आसिफ नवाज की रिपोर्ट-
नई दिल्ली: भारत सरकार के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने एक महत्वपूर्ण निर्णय लेते हुए देशभर के प्रमुख चिकित्सा शिक्षा संस्थानों, जैसे एम्स और अन्य केंद्रीय सरकार के संस्थानों में दीक्षांत समारोह के दौरान पहनावे में बदलाव का निर्देश जारी किया है। यह निर्णय भारत के औपनिवेशिक अतीत से मुक्ति पाने और भारतीय सांस्कृतिक धरोहर को बढ़ावा देने की दिशा में एक कदम के रूप में देखा जा रहा है।
प्रधानमंत्री द्वारा प्रतिपादित पंच प्राण (पांच संकल्प) के संदर्भ में मंत्रालय ने पाया कि वर्तमान में दीक्षांत समारोह के दौरान काले वस्त्र और टोपी पहनने की परंपरा का पालन किया जा रहा है, जो कि मध्य युगीन यूरोप से उत्पन्न हुई थी और अंग्रेजों द्वारा भारत में पेश की गई थी। इस औपनिवेशिक परंपरा को बदलने की आवश्यकता पर जोर देते हुए मंत्रालय ने निर्देश दिया है कि चिकित्सा शिक्षा प्रदान करने वाले सभी संस्थान अपने दीक्षांत समारोह के लिए भारतीय संस्कृति और स्थानीय परंपराओं के आधार पर ड्रेस कोड डिजाइन करें।
मंत्रालय ने निर्देश दिया है कि प्रत्येक संस्थान अपने प्रस्ताव को स्वास्थ्य सचिव के विचार और अनुमोदन के लिए मंत्रालय के संबंधित प्रभागों के माध्यम से प्रस्तुत करे। इस नए निर्देश का उद्देश्य भारतीय परंपराओं और सांस्कृतिक धरोहर को सम्मान देने के साथ-साथ एक राष्ट्रीय पहचान को बढ़ावा देना है।
यह निर्णय सक्षम प्राधिकारी के अनुमोदन के बाद जारी किया गया है और इससे उम्मीद है कि चिकित्सा शिक्षा संस्थानों में दीक्षांत समारोह के दौरान भारतीय परिधान का उपयोग बढ़ेगा, जिससे हमारे सांस्कृतिक मूल्यों का सम्मान होगा।