यूपी के इन चेहरों को मिल सकती है मोदी 3.0 कैबिनेट में जगह, खराब रिजल्ट का असर, स्मृति का कटा नाम

लखनऊ: नरेंद्र मोदी कैबिनेट के शपथ ग्रहण की तैयारियां तेज हो गई हैं। प्रधानमंत्री मोदी ने शपथ ग्रहण से पहले नए मंत्रियों के साथ चाय पर चर्चा की। तमाम चेहरों को प्रधानमंत्री आवास में बुलाया गया। हालांकि, इसमें कुछ चेहरे शामिल नहीं हो पाए। वह दिल्ली शाम तक पहुंच सकते हैं। मोदी कैबिनेट के अब तक सामने आए चेहरों में उत्तर प्रदेश की भागीदारी इस बार कम होती दिख सकती है। दरअसल, पिछले दो लोकसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश में भाजपा को बड़ी जीत दिलाई थी। 2014 के लोकसभा चुनाव में भाजपा 71 और एनडीए 73 सीटों पर जीती थी। वहीं, 2019 के लोकसभा चुनाव में भाजपा 62 और एनडीए 64 सीटों पर विजयी हुई थी। लोकसभा चुनाव 2024 में भाजपा 33 और एनडीए 36 सीटों पर जीती है। इसका असर सीधे तौर पर केंद्रीय कैबिनेट गठन में दिख रहा है।उत्तर प्रदेश से इस बार जिस सबसे बड़े नाम की चर्चा चल रही है, वह स्मृति ईरानी हैं। उन्हें केंद्रीय कैबिनेट में इस बार जगह नहीं मिलती दिख रही है। वह पीएम आवास पर हुई नए मंत्रियों के साथ चाय पर चर्चा के दौरान नहीं दिखाई दीं। यूपी के छह चेहरों को अभी तक मोदी 3.0 कैबिनेट में जगह मिलती दिख रही है। इसमें से चार चेहरे पहले भी नरेंद्र मोदी सरकार का हिस्सा बने थे। दो नए चेहरों को मोदी कैबिनेट में जग मिलती दिख रही है। आइए, उनके बारे में जानते हैं…

राजनाथ सिंह: मोदी 2.0 कैबिनेट में रक्षा मंत्री बने राजनाथ सिंह मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल में भी मंत्री बनने जा रहे हैं। मोदी सरकार के संभावित मंत्रियों में उनका नाम सबसे आगे है। पीएम मोदी के साथ बैठक के दौरान वे दिखाई दिए। राजनाथ सिंह ने लखनऊ लोकसभा सीट पर लगातार तीसरी बार जीत दर्ज की है। वे 1,35,159 वोटों के अंतर से सपा के रविदास मेहरोत्रा पर जीते हैं। मोदी सरकार के पिछले दोनों कार्यकाल में राजनाथ सिंह अहम जिम्मेदारी संभालते दिखे हैं। वे राजपूत समुदाय का चेहरा बनते दिख रहे हैं।

पंकज चौधरी:
महराजगंज लोकसभा सीट से सातवीं बार जीत दर्ज करने वाले भाजपा सांसद पंकज चौधरी को एक बार फिर मोदी मंत्रिमंडल में जगह मिल सकती है। मोदी 2.0 में भी पंकज चौधरी को जगह मिली है। महराजगंज सीट पर पंकज चौधरी को इस बार कांग्रेस के वीरेंद्र चौधरी पर जीत दर्ज करने में काफी मशक्कत हुई। वे 35,451 वोटों से जीत दर्ज करने में कामयाब हुए हैं। कुर्मी समुदाय के जरिए ओबीसी वर्ग को साधने की कोशिश इनके जरिए होगी।

एसपी सिंह बघेल: उत्तर प्रदेश की आगरा सीट से बड़ी जीत दर्ज करने वाले प्रो. एसपी सिंह बघेल को एक बार फिर मोदी कैबिनेट में जगह मिल सकती है। प्रो. बघेल दलित समाज से आते हैं। ऐसे में वे भाजपा को इस वर्ग के बीच बनाए रखने में बड़ी भूमिका निभा सकते हैं। प्रो. बघेल ने इस बार सपा के सुरेश चंद कर्दम को 2,71,294 वोटों के अंतर से हराया है।

