नौतनवा: जमुहानी में डॉ. भीमराव अंबेडकर की मूर्ति स्थापना कार्यक्रम सम्पन्न

नौतनवा: जमुहानी में डॉ. भीमराव अंबेडकर की मूर्ति स्थापना कार्यक्रम सम्पन्न

नौतनवा, (लाल बहादुर जायसवाल):   ग्राम सभा जमुहानी में आज एक ऐतिहासिक कार्यक्रम आयोजित किया गया, जिसमें भारत के संविधान निर्माता और सामाजिक न्याय के प्रतीक डॉ. भीमराव अंबेडकर की मूर्ति की स्थापना की गई। यह आयोजन सामाजिक चेतना और बौद्धिक समानता को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से किया गया।

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कार्यक्रम की अध्यक्षता श्रवण कुमार पासवान, कार्यक्रम समिति के अध्यक्ष, ने की। मुख्य अतिथियों में मनोज कुमार गौतम, तहसील अध्यक्ष, भारतीय बौद्ध महासभा; राजेंद्र बौद्ध, जिला सचिव; विष्णु बौद्ध, महासचिव; और सर्वेश गौतम, पूर्व विधानसभा प्रत्याशी (316 नौतनवा), शामिल थे। इनके साथ ही कार्यक्रम में चंद्रभान, दिवाकर, दुर्गा दीवाना, संदीप आजाद, सुनील गौतम, सुरेंद्र राजभर, और विक्रम यादव ने भी अपनी उपस्थिति दर्ज कराई।

कार्यक्रम में बड़ी संख्या में महिलाओं ने भी भाग लिया, जिनमें शीला, लालमती, इंद्रावती, सुनीता आदि का नाम प्रमुखता से शामिल है। बच्चों और युवाओं में अंश, अस्मिता, मनीषा, श्याम, सुनील, सूरज और निशा ने भी कार्यक्रम में भाग लेकर इसे जीवंत बनाया।

कार्यक्रम की झलकियां

  • मूर्ति अनावरण: कार्यक्रम की शुरुआत डॉ. भीमराव अंबेडकर की प्रतिमा के अनावरण से हुई। इसे फूलों और मालाओं से सजाया गया, जो बाबा साहेब के प्रति सम्मान और आभार का प्रतीक था।
  • सांस्कृतिक प्रस्तुतियां: बच्चों और युवाओं ने बाबा साहेब के जीवन और संघर्षों पर आधारित सांस्कृतिक प्रस्तुतियां दीं, जिससे पूरे कार्यक्रम में जागरूकता और प्रेरणा का संचार हुआ।
  • विचार गोष्ठी: विभिन्न वक्ताओं ने बाबा साहेब के जीवन, विचारों, और संविधान निर्माण में उनके योगदान पर अपने विचार साझा किए। मनोज कुमार गौतम ने कहा, “डॉ. अंबेडकर ने हमें समानता और न्याय का मार्ग दिखाया। यह मूर्ति आने वाली पीढ़ियों को प्रेरणा देती रहेगी।”
  • महिलाओं की भागीदारी: इस आयोजन में महिलाओं की सक्रिय भागीदारी ने इसे और अधिक प्रभावी बनाया। उन्होंने समाज में समानता और शिक्षा के महत्व पर अपने विचार रखे।

समाज में नई ऊर्जा का संचार

कार्यक्रम का आयोजन पूरे क्षेत्र में चर्चा का विषय बना हुआ है। इसे स्थानीय समाज में जागरूकता और सामाजिक समानता के प्रति एक नई ऊर्जा का संचार करने वाला माना जा रहा है।

आयोजन के समापन पर उपस्थित सभी लोगों ने बाबा साहेब के आदर्शों पर चलने और सामाजिक भेदभाव को समाप्त करने का संकल्प लिया। यह कार्यक्रम डॉ. अंबेडकर के विचारों और उनके द्वारा दिखाए गए मार्ग को आगे बढ़ाने का एक प्रेरणादायक उदाहरण बन गया।

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