महाकुंभ संगम तट पर कैसे मची भगदड़? प्रत्यक्षदर्शी ने सुनाई हादसे की आंखों देखी आपबीती

महाकुंभ संगम तट पर कैसे मची भगदड़? प्रत्यक्षदर्शी ने सुनाई हादसे की आंखों देखी आपबीती

प्रयागराज: महाकुंभ में मंगलवार की रात को अचानक भगदड़ मचने से कई श्रद्धालु घायल हो गए हैं। हालांकि, प्रशासन ने अब तक घायलों की संख्या को लेकर आधिकारिक जानकारी जारी नहीं की है। भगदड़ के बाद प्रशासन ने सभी 13 अखाड़ों से अनुरोध किया, जिसके बाद अखाड़ा परिषद ने मौनी अमावस्या के दिन होने वाले अमृत स्नान को रद्द कर दिया है।

प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, भगदड़ अफवाहों के कारण मची। अफवाह फैलने के बाद श्रद्धालु अपनी जान बचाने के लिए इधर-उधर भागने लगे। कुछ श्रद्धालु बिजली के पोलों पर चढ़ गए, जबकि अन्य गिरकर कुचल गए। हादसे के बाद 70 से ज्यादा एंबुलेंस घटनास्थल पर पहुंची, और घायलों को इलाज के लिए मेला क्षेत्र में बने अस्पतालों में भेजा गया।

हादसे के बाद सुरक्षा के लिए संगम तट पर एनएसजी कमांडो ने मोर्चा संभाल लिया। प्रशासन ने अब आम श्रद्धालुओं की एंट्री रोक दी है और प्रयागराज शहर की सीमा में भी श्रद्धालुओं की घुसपैठ पर रोक लगा दी है। महाकुंभ में मौनी अमावस्या के दिन लगभग 5.5 करोड़ श्रद्धालुओं के डुबकी लगाने का अनुमान था। सुरक्षा की दृष्टि से शहर में 60,000 से ज्यादा जवान तैनात किए गए थे।


प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस घटना के बाद उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से फोन पर बात की और घटना की जानकारी ली। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने भी सीएम योगी से बातचीत की और केंद्र की ओर से पूरी सहायता का आश्वासन दिया। इस हादसे पर पूर्व केंद्रीय मंत्री साध्वी निरंजन ज्योति ने भी गहरा दुख व्यक्त किया और इसे दुखद घटना बताया।

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