नौतनवा, महराजगंज (लाल बहादुर जायसवाल)। नौतनवा पुलिस द्वारा आला अधिकारियों के आदेशों की अनदेखी ने नगर में यातायात व्यवस्थाओं को गंभीर खतरे में डाल दिया है। जिलाधिकारी अनुनय झा और पुलिस अधीक्षक सोमेन्द्र मीना द्वारा 26 अक्टूबर 2024 को सोनौली बॉर्डर के विशेष दौरे पर नौतनवा और सोनौली में यातायात जाम और नाबालिग ई-रिक्शा चालकों के खिलाफ सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए गए थे। लेकिन इन आदेशों पर नौतनवा पुलिस ने महज औपचारिकता निभाने के बाद इसे ठंडे बस्ते में डाल दिया।
जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक ने दौरे के दौरान यातायात जाम की गंभीरता को समझते हुए विशेष रूप से निर्देश दिया था कि नाबालिग चालकों द्वारा ई-रिक्शा चलाने पर सख्त कार्रवाई हो। इसके तहत, 27 अक्टूबर को नौतनवा कस्बे में नाबालिग ई-रिक्शा चालकों के खिलाफ अभियान चलाया गया। जिसमे 11 ई-रिक्शा सीज कर थाने भेजा गया। लेकिन यह अभियान महज एक दिन की रस्म अदायगी बनकर रह गया। इसके बाद से नाबालिग चालकों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई।
आदेशों की अनदेखी का परिणाम: बस और ई-रिक्शा की टक्कर-
आला अधिकारियों के निर्देशों की अनदेखी का परिणाम 5 दिसंबर की रात नौतनवा कस्बे के मुख्य मार्ग पर देखने को मिला। यूनियन बैंक ऑफ इंडिया के सामने रोडवेज बस और एक ई-रिक्शा बीच जोरदार टक्कर हुई। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, नाबालिग चालक पीयूष ओझा (उम्र 17 वर्ष) नशे में था और तेज गति से गलत दिशा में ई-रिक्शा चला रहा था। टक्कर में नाबालिग चालक गंभीर रूप से घायल हो गया।
घटना की सूचना मिलते ही कस्बा चौकी प्रभारी राजकुमार सिंह और कांस्टेबल लक्ष्मी शंकर यादव मौके पर पहुंचे और घायल नाबालिग ई-रिक्शा चालक को ईलाज के लिए अस्पताल पहुंचाया।
नशे में धुत नाबालिग चालकों का आतंक-
नगर में नाबालिग ई-रिक्शा चालकों का आतंक दिन-प्रतिदिन बढ़ता जा रहा है। ये चालक अक्सर नशे की हालत में रिक्शा चलाते हैं और यात्रियों से उलझ जाते हैं। तेज गति और अनियमित तरीके से रिक्शा चलाने के कारण जाम लगने की समस्या और दुर्घटनाओं का खतरा बढ़ गया है।