1000 और 1500 का कमाल… महाराष्ट्र और झारखंड में पैसे ने कैसे किया कांग्रेस-बीजेपी का खेल?

1000 और 1500 का कमाल… महाराष्ट्र और झारखंड में पैसे ने कैसे किया कांग्रेस-बीजेपी का खेल?

झारखंड और महाराष्ट्र के जनादेश में महिलाएं गेमचेंजर बनकर उभरी हैं. कहा जा रहा है कि दोनों ही राज्यों में सरकार नहीं बदलने की वजह महिलाओं की सम्मान राशि है. महाराष्ट्र में इस सम्मान राशि के तहत 1500 रुपए प्रतिमाह को झारखंड में 1000 रुपए प्रतिमाह दिए जा रहे थे.

इसका सीधा असर चुनाव परिणाम पर पड़ा है. कहा जा रहा है कि झारखंड में बीजेपी इस योजना की काट नहीं खोज पाई तो महाराष्ट्र में कांग्रेस गठबंधन इसे काटने में विफल रही. दोनों ही राज्यों में स्कीम लागू करने वाले मुख्यमंत्रियों के ग्राफ में भी बढ़ोतरी देखी जा रही है.

महाराष्ट्र में 1500-1500 रुपए डाले गए

लाडकी-बहिन योजना के तहत महाराष्ट्र में महिलाओं के खाते में 1500-1500 रुपए डाले गए. दीपावली से पहले तक महाराष्ट्र में महिलाओं के खाते में सम्मान निधि के तहत कुल 7500 रुपए आ गए थे. महायुति ने सरकार आने के बाद इस राशि को बढ़ाकर 2100 रुपए करने का वादा किया.

महाविकास अघाड़ी ने 3000-3000 रुपए प्रतिमाह भेजने का वादा किया, लेकिन जनता ने इसे सिरे से खारिज कर दी. महाराष्ट्र में इस बार महिलाओं के वोट प्रतिशत में जबरदस्त बढ़ोतरी देखने को मिली. करीब 4 प्रतिशत ज्यादा महिलाओं ने मतदान किया. नतीजे आने के बाद अब कहा जा रहा है कि महिलाओं के एकमुश्त वोट महायुति के पक्ष में पड़े हैं.

कहा तो यहां तक जा रहा है कि महाराष्ट्र में सितंबर में ही हरियाणा के साथ चुनाव प्रस्तावित था, लेकिन इसी योजना के चलते चुनाव कराने में देरी कराई गई. कांग्रेस ने इसको लेकर चुनाव आयोग पर निशाना भी साधा था.

झारखंड में भी महिलाएं ही गेमचेंजर

झारखंड की 81 विधानसभा सीटों के रूझान भी आ गए हैं. यहां भी महिलाओं को ही गेमचेंजर बताया जा रहा है. चुनाव से ठीक पहले राज्य में हेमंत सोरेन ने महिलाओं के लिए मईयां सम्मान योजना की शुरुआत की थी. इस योजना के तहत हर महिलाओं के खाते में प्रतिमाह 1000-1000 रुपए की राशि भेजी गई.

चुनाव तक इसकी कम से कम 4 किश्तें महिलाओं के खाते में गई. झारखंड में चुनाव के बीच इसकी खूब चर्चाएं भी हुई. एक याचिकाकर्ता ने हाईकोर्ट में इसको लेकर याचिका दाखिल किया था, जिसे हेमंत की पार्टी ने बीजेपी की साजिश बताया.

झारखंड की 68 विधानसभा सीटों पर इस बार महिलाओं ने पुरुषों के तुलना में ज्यादा मतदान किया है. कल्पना इफैक्ट भी झारखंड की सियासत में देखा गया है. चुनाव प्रचार के दौरान कल्पना की रैली में सबसे ज्यादा भीड़ नजर आई. कल्पना ने करीब 100 से ज्यादा रैलियों को संबोधित किया.

महाराष्ट्र और झारखंड का हाल

दोनों ही राज्यों में सरकार रिपीट होती नजर आ रही है. महाराष्ट्र में एनडीए बहुमत के 145 आंकड़े से काफी आगे है. एनडीए गठबंधन करीब 200 सीटों पर बढ़त बनाए हुए है. बीजेपी अकेले दम पर 125 से ज्यादा सीटों पर आगे चल रही है. महाराष्ट्र में विधानसभा की कुल 288 सीटें हैं.

झारखंड की बात की जाए तो यहां बहुमत का आंकड़ा 41 है. हेमंत सोरेन गठबंधन को 50 से ज्यादा सीटों पर बढ़त मिलती नजर आ रही है. सोरेन की पार्टी इस बार भी सिंगल लार्जेस्ट पार्टी बनती दिख रही है. यहां पर विधानसभा की कुल 81 सीटें हैं. महाराष्ट्र और झारखंड दोनों ही राज्यों में इस बार कुल मतदान प्रतिशत में बढ़ोतरी हुई थी.

महाराष्ट्र में कुल मतदान प्रतिशत में 4 प्रतिशत की तो झारखंड में भी 3 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई थी.

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