नौतनवा (लाल बहादुर जायसवाल): वीर बाल दिवस के पावन अवसर पर गुरूवार को नौतनवा नगर में एक भव्य शोभायात्रा का आयोजन किया गया। यह शोभायात्रा नगर के जायसवाल मोहल्ले में स्थित गुरुद्वारा से शुरू होकर नगर के विभिन्न प्रमुख स्थानों से होकर वापस गुरुद्वारा में संपन्न हुई। इस शोभायात्रा में सिख समुदाय सहित अन्य समुदाय के हजारों लोग शामिल हुए और गुरु गोविंद सिंह के चार साहिबजादों एवं उनकी माता गुजरी देवी की शहादत को याद करते हुए श्रद्धांजलि अर्पित की।
शोभायात्रा का शुभारंभ गुरुद्वारा से हुआ और यह हनुमान चौक, पुराने नौतनवा, रेलवे स्टेशन चौराहा, घंटाघर चौराहा, अस्पताल तिराहा होते हुए पुनः गुरुद्वारा में समाप्त हुई। यात्रा के दौरान विभिन्न स्थानों पर श्रद्धालुओं ने शोभायात्रा का स्वागत किया और श्रद्धा प्रकट की।
वीर बाल दिवस गुरु गोविंद सिंह के चार बेटों और उनकी माता गुजरी देवी की शहादत की स्मृति में मनाया जाता है। इस अवसर पर उनके शांति, बलिदान और शहादत के संदेश को याद करते हुए विशेष कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। नौतनवा विधायक ऋषि त्रिपाठी ने बताया कि 26 दिसंबर 2022 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने यह घोषणा की थी कि इस महान बलिदान की स्मृति में हर वर्ष वीर बाल दिवस के रूप में मनाया जाएगा।
शोभायात्रा में क्षेत्र के प्रमुख व्यक्तित्वों ने भाग लिया, जिनमें नौतनवा विधायक ऋषि त्रिपाठी, ब्लॉक प्रमुख राकेश मद्धेशिया, नगर पालिका अध्यक्ष बृजेश मणि त्रिपाठी, पूर्व चेयरमैन प्रत्याशी उमेश जायसवाल, पूर्व चेयरमैन गुड्डू खान, सभासद संजय मौर्या, सुनील जायसवाल, अशोक रौनियार, अनिल मद्धेशिया और भाजपा नगर अध्यक्ष हरिशंकर जायसवाल शामिल थे।
गुरुद्वारा श्री गुरु सिंह सभा के अध्यक्ष परमजीत सिंह (बाबी) और अन्य सदस्यों जैसे सन्नी सिंह, अमरजीत सिंह, सहेंद्र सिंह, पप्पू सिंह, बलवीर सिंह, करन सिंह, मंजीत सिंह, हरनुर सिंह, अजीत सिंह, सतनाम सिंह, कुलदीप सिंह, विक्की सिंह, रिंकू सिंह ने इस आयोजन को सफल बनाने में विशेष भूमिका निभाई।
इस शोभायात्रा में हर समुदाय के लोग बड़ी संख्या में शामिल हुए। इनमें मुकेश कुमार शर्मा, रवि मोदनवाल, रोहन शर्मा, राहुल गौड़, किशमाती देवी सहित नगर के गणमान्य नागरिक शामिल थे। सभी ने मिलकर इस शोभायात्रा को एकता और श्रद्धा का प्रतीक बनाया।
शोभायात्रा के समापन पर विधायक ऋषि त्रिपाठी ने वीर बाल दिवस के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि यह दिवस हमें गुरु गोविंद सिंह के चार साहिबजादों और उनकी माता के बलिदान की याद दिलाता है। यह बलिदान हमारे समाज के लिए प्रेरणादायक है और हमें हमेशा उनके आदर्शों का अनुसरण करना चाहिए।