प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया लोकतंत्र का खून, इसका जवाब उनको देना पड़ेगा- नाना पटोले

महाराष्ट्र कांग्रेस चीफ नाना पटोले ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर बड़ा हमला बोला है. उन्होंने कहा कि पीएम मोदी ने लोकसभा में लोकतंत्र की हत्या कर दी. राज्यसभा में वह ऐसे बोल रहे थे जैसे किसी पान की दुकान पर खड़ें होकर बोल रहे हों. समाचार एजेंसी एएनआई से बातचीत में कांग्रेस नेता पटोले ने कहा कि उन्हें ये बात मालूम होना चाहिए कि वो देश के प्रधानमंत्री हैं.

समाचार एजेंसी से बातचीत के दौरान कांग्रेस नेता ने प्रधानमंत्री पर जमकर निशाना साधा. साथ ही अडानी मामले को लेकर भी अपनी बात रखी. उन्होंने कहा, ‘राहुल गांधी जी ने जो लोकसभा में सवाल खड़े किए थे कि अडानी जी के साथ पीएम मोदी के क्या संबंध हैं. उन्होंने कितने कॉन्ट्रैक्ट उन्हें (अडानी) दिए. इस तरह के जो भी सवाल राहुल जी ने लोकसभा में पूछे थे, उन सभी को रिकॉर्ड से हटा दिया.

PM मोदी ने की लोकसभा में लोकतंत्र की हत्या

नाना पटोले ने आगे कहा, ‘मोदी जी और बीजेपी की सरकार में लोकसभा में लोकतंत्र का खून करने का काम किया. सुप्रीम कोर्ट ने भी अडानी मामले को लेकर केंद्र सरकार ने जवाब मांगा है. जब हमारे राष्ट्रीय अध्यक्ष खरगे जी ने भी यही सवाल राज्यसभा में किए थे. इस दौरान भी आपने देखा होगा कि प्रधानमंत्री जी ऐसे भाषण दे रहे थे जैसे पान की टपरी पर खड़ें हों. वो देश के प्रधानमंत्री हैं.’

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मोदी जी आपको जवाब तो देना पड़ेगा- पटोले

कांग्रेस नेता ने कहा, ‘मोदी जी आपको जवाब देना ही पड़ेगा क्योंकि आप ही ने कहा था कि मैं चौकीदार हूं तो आप अडानी के चौकीदार हैं या देश के 140 करोड़ जनता के चौकीदार हैं. इसका जवाब आपको मोदी जी देना पड़ेगा. LIC और बैंकों में जो पैसा वो जनता का पैसा है, मेहनत का पैसा है, उसकी सुरक्षा करने की बजाय आप उसको अपने दोस्तों को लुटा दे रहे हैं. इसका जवाब आपको देना पड़ेगा. इससे आप भाग नहीं सकते.’

गांधी परिवार को नेहरू सरनेम रखने से कैसी शर्मिंदगी- PM मोदी

पीएम मोदी ने गुरुवार (9 फरवरी) को राज्यसभा में गांधी-नेहरू का नाम लेकर कांग्रेस पर जमकर निशाना साधा था. उन्होंने सदन में कहा कि मेरे समझ में नहीं आता कि गांधी परिवार नेहरू सरनेम रखने से क्यों डरता है. प्रधानमंत्री ने कहा कि कुछ लोगों को ये भी परेशानी है कि हमारी योजनाओं के नाम संस्कृत भाषा में क्यों हैं.

उन्होंने कहा कि था 650 योजनाओं में गांधी नेहरू परिवार का नाम था. इनको दिक्कत होती है कि हम अपनी योजनाओं और कार्यक्रमों में नेहरू जी का नाम क्यों छोड़ देते हैं. लेकिन एक बात मेरे समझ में नहीं आती कि नई पीढ़ी के लोगों को नेहरू लिखने से शर्म क्यों आती हैं. ये देश किसी की जागीर नहीं किसी के बाप की जागीर नहीं. गांधी परिवार के लोगों को सरनेम में नेहरू लिखने में शर्मिंदगी क्यों महसूस होती है.

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