उत्तर प्रदेश के कानपुर से एक दिलचस्प मामला सामने आया है, जहां कानपुर डीएम के यहां कुछ ऐसा हुआ कि बरसों से पान मसाला खाने वाले ने गुटखा खाने से तौबा कर ली. अब ये मामला क्षेत्र में चर्चा का विषय बना हुआ है. डीएम साहब ने एक शख्स के काम के बदले में उससे गुटखा छोड़ने की बात कही और उससे शपथ पत्र भी लिखाया. इसके बाद डीएम जितेंद्र प्रताप सिंह ने समझाकर पंकज गुप्ता को रवाना कर दिया.
कानपुर के सचेंडी नगर निवासी पंकज गुप्ता व्यापार करते हैं. उनकी जमीन रिंग रोड के अधिग्रहण में आ गई थी. पंकज गुप्ता का आरोप है कि उनका नाम पहले अधिग्रहण में आया था, लेकिन बाद में उनका नाम हटा दिया गया. ऐसे में उनकी जमीन भी चली जाएगी और मुआवजा भी नहीं मिलेगा. यह गुहार लेकर पंकज गुप्ता अपनी पत्नी के साथ डीएम जितेंद्र प्रताप सिंह के ऑफिस में जनता दरबार में पहुंचे.
गुटखा छोड़ने की कही बात
जनता दरबार में पूरी बात सुनने के बाद डीएम ने देखा कि पंकज गुप्ता गुटखा चबा रहे हैं. उन्होंने तुरंत कहा कि गुटखा क्यों खाते हो, इससे कैंसर हो जाएगा. इसके बाद डीएम जितेंद्र प्रताप सिंह ने पंकज गुप्ता से कहा कि अगर तुम आज गुटखा छोड़ दोगे तो तुम्हारा काम करवा दूंगा. यह सुनकर पंकज गुप्ता ने तुरंत कहा कि मैं गुटखा छोड़ दूंगा, लेकिन डीएम इतने आश्वासन पर तैयार नहीं हुए.
पंकज ने शपथ पत्र लिख दिया
उन्होंने पंकज गुप्ता को कागज देते हुए कहा कि इस पर लिखकर कसम खाओ कि मैं आज के बाद गुटखा नहीं खाऊंगा. पंकज गुप्ता ने तुरंत गुटखा न खाने का शपथ पत्र लिख दिया. इसके बाद डीएम ने उस पर पंकज की पत्नी से हस्ताक्षर भी करवाए. डीएम ने कहा कि गुटखा दो ही लोग छुड़वा सकते हैं. एक तो डॉक्टर और दूसरा डीएम. डॉक्टर को छुड़वाने में कई दिन लगेंगे, लेकिन डीएम तुरंत छुड़वा देंगे.