तुर्की की राजधानी अंकारा में 23 अक्टूबर को हुए हमले के बाद से तुर्की सेना लगातार कुर्द संगठनों के ठिकानों पर हमले कर रही है. तुर्की सेना ने इराक और सीरिया में मौजूद कुर्द मिलिशिया के दर्जनों ठिकानों पर एयर स्ट्राइक की है.
तुर्की के रक्षा मंत्रालय के मुताबिक उत्तरी सीरिया में तुर्की सेना की ओर से सीरियाई कुर्द पीपुल्स प्रोटेक्शन यूनिट्स (YPG) के ठिकानों पर किए गए हमलों में कम से कम 17 YPG लड़ाकों की मौत हुई है.
बयान में मंत्रालय ने कहा कि ऑपरेशन यूफ्रेट्स शील्ड और ऑपरेशन पीस स्प्रिंग के तहत उत्तरी सीरिया के मनबीज क्षेत्रों में किए गए हमलों में YPG के लड़ाकों को निशाना बनाया गया है. न्यूज एजेंसी सिन्हुआ के मुताबिक 2016 से ही तुर्की सेना इस क्षेत्र में कुर्द मिलिशिया के खिलाफ अभियान चला रही है, जिसमें 2016 में यूफ्रेट्स शील्ड, 2018 में ओलिव ब्रांच तथा 2019 और 2020 में पीस स्प्रिंग अभियान शामिल हैं.
एर्दोगान के बयान के बाद हुए हमले
अंकारा में हुए हमले के बाद तुर्की के राष्ट्रपति रेसेप तैयप एर्दोगनरूस के कजान से ही कहा थी कि हमले के दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा. एर्दोगान ने अपने एक बयान में ये भी कहा था कि हमले करने वाले घुसपैठी सीरिया से आए थे. इस हमले की जिम्मेदारी कुर्दिस्तान वर्कर पार्टी ने ली है, जिसपर तुर्की में प्रतिबंध लगा है.
कैसे हुआ था हमला?
24 अक्टूबर को तुर्की की राजधानी अंकारा उस समय दहल गई जब 2 हमलावरों ने तुर्की एयरोस्पेस इंडस्ट्रीज पर धावा बोल दिया. एक कार से आए दोनों हमलावरों ने अंधाधुंध गोलिया चलानी शुरू की, जिसमें 5 लोगों की मौत हो गई और 22 लोग घायल हुए.
दोनों आतंकियों को मौके पर सुरक्षा बलों ने ढेर कर दिया था. दो आतंकियों में एक महिला आतंकी भी शामिल थी, हमले के बाद तुर्की अधिकारियों ने दोनों हमलावरों के प्रतिबंधित कुर्दिस्तान वर्कर्स पार्टी (PKK) से जुड़े होने की पुष्टि की है.