिफेंस की तैयारी में जुट गया था। इसके लिए वह देहरादून भी गए थे शिवम ने एनडीए का पेपर तीन बार निकाला था, लेकिन इंटरव्यू क्रैक नहीं कर पाए थे। उन्होंने बताया कि उनका एम डिफेंस ज्वाइन करने का था। एनडीए की तैयारी के दौरान ही अग्निवीर स्कीम आ गई थी। इस स्कीम के जरिए जो सर्विस 60 साल तक होती थी उसे 4 साल तक सीमित कर दिया गया है। इसमें जितनी भी सुविधा मिलती थी उसे घटा दी गई है। मेडिकल और कैंटीन जैसी सुविधाएं पहले मिलती थी। अब सैलरी बहुत कम हो गई है। 21 हजार रुपए प्रति महीना मिलेगा, हर साल सिर्फ 2 हजार रुपए का इंक्रीमेंट होगा।
एक महीने की ट्रेनिंग करने के बाद लौटा- अभ्यर्थी
शिवम ने बताया कि पहले 20 साल की सर्विस पूरी करने के बाद एक्स सर्विसमेन का कार्ड दिया जाता था लेकिन अग्निवीर स्कीम में ऐसा कुछ नहीं है। इस स्कीम में 4 साल तक आपसे काम करवाएंगे। 4 साल पूरा होने के बाद एक पत्र दे देंगे। शिवम का सलेक्शन अग्निवीर स्कीम के तहत एयरफोर्स में हुआ था। एक महीने की ट्रेनिंग करने के बाद वहां से लौट आये थे। नौकरी बीच में छोड़ आने को लेकर शिवम ने बताया कि पहले हमें सारी चीजें क्लियर नहीं थी। जब वहां गए तो हमें बताया गया। उन्होंने बताया कि 4 साल के बाद मेडिकल व कैंटीन की सुविधा नहीं दी जाएगी। ना ही एक्स सर्विसमैन माने जाएंगे। 4 साल तक फौज की सुविधाएं ले सकते हैं। इसी के चलते हमने नौकरी छोड़ने का फैसला लिया था।
अभ्यर्थी बोला- ट्रेनिंग में नहीं मिलते पैसे
वहीं दिनेश कुमार ने बताया कि हमने नौकरी ज्वॉइन नहीं की थी। इसके पीछे का कारण बताते हुए बताया कि अग्निवीर से पहले ओपन भर्ती में फिजिकल होता था, उसके बाद रिटेन और मेडिकल के बाद फाइनल लिस्ट जारी होती थी। लेकिन अग्निवीर स्कीम में पहले रिटेन कर दिया है। उसके बाद फिजिकल और उसके बाद मेडिकल और फिर फाइनल लिस्ट लगती है। ये प्रक्रिया पूरी करने के बाद एक मेल GD (जनरल ड्यूटी) का आया था। इसकी 6 महीने की ट्रेनिंग होती है इस ट्रेनिंग में कुछ भी पैसा नहीं देते है। दिनेश ने बताया GD की लिस्ट में उनका नाम था।
‘पेपर लेने के बाद 25 फीसदी का चयन’
दिनेश ने बताया कि अग्निवीर स्कीम में पैकेज बना हुआ है कि रिटायरमेंट के बाद 10-11 लाख का जो भी पैकेज मिलता है वो मिलेगा। पहले महीने में 21 हजार रुपये मिलते है। उसके बाद इनक्रीज होता है। चार साल में पैकेज के पैसा देना होता है। उसके बाद आपको भेज देंगे। 4 साल बाद आपसे पूछा जाएगा कि आप आगे करने के लिए इच्छुक हो कि नहीं। पेपर लेने के बाद आगे की प्रक्रिया करेंगे। योजना के अंतर्गत 75 फीसदी को निकाल देंगे बाकी 25 फीसदी को रखेंगे। पेपर लेने के बाद उस 25 फीसदी का चयन करेंगे। दिनेश ने कहा कि जब अभी इतनी धांधलेबाजी है तो क्या 25 फीसदी के सेलेक्शन में धांधलेबाजी नहीं होगी। दिनेश ने साल 2023 में परीक्षा दी थी। दिनेश ने कहा कि अग्निवीर योजना के आखिर बेनिफिट क्या है।