धीरज मद्धेशिया की रिपोर्ट-
लाइव खबर अब तक, भैरहवा (नेपाल): नेपाल में बुधवार को सोशल मीडिया पर एक वीडियो और कुछ तस्वीरे वायरल हो रही है जिसमें एक सांड को नगर प्रशासन द्वारा ट्रक में बांधकर कहीं ले जाने की कोशिश की जा रही थी। आप वीडियो में साफ देख सकते हैं कि शहर पुलिस के ट्रक नंबर लु 1 ग 362 के पीछे रस्सी से बंधा हुए एक सांड को शहर से बाहर ले जाने की कोशिश की जा रही है। ऐसा इसलिए किया जा रहा है सिद्धार्थ नगर पालिका भैरहवा में इन छुट्टा आवारा पशुओं द्वारा आय दिन शहर के सड़कों पर चलते हुए राहगीरों व वाहनों पर हमला कर दिए जाने की कई घटनाएं घटित हुई थी जिस कारण नगर पालिका प्रशासन ने एक मुहिम चलाकर नगरपालिका के अंदर जितने भी आवारा एवं छुट्टा पशु थे उन्हें बड़घाट स्थित गौ संरक्षण केंद्र में भेजा जा रहा था जहां इनके खाने-पीने और रहने की व्यवस्था है।
इसी क्रम में इस सांड को जब पकड़ने की कोशिश की गई तो यह सांड बेकाबू हो गया और नगर पालिका तथा प्रशासन के कर्मचारियों पर हमला कर दिया बड़ी मुश्किल से कर्मचारियों द्वारा इसे रस्सी से बाँधा और फिर उसे ट्रक पर चढ़ाने की कोशिश की गयी जो नाकाम रही । आखिर में यह निर्णय लिया गया कि सांड को ट्रक के पीछे बांध कर ट्रक को धीरे धीरे चलाते हुए ले जाया जाय लेकिन वह कोशिश भी फेल हो गयी क्योकि जैसे ही ट्रक चलने के लिए आगे बढ़ता सांड सड़क पर बैठ जाता।
नगर निगम के सूचना अधिकारी देव प्रसाद ग्यावली का कहना है कि सांड को रस्सी में बांधने के मामले को कुछ लोगों ने दूसरी तरह से तूल दे दिया और एक साजिश के तहत नगर को संप्रदायिकता की आग में झोकने का कुंठित प्रयास किया था। सांड कुछ दिनों से नगर निगम परिसर में रह रहा है. उन्होंने कहा कि पहले तो उन्होंने इसे एक ट्रक पर लादने और गौ संरक्षण केंद्र पर ले जाने की कोशिश की, लेकिन यह सांड बहुत मजबूत था, और कर्मचारी इसे नियंत्रण में नहीं ले सके और इसे ट्रक पर लाद नही पाए। कुछ प्रयास करने के दौरान सांड सड़क पर बैठ गया।
फिर उसे पानी के छींटे मारकर उठाने की कोशिश की। छींटे मारे दौरान पानी सड़क पर फ़ैल गया जिसके कारण वाहन की ब्रेक लाइट की लाल बत्ती जब पानी पर पड़ती है तो वह लाल रंग खून जैसा दिखता है, लेकिन वास्तव में यह खून नहीं है।
इस सम्बन्ध में मेयर खान का कहना है कि ‘सांड को ट्रक से घसीटने के लिए नहीं बांधा जाता है, इसलिए बांधा जाता है कि वह भाग न जाए।’ सांड को काबू करने के प्रयास में चार-पांच लोग मामूली रूप से घायल भी हुए हैं. सोशल मीडिया पर सामने आई तस्वीरों और विडियो के आधार पर बिना सोचे समझे उन पर नकारात्मक प्रभाव डाला गया है. कर्मचारियों द्वारा उसे गौ संरक्षण केंद्र तक ले जाने की कोशिश की, लेकिन वह वह नहीं कर पाए। वाहन पर लोड करना संभव नहीं था। यह बंधा हुआ है ताकि वह कही भाग न जाएं। उन्होंने बताया कि सांड को काबू करने की कोशिश में पांच लोग घायल भी हो गए.
और इसी घटना का फायदा उठाते हुए नगर पालिका पर आवारा पशु प्रबंधन के नाम पर जीवित पशुओं से अमानवीय व्यवहार करने का आरोप लगाते हुए नगर पालिका के विभिन्न राजनीतिक दलों व उनके नेताओं व कार्यकर्ताओं ने मेरे खिलाफ सांप्रदायिक साजिस भड़काने के तहत प्रदर्शन एवं नारेबाजी करने लगे.
हम भी इंसान हैं, हमारे अन्दर भी भावनाएं हैं इस घटना की वास्तविकता को न समझते हुए इसे धर्म से जोड़कर स्थानीय स्तर पर सांप्रदायिक साजिस भड़काने का प्रयास किया गया। मैं ऐसे समाज में रहता हूं जहां 80 फीसदी हिंदू हैं और मैं उनकी आस्था और संस्कृति का सम्मान करता हूँ.