जिस स्कूल के शिक्षक के साथ जोड़ा बनाया, वहीं होगा तबादला… यूपी में ट्रांसफर को लेकर आई योग्य टीचर्स की लिस्ट

लखनऊ: उत्तर प्रदेश में लंबे समय से अटकी शिक्षक ट्रांसफर की प्रक्रिया को शुरू किया गया है। बेसिक शिक्षकों का अंतरजिला म्युचुअल ट्रांसफर उसी स्कूल में होगा, जहां के शिक्षक के साथ उसने जोड़ा बनाया था। बेसिक शिक्षा परिषद के सचिव सुरेंद्र तिवारी ने बुधवार को इस बाबत आदेश जारी कर दिया। इसके साथ ही योग्य शिक्षकों की लिस्ट भी जारी कर दी गई। दरअसल, शिक्षकों को दूसरे जिलों में कार्यरत शिक्षकों के साथ पेयरिंग करने को कहा गया था। इस आधार पर दोनों शिक्षकों का एक से दूसरे जिले में ट्रांसफर होना था। अब इस संबंध में सरकार का आदेश आने के बाद भी शिक्षकों में असंतोष दिख रहा है। इस संबंध में कई प्रकार की बातें कही जा रही हैं।यूपी में बेसिक शिक्षकों के म्युचुअल तबादलों की प्रक्रिया पिछले डेढ़ साल से अटकी है। हालांकि, तबादलों के लिए जोड़े बनाने की प्रक्रिया पिछले साल अक्टूबर में ही पूरी हो गई थी। उसके बाद ट्रांसफर को लेकर मामला कोर्ट में होने की वजह से प्रक्रिया टाल दी गई थी। उसके बाद चुनाव आचार संहिता लागू हो गई। अब सभी औपचारिकताएं पूरी करने के बाद लिस्ट जारी कर दी गई है। सभी बीएसए को निर्देश दिए गए हैं कि वे 22 जून तक सभी योग्य शिक्षकों को रिलीव करके नए स्कूल में तैनाती दे दें। आदेश में कहा गया है कि रिलीविंग और जॉइनिंग साथ ही की जाएगी। सीधे उसी स्कूल में तैनाती की जाएगी, जहां के लिए जोड़ा बनाया था।

फिर भी खुश नहीं हैं शिक्षक

इतने लंबे समय के बाद तबादले होने के बावजूद शिक्षक इस प्रक्रिया से नाराज हैं। उनका कहना है कि अंतरजनपदीय तबादलों में तैनाती जिले में की जाती है। उसके बाद बीएसए मेरिट के आधार पर स्कूल आवंटित करते हैं। इससे पहले यही प्रक्रिया अपनाई गई है। इन तबादलों में भी पहले जो आदेश जारी किया गया था, उसमें भी यही नियम था कि जिले में तैनाती दी जाएगी। उसके बाद स्कूल आवंटित होंगे। प्राथमिक शिक्षक संघ बाराबंकी के अध्यक्ष निर्भय सिंह कहते हैं कि कोई भी नियम जो प्रक्रिया शुरू होने से पहले बनाया जाता है, वही लागू होता है। बीच में नियम नहीं बदला जाता।

निर्भय सिंह ने कहा कि वैसे भी जिले के अंदर स्कूल आवंटन का अधिकार बीएसए का होता है। वही नियुक्ति अधिकारी होता है। इस बारे में बेसिक शिक्षा परिषद के सचिव सुरेंद्र तिवारी का कहना है कि म्युचुअल ट्रांसफर का मतलब ही यह होता है कि दो शिक्षकों की आपसी सहमति से तबादला हो रहा है। उनके स्कूल आपस में ही बदले जाएंगे। वरिष्ठता प्रभावित होने के मामले पर वह कहते हैं कि यह तबादले सरकार नहीं कर रही, शिक्षकों की इच्छा पर किए जा रहे हैं।

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

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