अनुप्रिया पटेल: ओबीसी समुदाय को साधने के लिए अपना दल एस प्रमुख अनुप्रिया पटेल को मोदी 3.0 कैबिनेट में जगह मिलने जा रही है। इस चुनाव में अनुप्रिया को बड़ी चुनौती झेलनी पड़ी। उनके खाते में आई रॉबर्ट्सगंज लोकसभा सीट पर पार्टी को हार का सामना करना पड़ा। अनुप्रिया पटेल मिर्जापुर लोकसभा सीट से 37,810 वोटों से जीत दर्ज करने में कामयाब रही हैं।

जितिन प्रसाद: यूपी के ब्राह्मण चेहरे के तौर पर जितिन प्रसाद को मोदी मंत्रिमंडल में जगह दी जानी तय है। वे यूपी चुनाव 2022 से पहले भाजपा से जुड़े थे। कांग्रेस से आए जितिन प्रसाद को पहले योगी सरकार में मंत्री बनाया गया। अब वे मोदी कैबिनेट का हिस्सा होंगे। इस बार उन्हें वरुण गांधी के स्थान पर पीलीभीत लोकसभा सीट से उतारा गया। उन्होंने सपा के भागवत शरण गंगवार को 1,64,935 वोटों से हराया है।

जयंत चौधरी: मोदी सरकार 3.0 में जयंत चौधरी को भी मौका मिलने वाला है। मंत्री बनने के लिए उन्हें भी कॉल आया है। वे राष्ट्रीय लोक दल के प्रमुख के तौर पर मंत्रिमंडल में शामिल होंगे। जयंत अभी राज्यसभा सदस्य हैं। लोकसभा चुनाव में एनडीए गठबंधन के तहत जयंत को 2 सीटें मिली थीं। दोनों पर रालोद को जीत मिली। लोकसभा चुनाव के ठीक पहले महान किसान नेता चौधरी चरण सिंह को भारत रत्न दिए जाने के बाद जयंत ने पाला बदलकर इंडिया से एनडीए का रुख किया। मोदी सरकार के जाट चेहरे के तौर पर वे दिखेंगे।

बीएल वर्मा: यूपी से राज्यसभा सदस्य बीएल वर्मा को भी मोदी मंत्रिमंडल में जगह मिल सकती है । पीएम आवास पर हुई संभावित मंत्रियों की बैठक में वह भी शामिल हुए हैं। बदायूं संसदीय सीट पर भाजपा की हार के बाद भी उनका मंत्री पद बरकरार रहने की बात सामने आ रही है। बीएल वर्मा के मंत्री बनाने को पार्टी पिछड़ा वर्ग के बीच अपनी पकड़ को बनाने के लिए रणनीति अपनाती दिख रही है। पिछली सरकार में बीएल वर्मा सहकारिता राज्यमंत्री रहे थे। पीएम मोदी और अमित शाह से निकटता होने की वजह से इनके दोबारा मंत्री बनने की संभावना रही है।

लगातार चल रही थी चर्चा

राजनीतिक जानकारों की ओर से दावा किया जा रहा है कि उत्तर प्रदेश में जातीय समीकरणों के साथ-साथ क्षेत्रीय संतुलन को बनाए रखने को ध्यान दिया जाएगा। कैबिनेट में जगह कम होने के बाद मंत्री बनने वाले नेताओं की जिम्मेदारी बड़ी होगी। उन्हें पूरे क्षेत्र में पार्टी का प्रभाव बढ़ाने का जिम्मा होगा। इस बार मोदी सरकार के 8 मंत्रियों को हार का सामना करना पड़ा है। ऐसे में पूर्वांचल से लेकर बुंदेलखंड और पश्चिम से लेकर अवध क्षेत्र तक कुछ बड़े चेहरों से साधने की कोशिश की जाती दिख रही है। यूपी की पिछड़ी और अतिपिछड़ी जातियों से भी कुछ सांसदों के मोदी कैबिनेट में शामिल होने की चर्चाएं खूब होती रही हैं।

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

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